Greater Noida Lift Accident: दो वर्ष से लिफ्ट का नहीं हुआ था तकनीकी निरीक्षण, सेफ्टी डिवाइस भी थी खराब
Greater Noida Lift Accident तकनीकी टीम के द्वारा लिफ्ट का हर छह माह में निरीक्षण कराने का नियम है। गिरधारी लाल कंस्ट्रक्शन कंपनी ने दो वर्ष से लिफ्ट का निरीक्षण नहीं कराया था। अप्रशिक्षित स्टाफ से सिर्फ ग्रीसिंग करा कर लिफ्ट का प्रयोग किया जा रहा था। इस कारण सेफ्टी डिवाइस खराब हो गई थी। सेफ्टी डिवाइस खराब होने के कारण रुकने की बजाए लिफ्ट नीचे गिर गई।
ग्रेटर नोएडा, मनीष तिवारी। Greater Noida Lift Accident: तकनीकी टीम के द्वारा लिफ्ट का हर छह माह में निरीक्षण कराने का नियम है। गिरधारी लाल कंस्ट्रक्शन कंपनी ने दो वर्ष से लिफ्ट का निरीक्षण नहीं कराया था। अप्रशिक्षित स्टाफ से सिर्फ ग्रीसिंग करा कर लिफ्ट का प्रयोग किया जा रहा था। इस कारण सेफ्टी डिवाइस खराब हो गई थी। सेफ्टी डिवाइस खराब होने के कारण रुकने की बजाए लिफ्ट नीचे गिर गई।
पुलिस के हाथ यह अहम जानकारी गिरधारी लाल कंस्ट्रक्शन कंपनी के जीएम लवजीत कुमार की गिरफ्तारी के बाद हुई पूछताछ में लगी है। जीएम के बयान को पुलिस अपनी जांच रिपोर्ट में शामिल करेगी। जिसके आधार पर कुछ अन्य लोगों का नाम भी एफआइआर में शामिल किया जा सकता है। लवजीत कुमार ने पुलिस को बताया है कि निर्माण साइट पर लिफ्ट पिछले कई साल से लगी थी।
लगातार हो रहा था लिफ्ट का उपयोग
नियमित काम चलने के कारण लिफ्ट का प्रयोग लगातार किया जा रहा था। हर छह माह में किसी थर्ड पार्टी की टेक्नीकल टीम से लिफ्ट का निरीक्षण कराया जाता है। निरीक्षण लगभग दो वर्ष पूर्व कराया गया था। उन्होंने पुलिस को बताया कि लिफ्ट में एक सेफ्टी डिवाइस लगी होती है। जिसका मुख्य कार्य लिफ्ट में किसी भी प्रकार की दिक्कत आने पर उसी स्थान पर रोक देने होता है। डिवाइस खराब हो गई थी, उसे सही नहीं कराया जा रहा था।
पुलिस की तरफ से कराई गई जांच में सेफ्टी डिवाइस खराब होने की बात को सही पाया है। यदि डिवाइस सही होती तो 14 वें फ्लोर से नीचे आने की बजाए लिफ्ट वहीं पर रुक जाती। लवजीत ने पुलिस को यह भी बताया है कि साइट के मैकेनिकल इंचार्ज राहुल को लिफ्ट संचालन संबंधी कोई जानकारी नहीं थी। वह कुछ माह में सिर्फ ग्रीसिंग करा कर लिफ्ट का संचालन करा रहा था। दर्ज की गई एफआइआर में उसका नाम भी शामिल है। पूछताछ के बाद जो जानकारी मिली है पुलिस उसे अपनी रिपोर्ट में शामिल करेगी।
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प्रशासन ने एनबीसीसी को भेजा पीड़ितों का बैंक अकाउंट नंबर
घटना में आठ लोगों की मृत्यु हुई थी। सभी मृतक के स्वजन को 25-25 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की गई थी। एसडीएम आलोक कुमार गुप्ता ने बताया कि सभी पीड़ित स्वजन के बैंक अकाउंट नंबर प्राप्त कर जांच करा ली गई है। मुआवजे में बीस लाख रुपये एनबीसीसी व पांच लाख रुपये कोर्ट रिसीवर के द्वारा दिया जाना है। बैंक अकाउंट की डिटेल एनबीसीसी व कोर्ट रिसीवर को उपलब्ध करा दी गई है।
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