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UP Police के सामने खड़ा था 3 महीने पहले कार में जिंदा जला चंद्रमोहन शर्मा, सच सामने आया तो पत्नी भी हुई हैरान

Greater Noida Murder Mystery अपने दो बच्चों और पत्नी के साथ ग्रेटर नोएडा अल्फा टू में रहने वाले चंद्रमोहन शर्मा ने ऐसी खौफनाक साजिश रची कि कई जिंदगियां बर्बाद हो गईं। एक शख्स को तो अपनी जान ही गंवानी पड़ गई।

By Jp YadavEdited By: Updated: Sat, 17 Sep 2022 07:29 PM (IST)
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प्रेमिका को पाने के लिए दो बच्चों के पिता ने मासूम को कार में जिंदा जला दिया था (फाइल फोटो)
ग्रेटर नोएडा, जागरण डिजिटल डेस्क। Chandra Mohan Sharma: 1 मई 2014 की बेहद गर्म रात जब ग्रेटर नोएडा में एक कार जलकर राख हो गई और उसमें बैठा शख्स हड्डियों के ढांच में तब्दील हो गया।  पत्नी सविता शर्मा ने जैसे ही खबर सुनी तो तुरंत यह आरोप लगा दिया कि मेरे पति चंद्रमोहन शर्मा आरटीआइ एक्टीविस्ट थे इसलिए दुश्मनों ने उन्हें कार में जिंदा जला दिया। 

प्रेमिका को पाने के लिए पत्नी को दिया धोखा

पत्नी के आरोपों ने ग्रेटर नोएडा पुलिस के होश उड़ा दिए। मीडिया ने चंद्रमोहन शर्मा की तथाकथित मौत को लेकर इस तरह रिपोर्टंग की कि वह दया का पात्र हो गया। ग्रेटर नोेएडा पुलिस जांच में जुटी रही। इस बीच जगत फार्म के पास से एक शख्स गायब मिला। डीएनए कराया गया तो यह तय हो गया कि चंद्रमोहन जिंदा है।

दरअसल, खुद की मौत का स्वांग रचकर अपनी कार में एक मानसिक रूप से विक्षिप्त को जिंदा जलाने वाले चंद्र मोहन शर्मा को हाई कोर्ट से जमानत मिल गई है। यह मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है, क्योंकि इस सनसनीखेज मर्डर का राज खुला तो लोग हैरान रह गए थे।

तीन महीने बाद सनसनीखेज ट्विस्ट

अगस्त 2014 को दिन में एक खबर आई कि चंद्रमोहन शर्मा को बेंगलुरू से गिरफ्तार कर लिया गया है। वह अपनी प्रेमिका प्रीति नागर के साथ असली पहचान छिपाकर रह रहा था। यहां पर वह फर्जी कागजातों के जरिये नौकरी भी कर रहा था। गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में चंद्रमोहन और उसकी प्रेमिका से सच कबूल लिया। 

पुलिस के पास चंद्रमोहन शर्मा पर शक की थी कई वजहें

ग्रेटर नोएडा पुलिस की जांच आगे बढ़ी तो पता चला कि चंद्रमोहन प्रकरण के कुछ दिन बाद उसकी एक परिचित महिला भी अचानक अपने घर से लापता हो गई है। पुलिस ने चंद्रमोहन शर्मा के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल को खंगाला तो पता लगा महिला के साथ वह अक्सर लंबी बातचीत करता रहता था। पुलिस ने महिला का नंबर भी इलेक्ट्रानिक सर्विलांस पर लगा दिया, जिसके आधार पर अपनी मौत का नाटक कर लापता हुए चंद्रमोहन का सुराग हाथ लग गया।

