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नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे पर 131 करोड़ में बनेगा झट्टा अंडरपास, इन सेक्टरों के लोगों को होगा फायदा

बीते एक साल के अंदर एक्सप्रेस वे पर तीन अंडरपास वाहनों के लिए खोले भी जा चुके हैं। इसमें सेक्टर-96 कोंडली और एडवंट अंडरपास शामिल है। इनको बनाने में कई बार एक्सप्रेस वे की सड़क धंस गई थी। ऐसे में इस बार डायाफ्राम तकनीक का प्रयोग किया जाएगा। इन तीनों अंडरपास से एक्सप्रेस से जुड़े सेक्टरों में कनेक्टिविटी बढ़ गई।

By Kundan Tiwari Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Wed, 24 Jul 2024 09:18 AM (IST)
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नोएडा एक्सप्रेसवे पर 16.400 किमी की दूरी पर नया अंडरपास बनाने की योजना। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

जागरण संवाददाता, नोएडा। नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर 16.400 किलोमीटर की दूरी पर अंडरपास बनाया जाएगा। यह अंडरपास 131 करोड़ में तैयार होगा। सैद्धांतिक मंजूरी के बाद इस अंडरपास का एस्टीमेट वैरीफिकेशन के लिए आइआइटी दिल्ली भेजा गया है। वहां से आने के बाद टेंडर जारी कर निर्माण शुरू कराया जाएगा।

अंडरपास के एक तरफ सेक्टर-145, 146 और दूसरी तरफ सेक्टर-155, 159 सेक्टर हैं। इसके सामने झट्टा गांव है। यहां पर भी छोटा अंडरपास बना हुआ है। पिछले एक साल में एक्सप्रेसवे पर सेक्टर-96, 142 और 152 के सामने नए अंडरपास शुरू हुए हैं।

749 मीटर होगी अंडरपास की लंबाई

उपमहाप्रबंधक (सिविल) विजय कुमार रावल ने बताया कि अंडरपास की लंबाई 749 मीटर होगी। चार लेन का होगा। इसमें आने जाने के लिए 2-2 लेन होगी। साथ 75 मीटर की टनल या बाक्स लैंथ होगी।

सीधे ग्रेटर नोएडा को जोड़ेगा ये अंडरपास

यह अंडरपास एक्सप्रेस वे के नीचे बनाया जाएगा। जिससे सेक्टर-145, 146, 147, 148, 149, 150, 151, 152, 153, 154 को फायदा होगा। यह सभी सेक्टर आवासीय और औद्योगिक है। ऐसे में एक्सप्रेस वे तक इनकी सीधी कनेक्टिविटी होगी। साथ ये अंडरपास सीधे ग्रेटर नोएडा को भी जोड़ेगा।

अंडरपास बनाने में नोएडा प्राधिकरण ने तकनीक में बदलाव करने की योजना बनाई है। वर्ष 2020 के बाद नोएडा ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर कोंडली, एडवंट और सेक्टर-96 अंडरपास बाक्स पुशिंग तकनीक पर बनवाए गए थे।

इसमें लगातार एक्सप्रेसवे की सड़क धंसने की समस्याएं सामने आई थीं। इसलिए अब की बार झट्टा व सुल्तानपुर अंडरपास के लिए प्राधिकरण डायाफ्राम तकनीक का चयन किया है। इसमें बगैर खुदाई के डायाफ्राम वाल कास्ट की जाएगी। इसके बाद दो तरफ जमीन के अंदर यह दीवार बनाकर उसके ऊपर अंडरपास की छत ढाल दी जाएगी।

नीचे दोनों दीवारों व छत के बीच की मिट्टी खोदाई कर निकाली जाएगी। इसके बाद नीचे की सड़क का काम शुरू होगा। इसी तरह से दोनों लेन का काम प्राधिकरण करवाएगी। इसके कारण कुछ दिनों तक यातायात का संचालन प्रभावित रहेगा।

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