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Yamuna Authority: पर्यटन क्षेत्र में इजाफा तो औद्योगिक में हुई कमी, यमुना प्राधिकरण का ये है मास्टर प्लान

मथुरा और वृंदावन देश ही नहीं बल्कि दुनिया में धार्मिकता और आध्यात्मिकता के लिए फेमस है। हर साल करोड़ों लोग यहां पर दर्शन के लिए आते हैं। कृष्ण नगरी के तौर पर यह पूरी दुनिया में विख्यात है। अब इसको देखते हुए यमुना प्राधिकरण ने फेज दो में औद्योगिक क्षेत्र को कम कर दिया है जबकि पर्यटन के क्षेत्र में बढ़ोतरी की है। पढ़ें एक क्लिक में पूरी जानकारी।

By Arvind Mishra Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Sat, 26 Oct 2024 07:49 PM (IST)
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Noida News: यीडा फेज दो में औद्योगिक क्षेत्र हुआ कम। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। कृष्ण नगरी के तौर पर दुनिया में विख्यात मथुरा वृंदावन में पर्यटन के लिए असीम संभावनाएं हैं। हर साल लाखों लोग धार्मिक, आध्यात्मिक यात्रा के लिए मथुरा वृंदावन पहुंचते हैं। करोड़ों रुपये का राजस्व मिलता है। मथुरा में पर्यटन की संभावनाओं को फायदा उठाने के लिए यमुना प्राधिकरण ने हेरिटेज सिटी परियोजना तैयार की है।

पर्यटन गतिविधि का मुख्य केंद्र होगा। इसलिए प्राधिकरण ने अपने फेज दो के मास्टर प्लान 2031 को संशोधित करते हुए पर्यटन के लिए आरक्षित क्षेत्र को दो गुना से अधिक कर दिया है। औद्योगिक श्रेणी के क्षेत्रफल में तकरीबन पचास प्रतिशत की कटौती की गई है।

मथुरा में अपनी तक पर्यटन के लिए प्राचीन मंदिरों के अलावा पौराणिक महत्व से जुड़ी धरोहर ही मौजूद हैं। दुनिया भर से मथुरा आने वाले पर्यटक मंदिरों व पौराणिक धरोहरों के दर्शन के बाद लौट जाते हैं, इसलिए मथुरा जिले में सेवा सेक्टर का खास विकास नहीं हो पाया है।

753 एकड़ में विकसित होगा हेरिटेज सिटी 

इन खामियों को दूर करते हुए पर्यटकों को अधिक से अधिक समय तक मथुरा क्षेत्र में रोकने के लिए हेरिटेज सिटी परियोजना तैयार की गई है। एनएच 44 से बांके बिहारी मंदिर तक 14 किमी लंबा मार्ग बनाकर 753 एकड़ में हेरिटेज सिटी विकसित होगा। पर्यटकों को धार्मिक के अतिरिक्त आध्यात्मिक, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, स्थानीय उत्पाद की खरीदारी के अलावा ठहरने के लिए विश्व स्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

पर्यटन को केंद्र में रखकर ही प्राधिकरण ने यह परियोजना की है। प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डा. अरुणवीर सिंह का कहना है कि मथुरा में पर्यटन उद्योग के लिए असीम संभावनाएं हैं, लेकिन उनका ठीक तरह से दोहन नहीं किया गया है। रोजगार सृजन के लिए यह अच्छा जरिया बन सकता है।

इसलिए राया अर्बन सेंटर के नियोजन में पर्यटन को मुख्य केंद्र में रखा गया है। उद्योग के सापेक्ष पर्यटन को प्राथमिकता दी गई है। मथुरा पर्यटकों के लिए केंद्र बन सके। अधिक से अधिक समय तक पर्यटक मथुरा में ठहरेंगे तो इसका सीधा फायदा राजस्व बढ़ाने में मिलेगा।

फेज दो के संशोधित मास्टर प्लान में पर्यटन से संबंधित संरचनात्मक ढांचा विकसित करने के लिए आरक्षित क्षेत्र में बढ़ाया गया है। पूर्व में पर्यटन के लिए आरक्षित क्षेत्र 731.3 हे. था, जो अर्बन सेंटर के कुल क्षेत्रफल का 7.8 प्रतिशत था।

इसे बढ़ाकर 1520.51 हे. किया गया है, यह कुल क्षेत्रफल का 13 प्रतशित हो गया है। रिवर फ्रंट भी पर्यटन क्षेत्र के विस्तार का ही हिस्सा है। इसे भी 109.7 प्रतिशत से बढ़ाकर 505.65 हे. किया गया है।

उद्योग के लिए आरक्षित क्षेत्रफल में कटौती की गई है। 1882.7 हे. के सापेक्ष इसे 853.46 हे. किया गया है। मिश्रित भूमि उपयोग 238.3 हे. से बढ़ाकर 301.44 हे. हुआ है। यह पूर्व के सापेक्ष .09 प्रतशित अधिक हो गया है।

राया अर्बन सेंटर

  • फेज दो मास्टर प्लान 2031
  • श्रेणी आरक्षित क्षेत्रफल कुल क्षेत्र का प्रतिशत
  • पर्यटन विकास 731.3 हे. 7.8
  • रिवर फ्रंट 109.7 हे. 1.2
  • उद्योग 1882.7 हे. 20.1
  • मिश्रित भू उपयोग 238.3 हे. 2.5
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संशोधन के बाद

  • श्रेणी आरक्षित क्षेत्रफल कुल क्षेत्र का प्रतिशत
  • पर्यटन विकास 1520.51 हे. 13
  • रिवर फ्रंट 505.65 हे. 4.34
  • उद्योग 853.46 हे. 7.32
  • मिश्रित भू उपयोग 301.44 हे. 2.59
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