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क्या है स्वदेशी एयरबैग? हिमस्खलन के खतरे से जवानों को रखेगा सुरक्षित, बेहद सस्ते दाम में तैयार कर रहा भारत

Indian Army स्वदेशी तकनीक से बना एवलांच एयरबैग सियाचिन जैसे दुर्गम स्थानों पर तैनात भारतीय जवानों के लिए सुरक्षा कवच साबित होगा। हिमस्खलन की स्थिति में यह महज 7 सेकंड में खुलकर जवानों की जान बचाएगा। भारत में यह बहुत सस्ते दाम में मिलेगा जबकि विदेश से महंगे दाम में आता है। जानिए एवलांच एयरबैग की खासियत क्या-क्या होगी ?

By Jagran News Edited By: Kapil Kumar Updated: Wed, 11 Sep 2024 06:45 PM (IST)
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फैरीटेरो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ऐसा स्वदेशी एयरबैग तैयार कर रही है। जागरण फोटो

कुंदन तिवारी, नोएडा। आत्मनिर्भर बन रहे भारत ने एक कदम और आगे बढ़ाया है। देश की रक्षा की खातिर सियाचिन जैसे दुर्गम स्थानों पर मुस्तैद रहने वाली सेना के लिए नोएडा की फैरीटेरो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ऐसा स्वदेशी एयरबैग तैयार कर रही है, जो हिमस्खलन के खतरे से जवानों को सुरक्षित रखेगी।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के ऑर्डर पर तैयार किया जा रहा एवलांस एयरबैग हिमस्खलन की स्थिति में सात सेकंड में खुलकर जवानों की जान बचाएगा। बर्फ दरकते ही यह गुब्बारे में तब्दील हो जाएगा। इससे इसको धारण करने वाला व्यक्ति हवा में तैरने लगेगा, जिसे बाद में रेस्क्यू किया जा सकेगा।

फैरीटेरो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी सेना के लिए अनेक प्रकार के स्वदेशी उत्पाद तैयार करती है। इसमें पैराशूट में इस्तेमाल होने वाली राइजर बेल्ट, बुलेट प्रूफ जैकेट में उपयोग होने वाली बेल्ट, हेलीकॉप्टर से उतरने के दौरान उपयोग होने वाली वेब लेडर, हेलीकॉप्टर के जरिए एक से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए उपयोग होना वाला अंडर स्लंग नेट व दुर्गम स्थानों पर विमान को रोकने वाला एयरक्राफ्ट अरेस्टर वैरियर शामिल हैं। ऐसे में डीआरडीओ ने कुछ समय पहले कंपनी को एवलांच एयरबैग का आर्डर दिया। इससे देश की अमेरिका व इटली पर निर्भरता कम होगी, क्योंकि इन्हीं दोनों देशों से अभी इसका आयात होता था।

80 प्रतिशत होगा सस्ता

अभी तक विदेश से आने वाले एवलांस एयरबैग की न्यूनतम कीमत एक लाख रुपये तक होती थी, लेकिन स्वदेशी 80 प्रतिशत तक सस्ता होगा। डीआरडीओ की ओर से कंपनी को 30 हजार एयरबैग का ऑर्डर मिला है। कंपनी को प्रतिवर्ष छह हजार एयरबैग की सप्लाई देनी है।

खुले बाजार में भी मिलेगा

कंपनी एयरबैग को सेना के जवानों के साथ-साथ आम लोगों को भी उपलब्ध कराएगी। खुले बाजार में भी इसके उतारे जाने से आम जन की जान भी बचाई जा सकेगी। दरअसल, अनेक पर्यटक ऐसे दुर्गम स्थानों पर जाते हैं, जिनके लिए यह लाभकारी होगी।

यह है खासियत

- सेंसर से युक्त एयरबैग पहाड़ दरकने के दौरान आने वाली आवाज से खुल जाएगा।

- इसमें इस तरह की तकनीक का उपयोग किया गया है, जिससे खुलने के साथ पहले जंप करेगा।

- इस दौरान मैकेनिकल पंप से जब इसमें हवा भर जाएगी तो यह तैरने लगेगा।

- एक बार उपयोग करने के बाद दोबारा भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

- इसके उपयोग के लिए प्रशिक्षिण की आवश्यकता नहीं

- यह पूरी तरह से स्वदेशी उत्पाद है।

दुर्गम स्थानों पर हिमस्खलन होने पर पर्यटक व सेना के जवान बर्फ में दब जाते हैं। ऐसे स्थिति में ये एयरबैग उनके लिए मददगार साबित होगा। ये बर्फ के पहाड़ दरकने के सात सेकंड में खुल जाएगा और संबंधित व्यक्ति बर्फ के ऊपर तैरने लेगा। - सौरभ खंडेलवाल, निदेशक, फैरीटेरो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड

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