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YEIDA क्षेत्र की बिल्डर प्रोजेक्ट में 14 हजार से अधिक खरीदारों को मिलेगा अपना घर, बिल्डरों को भी मिलेगी काफी राहत

योगी सरकार ने अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है। इससे बिल्डरों को राहत के साथ रुकी हुई फ्लैट रजिस्ट्री हो सकेंगे। बिल्डर परियोजनाओं को निर्माण पूरा होने से खरीदारों को कब्जा मिल सकेगा। बिल्डरों को तकरीबन ढाई हजार करोड़ रुपये की राहत मिलेगी। समिति की सिफारिश पर बिल्डरों को दो साल का शून्य काल का लाभ मिलेगा।

By Arvind MishraEdited By: Shyamji TiwariUpdated: Tue, 19 Dec 2023 08:55 PM (IST)
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14 हजार से अधिक खरीदारों को मिलेगा अपना घर

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। यमुना प्राधिकरण (यीडा) क्षेत्र की बिल्डर परियोजनाओं में फ्लैट खरीदने वाले 14 हजार से अधिक लोगों का सपना जल्द पूरा हो जाएगा। प्रदेश कैबिनेट ने अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है। इससे बिल्डरों को राहत के साथ रुकी हुई फ्लैट रजिस्ट्री हो सकेंगे।

बिल्डरों को भी ढाई हजार करोड़ की राहत

बिल्डर परियोजनाओं को निर्माण पूरा होने से खरीदारों को कब्जा मिल सकेगा। बिल्डरों को तकरीबन ढाई हजार करोड़ रुपये की राहत मिलेगी। बिल्डर परियोजनाओं में फ्लैट खरीदकर हजारों लोग फंसे हुए हैं। वर्षों गुजरने के बावजूद इन खरीदारों को फ्लैट पर कब्जा नहीं मिला है। जिन खरीदारों को कब्जा मिल चुका है, वह भी मालिकाना हक के लिए भटक रहे हैं।

बिल्डरों पर प्राधिकरण का बकाया होने के कारण परियोजनाओं को अधिभाेग, पूर्णता प्रमाण पत्र जारी नहीं हो पा रहा है। वहीं रकम न होेने के कारण बिल्डर अधूरी परियोजना को पूरा करने में नाकाम हैं। नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण से प्रभावित लाखों लोगों को राहत देने और अधर में फंसी बिल्डर परियोजनाओं का रास्ता साफ करने के लिए अमिताभ कांत समिति ने सिफारिश की थीं।

13 बिल्डर परियोजनाओं को होगा फायदा

इसे प्रदेश सरकार ने स्वीकार कर लिया है। इससे यमुना प्राधिकरण की 13 बिल्डर परियोजनाओं को फायदा होगा। इसमें नाै बिल्डर परियोजना के लिए प्राधिकरण ने ग्रुप हाउसिंग भूखंड आवंटित किए थे। शेष परियोजना बिल्डरों से खरीदी गई जमीन पर विकसित हुई हैं। इन परियोजना में 24396 फ्लैट की बिक्री हुई है। अभी तक 10038 फ्लैट की रजिस्ट्री हो चुकी है, 14358 फ्लैट की रजिस्ट्री अभी होना शेष हैं।

इसमें सबसे अधिक जेपी एसोसिएट्स की परियोजना में 3095 फ्लैट हैं। थ्री सी होम्स प्रा. लि, जेपी एसोसिएट्स प्रा. लि., सुपरटेक व अजनारा बिल्डर की परियोजना में कुल 4662 फ्लैट हैं। यह परियोजनाएं निरस्त होने के बाद न्यायालय या फिर एनसीएलटी में विचाराधीन हैं। बिल्डरों पर प्राधिकरण का 4720.11 करोड़ रुपये बकाया है। इसमें भूखंड की मूल राशि के अलावा लीजरेंट, किसानों को वितरित होने वाली 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजा राशि व ब्याज शामिल है।

बिल्डरों का बकाया राशि पर ब्याज होगा माफ

समिति की सिफारिश पर बिल्डरों को दो साल का शून्य काल का लाभ मिलेगा। इस अवधि के दौरान बकाया राशि पर ब्याज माफ हो जाएगा। बिल्डरों को इससे काफी राहत मिलेगी। उन पर बकाया राशि का बोझ कम होगा। परियोजना को पूरा करने लिए रकम जुटाना आसान हो जाएगा। इससे अधूरी परियोजनाओं को पूरा करना संभव होगा। हालांकि प्राधिकरण को करीब ढाई हजार करोड़ रुपये का नुकसान होगा।

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