पॉड टैक्सी क्या है और देश की पहली Pod Taxi कहां और कब चलेगी? यहां पढ़ें पूरी डिटेल
What Is Pod Taxi पर्यावरण के अनुकूल और तेज रफ्तार से चलने वाली इन पॉड टैक्सियों को परिवहन के सबसे एडवांस साधनों में से एक माना जाता है। पॉड टैक्सी पहल को 2024 के अंत तक अंतिम रूप दिए जाने की उम्मीद है। इस परियोजना पर लगभग 810 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। यह कारिडोर 14.6 किमी लंबा होगा और इसमें 12 स्टॉप होंगे।
By Abhishek TiwariEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Tue, 04 Jul 2023 03:50 PM (IST)
ग्रेटर नोएडा, ऑनलाइन डेस्क। उत्तर प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य होगा, जहां पॉड टैक्सी का संचालन किया जाएगा। ये पॉड टैक्सी जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट और फिल्म सिटी के बीच चलेगी।
यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में संचालित होने वाली पॉड टैक्सी की एक्सप्रेस व पैसेंजर सेवा होगी। स्टेशन दो मंजिला बनाए जाएंगे। ऊपरी मंजिल से एक्सप्रेस पॉड गुजरेंगे। जबकि नीचे की मंजिल से पैसेंजर सेवा संचालित होगी।
यूपी सरकार से मिली स्वीकृति
यमुना प्राधिकरण की इस परियोजना को उत्तर प्रदेश सरकार से मंजूरी मिल चुकी है। ताजा अपडेट ये है कि यमुना प्राधिकरण ने पॉड टैक्सी परियोजना के लिए वैश्विक निविदा जारी कर दी है। पीपीपी माडल पर विकसित होने वाली इस परियोजना के लिए विकासकर्ता का चयन किया जाएगा। 10 अगस्त को निविदा खोली जाएगी।
आपको बता दें कि ये वो स्वचालित कारें हैं और इस तरह से डिजाइन की गई हैं कि वे केवल एक निश्चित संख्या में यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जा सकती हैं।
इनका संचालन करने के लिए ट्रैक की आवश्यकता होती है और ये बिजली से संचालित होती हैं। खास बात यह है कि सड़क पर ट्रैफिक का दबाव कम करने के लिए पॉड टैक्सियों के लिए ट्रैक आमतौर पर अलग से बनाए जाते हैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।पॉड टैक्सी का रूट, क्षमता क्या होगी?
जेवर एयरपोर्ट को पॉड टैक्सियों के माध्यम से सेक्टर 21 फिल्म सिटी से जोड़ा जाएगा, जिससे प्रतिदिन लगभग 37,000 यात्रियों को परिवहन करने की उम्मीद है। रिपोर्ट्स के मुताबिक यह कारिडोर 14.6 किमी लंबा होगा और इसमें 12 स्टॉप होंगे। यह दुनिया का सबसे बड़ा पॉड कारिडोर होगा। पॉड टैक्सी पहल को 2024 के अंत तक अंतिम रूप दिए जाने की उम्मीद है। इस परियोजना पर लगभग 810 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। पॉड टैक्सी के लिए एलिवेटेड कारिडोर बनाया जाएगा। इसमें कुल 12 स्टेशन होंगे। यह स्टेशन नोएडा एयरपोर्ट, साठ मीटर रोड, 75 मीटर रोड, सेक्टर 32, सेक्टर 33, सेक्टर 29, सेक्टर 28 में दो, सेक्टर 21 में तीन स्टेशन होंगे।अभी किन देशों में चल रही पॉड टैक्सी?
वर्तमान में पॉड टैक्सी का संचालन कई देशों में किया जा रहा है। इसमें दक्षिण कोरिया, दुबई, सिंगापुर, अमेरिका और लंदन जैसे देश शामिल हैं।एयरपोर्ट से फिल्म सिटी तक 14.6 KM लंबा एलिवेटेड ट्रैक
641 करोड़ की परियोजना के अंतर्गत नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से फिल्म सिटी तक 14.6 किमी लंबा एलिवेटेड ट्रैक बनाया जाएगा। यह दुनिया में पॉड टैक्सी का सबसे लंबा ट्रैक होगा। इस ट्रैक पर एक्सप्रेस व सामान्य दोनों तरह के पॉड संचालित होंगे।कब से चलेगी पॉड टैक्सी?
शुरुआत में करीब 150 पॉड टैक्सियां संचालित होंगी। जैसे-जैसे यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी होगी वैसे-वैसे पॉड की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। पॉड टैक्सी पहल को 2024 के अंत तक अंतिम रूप दिए जाने की उम्मीद है। इस परियोजना पर लगभग 810 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है।पॉड टैक्सी के संचालन से प्राधिकरण क्षेत्र में परिवहन का सुगम साधन उपलब्ध हो जाएगा।
-प्राधिकरण सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह
पॉड टैक्सी से जुड़ी खास बातें
- पॉड टैक्सी के लिए एलिवेटेड कारिडोर बनाया जाएगा। इसमें कुल 12 स्टेशन होंगे।
- यह स्टेशन नोएडा एयरपोर्ट, साठ मीटर रोड, 75 मीटर रोड, सेक्टर 32, सेक्टर 33, सेक्टर 29, सेक्टर 28 में दो, सेक्टर 21 में तीन स्टेशन होंगे।
- पॉड 40 किमी की रफ्तार से चलेंगे।
- एक पॉड में एक बार में 24 यात्री सफर कर सकेंगे।
- इसका वजन 820 किलो है और इसमें 500 किलो तक वजन एक साथ ले जाने की क्षमता होगी।
- इसे संकरी गलियों, मॉल, होटल, ऑफिस व हॉस्पिटल के गेट के सामने से ट्रैक बनाकर चलाया जा सकता है। इसकी रफ्तार 40 किमी प्रति घंटे होगी।
- ये बैटरी से चलने वाली छोटी कार जैसी टैक्सी है, जो एलिवेटेड रोड पर रबर के टायर से बिना ड्राइवर के चलती है।
- पब्लिक ट्रांसपोर्ट में यह पहला कंप्यूटर ऑपरेटेड वाहन होगा, जिसमें पैसेंजर के टिकट खरीदते ही कंप्यूटर पॉड टैक्सी को संकेत देगा और टैक्सी स्टेशन पर आपका इंतजार करेगी।
- जब टैक्सी स्टेशन पर रहेगी, तब तक यह रिचार्ज होती रहेगी।
- नोएडा एयरपोर्ट से फिल्म सिटी के बीच शुरुआत में 112 पॉड चलाए जाएंगे।