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ICSE, ISC Result 2024: नोएडा में 10वीं में नमन और 12 वीं में अनन्या और अधिराज ने किया जिला टॉप

नोएडा जिले में 10 वीं का शत प्रतिशत और 12वीं का 99.02 प्रतिशत परिणाम रहा। जिले में सीआइएससीई के तीन स्कूल हैं। जिले में दसवीं की परीक्षा में 469 जबकि 12वीं में 308 छात्र शामिल हुए थे। छात्र नमन सोनपर ने 10वीं में जिला टॉप किया है। 12वीं में भी द श्री राम मिलेनियम स्कूल की छात्रा अनन्या सन्याल और अधिराज सिंह जमवाल ने जिला टॉप किया।

By Ankur Tripathi Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Tue, 07 May 2024 09:56 AM (IST)
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नोएडा में 10वीं में नमन और 12 वीं में अनन्या और अधिराज ने किया जिला टॉप
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। काउंसिल फार द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआइएससीई) ने सोमवार सुबह 11 बजे आइसीएसई 10वीं व आइएससी 12वीं का परीक्षाफल घोषित कर दिया। जिले में 98.8 प्रतिशत अंक के साथ नोएडा के श्री राम मिलेनियम स्कूल के छात्र नमन सोनपर ने 10वीं में जिला टॉप किया है।

12वीं में भी द श्री राम मिलेनियम स्कूल की छात्रा अनन्या सन्याल और अधिराज सिंह जमवाल ने 97 प्रतिशत अंक के साथ जिला टॉप किया है। पिछले सत्र में भी 10वीं में बालकों ने ही टॉप किया था। जिले में 10 वीं का शत प्रतिशत और 12वीं का 99.02 प्रतिशत परिणाम रहा।

जिले में सीआइएससीई के तीन स्कूल हैं। जिले में दसवीं की परीक्षा में 469, जबकि 12वीं में 308 छात्र शामिल हुए थे। जनपद में जीसस एंड मैरी कान्वेंट स्कूल,सेंट जोसेफ स्कूल और द श्री राम मिलेनियम स्कूल का 10वीं का परिणाम शत प्रतिशत रहा।

12वीं में शत प्रतिशत रहा द श्री राम मिलेनियम स्कूल का परिणाम

वहीं 12वीं में द श्री राम मिलेनियम स्कूल का परिणाम शत प्रतिशत रहा। जीसस एंड मैरी स्कूल में 95 में से 93 छात्रों को ही सफलता हाथ लगी। सेंट जोसेफ स्कूल के 156 में से 155 छात्रों ने परीक्षा पास की। 10 वीं में द श्री राम मिलेनियम स्कूल की साची मेहता और विदिता गुप्ता 98.6 प्रतिशत अंक के साथ दूसरे स्थान पर रहीं।

वहीं सेंट जोसेफ स्कूल की वैष्णवी सिंह 98.40 प्रतिशत अंक के साथ तीसरे स्थान पर रहीं। 12 वीं में द श्री राम मिलेनियम स्कूल की पूर्वांसिका दत्त और सिया ग्रोवर 96.3 प्रतिशत अंक के साथ जिले में संयुक्त रूप से दूसरे स्थान पर रहीं। वहीं जीसस एंड मैरी कान्वेंट स्कूल की अनन्या उपाध्याय ने 95.75 प्रतिशत अंक लाकर तीसरा स्थान हासिल किया।

कुर्सी फांदकर नोटिस बोर्ड की ओर दौड़े छात्र

सीआइएससीई दसवीं और बारहवीं का परीक्षा परिणाम देख छात्रों के चेहरे खिल उठे। दसवीं के छात्रों को जैसे ही पता चला कि उनका परिणाम घोषित हो गया। उनका कक्षा में मन ही नहीं लगा। वह स्कूल में शिक्षकों से बार बार पूछने लगे कि उनके कितने प्रतिशत अंक आए हैं। इसकी उन्हें जानकारी दे दी जाए।

शिक्षकों की ओर से छात्रों को बताया गया कि सभी छात्रों का परिणाम देखा जा रहा है। कुछ ही देर में नोटिस बोर्ड पर परिणाम चस्पा कर दिया जाएगा। शिक्षकों के बताने के बाद भी छात्रों का पढ़ाई में मन नहीं लग रहा था। उनके मन में परिणाम देखने की जिज्ञासा जाग रही थी।

बता दें कि 10वीं के अधिकतर छात्र सोमवार को स्कूल में ही मौजूद थे। कक्षाओं के चलने के कारण उनके पास परिणाम देखने का कोई साधन नहीं था। जैसे ही शिक्षकों की ओर से कहा गया कि सभी छात्र पास हो गए हैं। उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था।

शिक्षकों ने उन्हें नोटिस बोर्ड पर परिणाम चस्पा होने की जानकारी दी, वह अपनी कुर्सियों को फांदकर नोटिस बोर्ड की ओर दौड़ पड़े। नोटिस बोर्ड पर परिणाम देखने की आपाधापी दिखाई दी। परिणाम देखकर छात्रों ने खुशी जाहिर की। वहीं 12वीं के छात्र भी परिणाम देखकर स्कूलों में पहुंचे और शिक्षकों से आशीर्वाद लिया।

कक्षा 10 में जिले में तीसरे स्थान पर रही टॉपर से बातचीत

अधिकारी बन देश की सेवा करना वैष्णवी का सपना

ग्रेटर नोएडा की ओमेक्स पाम ग्रीन सोसायटी में रहने वाली वैष्णवी सिंह ने 10वीं की परीक्षा में जिले में तीसरा स्थान पाया है। उन्होंने बताया कि वह अपने माता-पिता की इकलौती संतान है। पिता कुलदीप सिंह एक कंपनी में प्रबंधक के पद पर हैं। उनका सपना अधिकारी बनकर देश की सेवा करना है।

उसकी तैयारी उन्होंने अभी से शुरू कर दी है। वैष्णवी ने बताया कि वह स्कूल के अलावा घर पर करीब पांच घंटे से अधिक पढ़ती थी। घर पर ही रहकर उन्होंने पढ़ाई की। सभी परीक्षा अच्छी हुई थी। अच्छे नंबर आने की उम्मीद थी,लेकिन यह नहीं सोचा था कि जिले में तीसरा स्थान हासिल करुंगी। शिक्षकों का काफी सहयोग मिला।

12वीं में अनन्या उपाध्याय रहीं तीसरे स्थान पर

डॉक्टर बनने का सपना

सेक्टर म्यू दो में रहने वाली अनन्या उपाध्याय का सपना डॉक्टर बनने का है। उन्होंने बताया कि वह इसके लिए तैयारी कर रही है। 12वीं की पढ़ाई के साथ ही वह मेडिकल की भी तैयारी कर रही हैं।

उन्होंने बताया कि कोरोना काल में डॉक्टरों ने ही सबका जीवन बचाया था। वह देश की सेवा करने के लिए डॉक्टर बनना चाहती हैं। उन्होंने बताया कि वह घर पर प्रतिदिन छह घंटे पढ़ाई करती थी। पढ़ाई के दौरान शिक्षकों और अभिभावकों का काफी सहयोग मिला।

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