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हाथरस भगदड़ में छूटा मां का हाथ, आंखों के सामने रौंद गई हजारों की भीड़; ग्रेटर नोएडा की दो महिलाओं की मौत

Hathras Stampede हाथरस में भोले बाबा (Bhole Baba Satsang) के सत्संग में मची भगदड़ में दादरी की दो महिलाओं की मौत हो गई। वहीं तीन घायल हुई हैं। मृतकों के शव घर पहुंच गए और उनका अंतिम संस्कार कराया गया। जिन महिलाओं की मौत हुई है वो बुजुर्ग हैं। स्वजन उनका पोस्टमॉर्टम कराए बगैर ही शव को दादरी ले आए थे।

By narendra kumar tomar Edited By: Geetarjun Updated: Wed, 03 Jul 2024 08:50 PM (IST)
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हाथरस में हुए हादसे में घायल को अस्पताल ले जाते स्वजन।
ग्रेटर नोएडा, जागरण संवाददाता। हाथरस जिले में मंगलवार को बाबा नारायण साकार विश्व हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग के दौरान मची भगदड़ के गहरे जख्म दादरी के लोगों को भी मिले हैं। सत्संग में शामिल होने के लिए बस से दादरी क्षेत्र साठ लोग गए थे। बस लोगों को लेकर सोमवार रात रवाना हुई थीं।

इन महिलाओं की हुई मौत

इस बस में दादरी रेलवे रोड पर तुलसी विहार कॉलोनी की रहने वाली प्रेमवती (70) अपनी बेटी कमलेश (50) के साथ गई थीं। गगन विहार कॉलोनी की सुमंत्रा (60) अपने पति मान सिंह व दो पड़ोसी अनिता और बबिता के साथ गई थीं। भगदड़ में प्रेमवती और सुमंत्रा की मौत हो गई। कमलेश, अनीता और बबिता घायल हैं।

घर लाए गए दोनों के शव

सुमंत्रा के शव का स्वजन ने मंगलवार शाम को ही दादरी में अंतिम संस्कार कर दिया, स्वजन उनका पोस्टमॉर्टम कराए बगैर ही शव को दादरी ले आए थे। प्रेमवती का शव बुधवार को दादरी पहुंचा। एसडीएम दादरी अनुज नेहरा और तहसीलदार ने पीड़ितों के घर जाकर उन्हें ढांढस बंधाया और मदद का आश्वासन दिया।

सोमवार रात को घर से सत्संग को निकले

पुलिस के अनुसार, सोमवार रात दादरी से दो बसें सत्संग के लोगों को लेकर हाथरस के लिए रवाना हुई। बस में करीब करीब 60 सवारी थीं। सत्संग में भगदड़ मचने से गगन विहार की सुमंत्रा और तुलसी विहार की प्रेमवती की मौत हो गई। हादसे के बाद से कमलेश सदमे में है।

भगदड़ में छूटा हाथ

हादसे के समय उन्होंने अपनी मां प्रेमवती का हाथ पकड़ रखा था, लेकिन भगदड़ में कमलेश से मां का हाथ छूट गया। प्रेमवती लोगों के पैरों के नीचे आ गई। कमलेश के देखते ही देखते प्रेमवती के ऊपर से हजारों की भीड़ गुजर गई। उनके सामने की मां के शव को एंबूलेंस से ले जाया गया।

सेवादारों ने किया फोन

कमलेश को लगा की प्रेमवती के शव को दादरी ले जाया गया है। वह भी बस में सवार होकर मंगलवार रात दादरी पहुंच गई। बस के साथ दादरी से हाथरस गए सेवादारों का फोन स्वजन के पास पहुंचा और प्रेमवती की मौत की सूचना मिली। इसके बाद प्रेमवती के बेटा रमेश कुमार मां का शव लेने के लिए हाथरस रवाना हो गया था।

किया गया अंतिम संस्कार

पोस्टमॉर्टम के बाद हाथरस जिला प्रशासन ने बुधवार को एंबूलेंस से प्रेमवती का शव दादरी पहुंचाया। शव के साथ स्वजन के अलावा दो पुलिसकर्मी भी थे। स्वजन के शव का अंतिम संस्कार कर दिया। दिन भी लोगों को उनके घर पर सांत्वना देने आने का सिलसिला लगा रहा।

हादसे में सुमंत्रा भी अपने पति मान सिंह व पड़ोसी बबिता और अनीता के साथ सत्संग में गई थीं। भगदड़ में वह भी गंभीर घायल हो गईं। पति मान सिंह एंबूलेंस के साथ उन्हें सरकारी अस्पताल लेकर पहुंचे। वहां डॉक्टर तमाम प्रयास के बावजूद सुमंत्रा को नहीं बचा सके, लेकिन मान सिंह को डाक्टर की बात पर भरोसा नहीं हुआ तो वह सुमंत्रा को लेकर निजी अस्पताल पहुंचे, वहां भी चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

मान सिंह की सूचना पर उनका बेटा प्रमोद किराये पर एंबुलेंस लेकर हाथरस पहुंचा। शाम को ही स्वजन शव का पोस्टमॉर्टम कराए बगैर ही दादरी लौट आए और शव का अंतिम संस्कार कर दिया। हादसे में घायल बबिता और अनीता का उपचार चल रहा है। मान सिंह प्रत्येक माह होने वाले सत्संग में करीब 15 साल से नियमित रूप से जा रहे थे। पड़ोसी महिलाओं ने तीन माह से ही सत्संग में जाना शुरू किया था।

प्रेमवती के बेटे रमेश कुमार ने बताया कि पिता दलबीर की मौत 14 साल पहले हो गई थी। मां प्रेमवती पिछले करीब 20 साल से प्रत्येक सत्संग में जा रही थी। प्रत्येक माह के पहले सोमवार को दादरी से एक बस सत्संग के लिए लोगाें को लेकर जाती थी। इस बार दो बस गई थीं।

सुमंत्रा के बेटे प्रमोद कुमार ने बताया कि पिता मान सिंह के अनुसार हादसे के समय भीड़ को मंच की ओर बढ़ने से रोकने के लिए सेवादार पानी की बौछार कर रहे थे। हादसे के काफी देर बार मदद पहुंची।

तहसीलदार दादरी ओपी पासवान ने बताया कि प्राप्त सूचना में प्रेमवती व सुमंत्रा की मौत की सूचना मिली है, जबकि कमलेश, बबीता व अनिता घायल हैं। घायलों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है।

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