Noida Twin Tower Demolition: दुनियाभर में इमारतों को ध्वस्त करने का इतिहास, केरल में एक साथ ढहाए गए थे 4 टावर
Noida Twin Tower Demolition नोएडा में नियमों को ताक पर रखकर बनाए गए सुपरटेक के ट्विन टावर को 28 अगस्त को ध्वस्त किया जाएगा। देश में 13 जनवरी 2020 को केरल के मराडु में चार टावर ध्वस्त किए गए। इनमें तीन 17 मंजिल और एक 19 मंजिल का था।
नोएडा, जागरण संवाददाता। अब तक देश में एक जगह चार आवासीय टावर को एक साथ ध्वस्त किया गया है। ये टावर केरल में थे और इनमें से तीन की ऊंचाई 17 मंजिल और एक की ऊंचाई 19 मंजिल थी। वहीं देश के बाहर अब तक करीब 200 इमारतों को गिराया जा चुका है।
परंपरागत तरीके से तोड़ी गई 100 मीटर से ऊंची 19 इमारतें
इनमें सबसे पहले ब्राजील में वर्ष 1975 में विल्सन मेंडस नामक 110 मीटर ऊंची इमारत को मेट्रो स्टेशन का रास्ता बनाने के लिए ध्वस्त किया गया था। 100 मीटर से ऊंची 19 इमारतें परंपरागत तरीके से तोड़ी गई हैं। दुनियाभर में अभी तक करीब 50 मीटर से ऊंचे 200 टावर ध्वस्त किए गए हैं।
अब तक ध्वस्त की गई विश्व की सबसे ऊंची इमारत यूनाइटेड अरब अमीरात की मीना प्लाजा है। इसकी ऊंचाई 168.5 मीटर थी। इसे वर्ष 2020 में ध्वस्त किया गया था। इसका कारण निर्माण कार्य पूरा नहीं होना बताया गया था।
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नोएडा: 28 अगस्त जमींदोज होंगे सुपरटेक के ट्विन टावर
उल्लेखनीय है कि नोएडा के सेक्टर-93 स्थित अवैध ट्विन टावर को गिराने के लिए विस्फोटक लगाने का काम सोमवार को पूरा हो गया। दोनों टावर में विस्फोटक लगाने का काम 16 टीमों ने किया है। इस काम में 40 से ज्यादा लोग शामिल रहे। उल्लेखनीय है कि 28 अगस्त को विस्फोट कर दोनों टावरों को जमींदोज किया जाएगा।
प्रदूषण रोकने की योजना नहीं उपलब्ध करा सका प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
देश के सबसे बड़े टावर ध्वस्तीकरण के बाद प्रदूषण रोकने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से कोई योजना अभी तक उपलब्ध नहीं कराई गई है। इसको लेकर लोगों में रोष है। लोग प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के होने पर ही सवाल उठा रहे है।
उनका कहना है कि एपेक्स व सियान टावर के कारण लोगों को सबसे अधिक परेशानी होगी। बावजूद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की चुप्पी हैरान करती है। मामले में लोगों द्वारा लगातार संपर्क करने पर भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया जा रहा है।