पत्नी सविता को फोन करने से अपने ही बुने जाल में फंस गया चंद्रमोहन

यह भी बताया जा रहा है कि चंद्रमोहन ने अपनी पत्नी को भी फोन किया था। चंद्रमोहन शर्मा की तलाश में हरियाणा, नेपाल बार्डर तथा बेंगलूर में तीन टीमें भेजी गई थीं। जांच के बाद दो टीमें लौट आईं जबकि बेंगलेरू गई टीम ने उसे खोज निकाला। चंद्रमोहन एक महिला मित्र के साथ अपनी पहचान बदल वहां रह रहा था। इतना ही नहीं, उसने अपना नाम और पहचान बदलकर नौकरी तक ढूंढ़ ली थी।

चंद्रमोहन शर्मा की करतूत पर एक नजर

  • खुद की पहचान मिटाने के मकसद से चंद्रमोहन शर्मा ने खौफनाक साजिश रची। पूरी योजना के अनुसार, खुद की मौत का ड्रामा रचकर अपनी ही कार में एक मानसिक रूप से बीमार शख्स को जिंदा जला दिया।
  • चंद्रमोहन का प्लान था कि लोग उसे मरा मान लेंगे और वह अपनी प्रेमिका प्रीति नागर से दुनिया के किसी कोने में रह लेंगे। 
  • आते-जाते चंद्रमोहन को एक मानसिक रूप से विक्षिप्त दिखा। बार-बार उसे देखने पर चंद्रमोहन ने दिमाग में खौफनाक साजिश रच डाली।
  • साजिश को अंजाम देते हुए अपनी प्रेमिका प्रीति नागर को पाने के लिए एक मानसिक रूप से विक्षिप्त को मोहरा बनाया। साजिश के तहत उसे कार में बिठाकर जिंदा जला दिया।
  • वह इस बात से निश्चिंत था कि पुलिस इसे हादसा मानकर केस बंद कर देगी। ऐसे में चंद्रमोहन  अपनी प्रेमिका प्रीति नागर के साथ बेंगलुरु चला गया।
  • यहां पर वहां वह एक कंपनी में अपनी पूरी पहचान बदलकर नौकरी तक करने लगा। 

साजिश को चंद्रमोहन शर्मा ने फूलफ्रूप मानकर दिया था अंजाम

साजिश के तहत चंद्रमोहन शर्मा ने मानसिक रूप से विक्षिप्त शख्स को 1 मई, 2014 की रात को अपनी कार में बिठाया और आग लगा दी। कार में वह विक्षिप्त शख्स जल गया। पुलिस ने जांच में पाया कि कार अल्फा-2 सेक्टर में रहने वाले चंद्रमोहन की थी। कार में बुरी तरह जल चुकी एक लाश भी मिली थी। शुरुआती जांच में माना गया था कि कार के अंदर जलकर चंद्रमोहन की मौत हुई है। चंद्रमोहन का यकीन था कि पुलिस उसे नहीं पकड़ पाएगी।

शुरुआत जांच में पुलिस को नहीं हुआ शक

चंद्रमोहन की पत्नी सविता शर्मा ने कार में जिंदा जलाकर चंद्रमोहन की हत्या के आरोप में कासना में रहने वाले कुछ लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट करा दी थी। पुलिस भी इस दिशा में नहीं सोच पाई कि कोई गहरी साजिश हो सकती है। तीन महीने बाद ही अगस्त 2014 में चंद्रमोहन को बेंगलुरु से प्रेमिका के साथ गिरफ्तार किया गया तो सारे ड्रामे से पर्दा उठा दिया।

प्रेमिका प्रीति नागर की वजह से पकड़ा गया चंद्रमोहन

ग्रेटर नोएडा पुलिस ने जांच शुरू की तो ठीक 1 मई को एक लड़की प्रीति नागर भी गायब मिली। पुलिस को इस इत्तेफाक पर शक हुआ। जांच शुरू की तो पता चला कि प्रीति नागर और चंद्रमोहन के बीच रिश्ते थे। इसके बाद ग्रेटर नोएडा पुलिस ने गर्लफ्रेंड को ट्रेस किया तो वहां उसे चंद्रमोहन भी मिल गया। 

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