Noida: नेपाल के कॉलेज में एडमिशन के नाम पर अधिवक्ता से एक करोड़ की ठगी, तीन साल तक नहीं लगा पाए सच्चाई का पता
कोतवाली सेक्टर-58 क्षेत्र स्थित एक कंपनी के मालिक द्वारा अधिवक्ता की बेटी को नेपाल के कालेज में दाखिला दिलाने के नाम पर 1.02 करोड़ रुपये ठगने का मामला सामने आया है। पीड़ित ने कंपनी मालिक और उसके कर्मचारी के खिलाफ धोखाधड़ी करने का मुकदमा दर्ज कराया है। गाजियाबाद नेहरू नगर के हरीश कुमार शर्मा ने दर्ज कराई एफआइआर में बताया कि वह अधिवक्ता हैं।
By Gaurav SharmaEdited By: Abhi MalviyaUpdated: Wed, 30 Aug 2023 03:32 PM (IST)
नोएडा, जागरण संवाददाता। कोतवाली सेक्टर-58 क्षेत्र स्थित एक कंपनी के मालिक द्वारा अधिवक्ता की बेटी को नेपाल के कालेज में दाखिला दिलाने के नाम पर 1.02 करोड़ रुपये ठगने का मामला सामने आया है। पीड़ित ने कंपनी मालिक और उसके कर्मचारी के खिलाफ धोखाधड़ी करने का मुकदमा दर्ज कराया है।
गाजियाबाद नेहरू नगर के हरीश कुमार शर्मा ने दर्ज कराई एफआइआर में बताया कि वह अधिवक्ता हैं। बेटी डा. संस्कृति शर्मा ने वर्ष 2021 में पीजी नीट का पेपर दिया था, जिसमें वह सफल नहीं हो पाई थी। इसकी जानकारी सेक्टर-62 स्थित ग्लोबल ड्रीम एजुकेशन नामक कंपनी को हुई।
ऐसे दिया ठगी को अंजाम
सितंबर 2021 में कंपनी से एक काल आई। काल करने वाले ने अपना नाम कमल सिंह बिष्ट बताया और आफिस का पता दिया। ऑफिस पहुंचने पर कंपनी के मालिक/डायरेक्टर विवेक मनी त्रिपाठी से बात हुई। उन्होंने कहा कि वह उनकी बेटी का दाखिला आइओएम महाराजगंज त्रिभुवन यूनिवर्सिटी नेपाल में पीजी में इमविलजी (धर्म रोग विशेषज्ञ) में करा देंगे। उन्होंने बताया कि यह दाखिला मैनेजमेंट कोटा से कराएंगे।दाखिला कराने और तीन वर्ष की फीस का खर्च डेढ़ करोड़ रुपये होगा। 75 लाख दाखिले से पहले और 75 लाख दाखिले के बाद देने होंगे। पीड़ित अधिवक्ता ने बताया कि उन्होंने विभिन्न चरणों में 79 लाख 55 हजार रुपये विभिन्न बैंक खातों में और 37 लाख रुपये नकद विवेक मनी त्रिपाठी को दिए, जिसके साक्ष्य उपलब्ध हैं।
पीड़ित ने बताया कि इसके लिए बेटी ने वसुंधरा सेक्टर-11 में अपना फ्लैट भी बेच दिया, लेकिन दाखिले के नाम पर आज तक धोखा दिया।
नेपाल बुलाकर दिया झूठा आश्वासन
नेपाल में बुलाकर झूठा आश्वासन दिया गया। जांच करने पर पता चला कि आरोपितों ने महाविद्यालय में डा. संस्कृति शर्मा का दाखिला नहीं कराया है। धनराशि मांगने पर आरोपितों ने 14 लाख रुपये वापस कर दिए, लेकिन एक करोड़ दो लाख 55 हजार रुपये आजतक वापस नहीं किए। आरोपितों ने कार्यालय भी बदल दिया।
डीसीपी हरीश चंदर का कहना है कि शिकायत के आधार पर विवेक मनी त्रिपाठी और कमल सिंह बिष्ट के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।रिपोर्ट इनपुट- गौरव भारद्वाज
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