भारत दुनिया का 30वां ऐसा देश, जहां हो रही है मोटी जीपी रेस; साल 1949 में शुरू हुआ था सफर
भारत 30वां देश है जहां मोटोजीपी हो रही है। एशिया में भारत आठवां देश है जहां रेस आयोजित हो रही है। इससे पहले इंडोनेशिया थाईलैंड तुर्किये जापान मलेशिया चीन और कतर में मोटोजीपी हो चुकी है। वहीं बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट विश्व का 31वां सर्किट है जहां सुपर बाइक रफ्तार भरेंगी। बता दें कि मोटी जीपी रेस की शुरुआत साल 1949 में हुई थी।
ग्रेटर नोएडा, जागरण संवाददाता। वर्ष 1949 में शुरू हुई मोटोजीपी रेस अब तक 29 देशों में हो चुकी है। पहली बार भारत में इसका आयोजन हो रहा है। भारत 30वां देश है जहां मोटोजीपी हो रही है। एशिया में भारत आठवां देश है जहां रेस आयोजित हो रही है।
इससे पहले इंडोनेशिया, थाईलैंड, तुर्किये, जापान, मलेशिया, चीन और कतर में मोटोजीपी हो चुकी है। वहीं बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट विश्व का 31वां सर्किट है जहां सुपर बाइक रफ्तार भरेंगी।
नए ट्रैक पर जीतने वाले राइडर्स
- परटामिना मंडालिका सर्किट (इंडोनेशिया) 2022 : मिगुएल ओलिवीरा
- एलगर्वे (पुर्गताल) 2020 : मिगुएल ओलिवीरा
- बुरीराम (थाईलैंड) 2018 : मार्क मार्केज
- रेड बुल रिंग (आस्ट्रिया) 2016 : एंड्रिया इयानोन
- टेरमस डी रियो होंडो (अर्जेंटिना) 2014 : मार्क मार्केज
- सर्किट आफ दी अमेरिकास 2013 : मार्क मार्केज
- मोटरलैंड एरागान (एरागान) 2010 : केसी स्टोनर
- सिल्वरस्टोन (यूके) 2010 : जार्ज लोरेंजो
700 : यदि मार्क मार्केज मोटो जीपी जीतते हैं तो 700 दिन बाद उन्हें फिर से खिताब उठाने का मौका मिलेगा। 2021 में उन्होेंने मोटोजीपी रेस जीती थी। इसके अलावा यदि मार्क मार्केज जीपी पोडियम पर पहुंचते हैं तो वह 140 प्वाइंट लाकर पोडियम पर पहुंचने वाले पांचवें राइडर बन जाएंगे।
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मार्क मार्केज की 200 वीं रेस
मार्क मार्केज की ये 200वीं मोटोजीपी रेस है। वाइल्ड कार्ड एंट्री डुकाटी टीम के मिचेल पिर्रो चोटिल इनिया बस्तियानी की जगह राइड करेंगे। होंडा टीम के एलेक्स रिंस चोटिल हो गए हैं उनकी जगह वाइल्ड कार्ड एंट्री स्टीफन ब्राडल राइड करेंगे।नशनिवार को आगस्तो फर्नांडिस का 26वां जन्मदिन है।
शुक्रवार को रेस शुरू होने से पहले प्रसिद्ध भारतीय योगी, रहस्यवादी और दूरदर्शी सद्गुरु ने रेस ट्रैक पर एक रोमांचक उद्घाटन लैप का आनंद लिया। मोटरसाइकिलों के प्रति सद्गुरु का जुनून आज भी उतना ही है, जितना उनके कॉलेज के वर्षों के दौरान था और उन्होंने याद किया कि रेस ट्रैक पर चक्कर लगाते समय उनकी मोटरसाइकिल अक्सर एक वाहन से कहीं अधिक काम करती थी।