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Hathras Stampede: 'भोले बाबा' की संपत्तियों का ब्योरा खंगाल रहा प्रशासन, क्या बड़ी कार्रवाई करेगी योगी सरकार?

बीते दिन हाथरस (Hathras Case) में हुई भगदड़ में सैकड़ों लोगों की जान चली गई थी। अब इस पर नोएडा प्रशासन की तरफ से बाबा की संपत्ति तलाशने का निर्देश दिया गया है। अब यह जानकारी प्राधिकरण अधिकारियों को देनी है। भोले बाबा उर्फ सूरज पाल का हाथरस में सत्संग चल रहा था। उसी दौरान अचानक भगदड़ मची। जिसमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चों की मौत हो गई।

By Jagran News Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Sat, 06 Jul 2024 01:24 PM (IST)
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Hathras Satsang Accident: सूरज पाल की संपत्ति तलाश में जुटे प्राधिकरण अधिकारी। फाइल फोटो

 जागरण संवाददाता, नोएडा। हाथरस में भोले बाबा उर्फ सूरज पाल के सत्संग में हुई भगदड़ में सैकड़ों लोगों की जान चली गई। कई लोगों का घर इस भगदड़ में उजड़ गया। हादसे के बाद से ही भोले बाबा फरार है। अब भोले बाबा की संपत्ति की जानकारी ली जा रही है।

बाबा की संपत्ति तलाशने के  शासन ने दिए निर्देश

नोएडा, ग्रेटर नोएडा में बाबा की संपत्ति तलाशने के निर्देश शासन की ओर से दिया गया है। यह जानकारी प्राधिकरण अधिकारियों को देनी है। इसके बाद बड़ी कार्रवाई हो सकती है। बाबा के यूपी के कई जिलों में बड़े और भव्य आलीशान आश्रम है। ट्रस्ट के नाम पर मैनपुरी, कासगंज, आगरा, कानपुर और ग्वालियर में कई बड़े आश्रम है।

ऐसा ही एक आश्रम नोएडा स्थित इलाबास गांव में खसरा नंबर-90 पर बना हुआ है। यह आश्रम गांव के बीच में है। आबादी की जमीन पर प्राधिकरण ने अब तक इस जमीन को अधिग्रहीत नहीं किया है। प्राधिकरण ने अब तक इस पर कोई कार्रवाई का निर्णय नहीं लिया है। शासन से निर्देश का इंतजार है।

आश्रम के अंदर और बाहर हर स्थान पर बाबा के पोस्टर

प्राधिकरण अधिकारियों ने कहना है कि यह आश्रम भोले बाबा उर्फ सूरज पाल के नाम पर नहीं है। यह आश्रम किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर है। आश्रम के अंदर और बाहर हर स्थान पर बाबा के पोस्टर लगे हैं। यहां के सेवादार ने भी बताया कि दो साल पहले बाबा एक बार यहां आए थे। इसके बाद से यहां नहीं आए।

इन लोगों की संपत्ति यहां किसी और नाम से हो सकती है। इसलिए आवंटन की फाइलों को खंगाला जा रहा है। जल्द ही प्राधिकरण की टीम भी आश्रम जा सकती है। सूरज पाल के बाबा बनने की कहानी कोरोना के बाद शुरू हुई थी। इस दौरान इनके अनुयायियों ने संपत्ति भी बनाई।

ऐसे में वर्ष 2020 और उसके बाद की आंवटन फाइलों को खंगाला जा रहा है। जो भी संपत्ति मिलेगी इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। ऐसे बाबा अपने नाम पर संपत्ति नहीं लेते, इनके पारिवारिक नाम से भी संपत्ति की तलाश की जा रही है।

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