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नोएडावासियों को मिलेगी अब साफ हवा! वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए इजराइली तकनीक का होगा इस्तेमाल

Noida Authority नोएडा शहर में नोएडा में अब वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने की तैयारी है। नोएडा प्राधिकरण अब शहरवासियों को साफ देने के लिए इजराइली तकनीकी का प्रयोग करने वाला है। प्राधिकरण शहर के 3757.57 एकड़ एरिया में सिंचाई के लिए पाइप लाइन बिछाने के साथ जगह-जगह वाटर टैंक तैयार करेगा। सोलर एनर्जी से इसका संचालन होगा। लेख में पढ़ें पूरी खबर।

By Kundan Tiwari Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Sat, 05 Oct 2024 03:07 PM (IST)
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Noida News: नोएडा शहर की हरियाली का दृश्य। फोटो जागरण

कुंदन तिवारी, जागरण नोएडा। शहर में वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने और जल संरक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अब पौधों की सिंचाई इजराइल तकनीकी (ड्रिप) से की जाएगी, जिसमें सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) में लगे टर्शरी ट्रीटमेंट प्लांट (टीटीपी) का पानी इस्तेमाल होगा।

इस योजना को धरातल पर उतरने के लिए प्राधिकरण शहर के 3757.57 एकड़ एरिया में सिंचाई के लिए पाइप लाइन बिछाएगा और जगह-जगह वाटर टैंक तैयार करेगा। यह पूरा सिस्टम सोलर एनर्जी के जरिये संचालित होगा। इसका पूरा खर्च वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) उठाएगा। इसका प्रस्ताव तैयार कर कमेटी में प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया है।

कई पार्क और ग्रीन बेल्ट का हुआ निरीक्षण 

बता दें कि पिछले दिनों नोएडा में वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए किए जा रहे प्रयास को देखने के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) की ओर से सदस्य तकनीकी डा एनपी शुक्ला ने उद्यान विभाग के साथ कई पार्क, ग्रीन बेल्ट का निरीक्षण किया।

जिसमें देखा कि प्राधिकरण की ओर से पार्को व ग्रीन बेल्ट, सेंटर वर्ज की सिंचाई के लिए एसटीपी से निकलने वाले शोधित जल का इस्तेमाल कर रहा है, लेकिन यह जल टैंकरों के माध्यम से लाया जा रहा है, जिसमें समय व पैसा की बर्बादी हो रही है। इस प्रक्रिया में मैन पावर का अधिक इस्तेमाल हो रहा है, जिसमें चूक होने की संभावनाएं भी बनी हुई है।

इस योजना को लागू करने में बड़ा बजट खर्च

इस पर प्राधिकरण से कहा गया कि वह इजराइली तकनीकी का इस्तेमाल कर अपने ग्रीन एरिया की सिंचाई कराए। इससे कभी भी पौधा व ग्रीन बेल्ट पानी कमी से सूखेगा नहीं। इस पर प्राधिकरण ने इस योजना पर फंड की कमी का हवाला दिया, क्योंकि बहुत बड़ा बजट इस योजना को लागू करने में खर्च होगा।

इस पर उन्होंने संबंधित अधिकारियों से कहा कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के पास काफी फंड है, जो वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के तहत जुर्माना के रूप में वसूला गया है। इसका इस्तेमाल वायु व जल प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए किया जा सकता है।

ऐसे में प्राधिकरण को निर्देश दिया कि वह योजना को धरातल पर उतरने का प्रस्ताव तैयार कर कमेटी के समक्ष प्रस्तुत करे, बजट की चिंता न करें। इसके बाद उद्यान विभाग में इजराइल तकनीकी से सिंचाई कराने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।

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