AC Using Tips: चलाते हैं AC तो रखें इन बातों का ध्यान, जरा सी लापरवाही लगा देगी आपके घर में आग
गर्मी का कहर दिनोदिन लगातार बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में गर्मी से बचने के लिए हर दूसरे घर में एसी (AC Using Tips) का इस्तेमाल हो रहा है। एसी में आग लगने कंप्रेसर फटने की घटनाएं भी बढ़ रही हैं। इस लेख के माध्यम से आप जानेंगे कि एसी में आग लगने के प्रमुख कारण क्या हैं और कैसे इनसे सावधानी बरतें।
जागरण संवाददाता, नोएडा। गर्मी बढ़ने के साथ ही एसी का प्रयोग अधिक किए जाने के कारण एसी में आग लगने, कंप्रेसर फटने की घटनाएं भी बढ़ रही हैं। विशेषज्ञों के अनुसार भीषण गर्मी के साथ एसी का सही तरीके से रखरखाव न करने से भी आग लगने की घटनाएं बढ़ जाती हैं।
जेपी इंस्टीट्यूट में इलेक्ट्रानिक्स विभाग के प्रोफेसर डा. अभय कुमार और एसी मैकेनिक मोहसीन सैफी ने बताए कारण और दिए सतर्कता के सुझाव।
एसी में आग लगने के प्रमुख कारण
- खराब गुणवत्ता वाले केबल और प्लग का इस्तेमाल।
- वोल्टेज का कम रहना या लगातार उतार-चढ़ाव होना।
- गलत गैस का इस्तेमाल।
- एसी के अंदर कंडेंसर पर गंदगी, धूल की परत जमा होना।
- लगातार एसी का चलते रहना।
- एसी से बाहर निकलने वाली हवा के मार्ग में अवरोध।
- निर्धारित समय पर सर्विस न कराना।
यह सावधानी जरूर बरतें
- अधिक लोड लेने वाले उपकरणों को एक साथ न चलाएं।
- एसी चलाने के दौरान वाशिंग मशीन व इंडक्शन को चलाने से बचें।
- एसी का तापमान 24 पर रखें, यह सबसे आदर्श स्थिति है।
- घर में दो या उससे अधिक एसी हैं, तो एक बार में एक का प्रयोग करें।
- मिनी सर्किट ब्रेकर एमसीबी का प्रयोग करें।
- एल्यूमीनियम की जगह कापर वायर लगाएं।
- उपयोग हो रही बिजली के मुताबिक लोड बढ़ाएं।
- वायरिंग ठीक करवाएं, आईएसआई मार्क का वायर ही प्रयोग करें।
- प्रत्येक दो माह में सर्विस जरूर करवाएं, अगर आसपास धूल, धुआं या कपड़े, पेंट या धातु के महीन कण उड़ते हैं, तो प्रत्येक माह सर्विस कराएं।
- यह सुनिश्चित करें कि पोल से वायर ढीला न बंधा हो।
- विंडो एसी को धूप से बचाने के लिए उसके ऊपर फाइबर शेड लगाएं।
- एसी का फिल्टर नियमित साफ करें।
- एसी की वायर लाइन घर के इलेक्ट्रानिक उपकरणों से अलग हो, तो बेहतर है।
- एसी का प्रयोग करने के दौरान रोशनी का प्रयोग कम करें, इससे कमरे में ठंडक बढ़ेगी।
- एसी की हवा को कमरे से बाहर जाने से रोकने की व्यवस्था करें।
विस्तार से समझें
एसी चाहे विंडो हो या फिर स्प्लिट हो, उससे 60 से 70 डिग्री सेल्सियस गर्मी आउटडोर यूनिट से बाहर निकलती है। उसी के अनुसार वह कूलिंग करता है। धूल जमा होने की स्थिति में गर्मी बाहर नहीं निकल पाती और कूलिंग भी कम होने लगती है।एसी के अंदर प्रेशर बनता है और आग लगने की आशंका बढ़ जाती है। स्थिति में बिना बंद किए ही एसी का लगातार प्रयोग करने से कंप्रेसर ब्लास्ट होने की संभावना बढ़ जाती है। -आग लगने से पहले अलार्म देने वाले सेंसर का प्रयोग किया जा सकता है। जिससे आग लगने से पहले ही पता लग सके।
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