Noida: चंद रुपयों के लालच में देश की सुरक्षा से गद्दारी कर रहे युवक, चीनी नागरिकों को सप्लाई किए एक्टिवेट सिम
Noida News चीन के नागरिकों को एक्टिवेट सिम सप्लाई कर ठगी करने का मामला सामने आया है। न्यूड वीडियो भेजकर लोगों को ब्लैकमेल किया जा रहा है। चीन के नागरिकों द्वारा की जाने वाली ठगी में असली सूत्रधार भारतीय युवक है।
By Praveen SinghEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Tue, 18 Oct 2022 07:32 AM (IST)
ग्रेटर नोएडा, जागरण संवाददाता। उत्तर प्रदेश व पश्चिम बंगाल के छोटे जिलों में रहने वाले युवक चंद रुपयों के लालच में देश की सुरक्षा से गद्दारी कर रहे है। बेरोजगार युवा चीन के नागरिकों को महज तीन से पांच हजार रुपए में एक्टिवेट (सक्रिय) सिम दे रहे है।
न्यूड वीडियो भेजकर किया जा रहा ब्लैकमेल
इन सिम का प्रयोग आनलाइन ठगी, जासूसी, हवाला कारोबार व न्यूड वीडियो भेजकर ब्लैकमेल करने में किया जा रहा है। ब्लैकमेल कर मोटी रकम वसूली जाती है। आनलाइन एप के माध्यम से चीन के नागरिकों के संपर्क में आकर भारतीय युवक उनका शिकार बन रहे है।
एक महीने में दो ऐसे मामले प्रकाश में आए है जिनमें देश की सुरक्षा में सेंध लगाने व आर्थिक नुकसान पहुंचाने में भारतीय युवक ने चीन के नागरिकों को एक्टिवेट सिम सप्लाई किए हैं। यह गोरखधंधा पूरे देश में व्यापक स्तर पर चल रहा है। इस पर यदि जल्द ही लगाम नहीं लगाई गई तो आने वाले समय में यह एक बड़ी समस्या के रूप में सामने आ सकता है।
विदेश के नंबर से आती है कॉल
दरअसल, भारत में यदि किसी व्यक्ति के पास विदेश के नंबर से फोन आता है तो वह फोन उठाने में कतराता है। भारत के नंबर से फोन आने पर व्यक्ति तुरंत फोन उठा लेता है। फोन करने वाले चीन के नागरिक अंग्रेजी भाषा का प्रयोग कर कहते है कि वह अमेरिका की कंपनी से जुड़कर मोटी रकम कमाने का लालच देकर ठगी कर लेते।
देश के अलग-अलग हिस्सों में लगाए जाते है कैंप
पश्चिम बंगाल का रहने वाले लिटन दास, बुलंदशहर के रहने वाले आसिम खान व बलराम और फतेहपुर का रहने वाला विद्युर तिवारी चीन के नागरिकों को सिम सप्लाई करते है। सभी के खिलाफ पुलिस ने पिछले एक महीने में कार्रवाई की है। विद्युर अभी फरार है, उसके खिलाफ नालेज पार्क कोतवाली में नामजद मुकदमा दर्ज हुआ है। आरोपित देश के अलग-अलग हिस्सों में सिम बेचने का कैंप लगाते थे।कम पढ़े लिखे लोगों को निशाना बनाते है भारतीय युवक
चीन के नागरिकों को सिम सप्लाई करने वाले भारतीय युवक कम पढ़े लिखे लोगों को निशाना बनाते है। एक आधार कार्ड पर 9 सिम मिल सकते हैं, इसकी जानकारी जालसाज को होती है। इस वजह से वह सिम लेने वाले ग्रामीण व्यक्ति से बायोमेट्रिक मशीन पर कई बार अंगुली लगवाते हैं।हर बार यह कह देते हैं कि अभी मशीन में अंगूठा रीड नहीं किया है जबकि पहली बार में ही मशीन अंगूठा रीड कर लेता है। कई बार में अंगूठे का अलग-अलग निशान लेकर जालसाज एक से अधिक सिम एक्टिवेट कर लेते हैं, जबकि सिम के लिए आवेदन करने वाले पीड़ित को एक ही सिम दिया जाता है। अन्य सिम का इस्तेमाल चीन के नागरिकों को बेचकर ठगी में किया जाता है।
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