AI से होने वाली ठगी से बचना है तो अंजान नंबर से न उठाएं वीडियो कॉल, खाली हो सकता है बैंक अकाउंट
एआइ का सहारा लेकर साइबर ठग पीड़ित का परिचित या रिश्तेदार बनकर वायस व वीडियो कॉल करते हैं। पीड़ित को लगता है कि यह तो उसके परिचित का फोन है लेकिन यह सब आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के जरिये सिर्फ ठगी के लिए किया जा रहा है। दावा किया है कि बच्चे के रोने की आवाज व सेक्सटार्शन के जरिये लोगों को ठगी का शिकार बनाया जा रहा है।
By Praveen SinghEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Tue, 07 Nov 2023 08:26 AM (IST)
प्रवीण विक्रम सिंह, ग्रेटर नोएडा। जैसे-जैसे तकनीक में इजाफा हो रहा है, साइबर ठग भी उसी तरह ठगी का तरीका अपडेट कर रहे हैं। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) से होने वाली ठगी की संख्या में इजाफा तो हो रहा है, लेकिन समाज में होने वाली चर्चा व लोकलाज के चलते पीड़ित इसकी शिकायत पुलिस से नहीं कर रहे हैं।
सूत्रों ने दावा किया है कि बच्चे के रोने की आवाज व सेक्सटार्शन के जरिये लोगों को ठगी का शिकार बनाया जा रहा है। यह सब एआइ तकनीक के सहारे डीप फेक के जरिये किया जा रहा है।
ऐसे होती है एआइ से ठगी
साइबर ठग को डाटा चोरी होने के बाद मिलने वाले नंबर पर वह फोन करते हैं। उसकी आवाज को रिकार्ड कर लेते हैं। इंटरनेट मीडिया या उस नंबर पर वाट्सएप पर लगी फोटो को कापी कर ठगी एआइ तकनीक से किसी पहचान वाले या रिश्तेदार का वीडियो तैयार करते हैं। उस वीडियो को कॉल के साथ सेट कर देते हैं।Also Read-
उसके जरिये वीडियो कॉल की जाती है और कहा जाता है कि वह मुसीबत में है और उसको तत्काल इतने रुपये की मदद चाहिए। जिसे वीडियो कॉल की जाती है, वह विश्वास कर उसके बताए नंबर पर रुपये ट्रांसफर कर देता है। बाद में उसको पता चलता है कि उसके साथ साइबर फ्राड हुआ है। ठग ने एआइ से ठगी की घटना को अंजाम दिया है।
ऐसे बचें और दूसरे को भी जागरूक करें
एआइ तकनीक के जरिये की जा रही साइबर ठगी से बचने के लिए लोग अंजाम नंबर से आने वाली वीडियो कॉल को न उठाएं। एआइ के जरिये ठग किसी परिचित की आवाज या चेहरा लगाकर ठगी करते हैं।
ठगी की आवाज सुनने के बाद ध्यान से देखें कि जब आवाज आ रही है तो सामने वाले के होंठ चल रहे हैं या नहीं। यदि ऐसा नहीं है तो कॉल ठग का है उससे बात करने से बचें नहीं तो ठगी हो जाएगी।
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- त्रिवेणी सिंह, एसपी साइबर क्राइम, उत्तर प्रदेश