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Lok Sabha Elections: मायावती के घर में BSP को चुनाव के लिए चेहरों का अकाल, बड़े नेता छोड़ चुके पार्टी

गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए बसपा को प्रत्याशी की तलाश है। सूत्रों की मानें तो कई नेताओं ने टिकट के लिए अनिच्छा जाहिर कर दी है। बसपा के सामने इससे पहले कभी इतना संकट नहीं आया। गौतमबुद्ध नगर गाजियाबाद व हापुड़ कभी बसपा के गढ़ हुआ करते थे। एक-एक कर पार्टी के कई बड़े नेता मायावती का साथ छोड़कर चले गए।

By Dharmendra Kumar Edited By: Shyamji Tiwari Updated: Wed, 06 Mar 2024 08:43 PM (IST)
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मायावती के घर में BSP को चुनाव के लिए चेहरों का अकाल
जागरण संवाददाता, नोएडा। प्रदेश में अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही बसपा को अपनी सुप्रीमों और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के गृह जनपद में भी लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए चेहरों का अकाल पड़ गया है। गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए बसपा को प्रत्याशी की तलाश है। सूत्रों की मानें तो कई नेताओं ने टिकट के लिए अनिच्छा जाहिर कर दी है।

कमोबेश यहीं स्थिति पड़ोसी जनपद गाजियाबाद की है। हापुड़ तीन लोकसभा सीटों में बंटा हुआ है। तीनों ही जगह बसपाई देश के सबसे बड़े महापर्व में आहुति देने के लिए बड़ी रणनीति बनाते नजर नहीं आ रहें है। जिले और मेरठ मंडल के संगठन की सक्रियता भी अधिक नहीं है। इसका बड़ा कारण तीनों ही जिलों में अधिकांश बड़े नेताओं का दूसरे दलों में शामिल होना है।

चुनाव लड़ने के लिए दावेदारों का टोटा

गौतमबुद्ध नगर से 2009 में सांसद रहे सुरेंद्र नागर, जेवर से विधायक रहे पूर्व मंत्री वेदराम भाटी, दादरी के पूर्व विधायक सतवीर गुर्जर, पूर्व विधान परिषद सदस्य अनिल अवाना, गाजियाबाद से बसपा सरकार में भी मंत्री रहें नरेंद्र कश्यप, मुरादनगर से विधायक रहे पूर्व मंत्री राजपाल त्यागी, विधान परिषद सदस्य प्रशांत चौधरी, पूर्व विधायक हेमलता चौधरी, लोनी के ईश्वर मावी बसपा छोड़ भाजपा का दामन थाम चुके हैं। यहीं कारण है कि लोकसभा चुनाव लड़ाने के लिए दावेदारों का टोटा हो गया है।

गाजियाबाद लोकसभा सीट पर बसपा कभी जीत हासिल नहीं कर सकीं है, लेकिन मुख्य लड़ाई में रही है। हालांकि, गाजियाबाद नगर और साहिबाबाद से बसपा के विधायक रहे हैं। गाजियाबाद से बसपा के टिकट पर विधायक रहें सुरेश बंसल का निधन हो गया है, जबकि साहिबाबाद से बसपा के टिकट पर विधायक रहे अमरपाल शर्मा सपा में शामिल हो गए थे। गौतमबुद्ध नगर में 2009 में बसपा के सुरेंद्र नागर सांसद बने थे।

बसपा से नहीं लड़ना चाहते चुनाव

इससे पहले और बाद में भी बसपा यहां मुख्य लड़ाई में रही। हापुड़ जिला गाजियाबाद, अमरोहा व मेरठ लोकसभा सीटों में बंटा है। अमरोहा में पिछली बार बसपा के कुंवर दानिश अली सांसद रहे हैं। वह अब कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। मेरठ से भी एक बार हाजी अखलाक सांसद रह चुकें हैं। देश में मोदी लहर कहें, या बसपा का रसातल में चले जाना, बसपा का कोई नेता से चुनाव नहीं लड़ना चाहता।

बसपा के सामने इससे पहले कभी इतना संकट नहीं आया। गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद व हापुड़ कभी बसपा के गढ़ हुआ करते थे। तीनों ही जगह बसपा के विधायक, विधान परिषद सदस्य, जिला पंचायत सदस्य और चेयरमैन, नगर पालिका चेयरमैन एवं ब्लाक प्रमुख बड़ी संख्या में हुआ करती थी, लेकिन मायावती का शासन समाप्त होते ही बसपा इन्हें संभाल नहीं सकी। एक-एक कर सभी नेता पार्टी छोड़ते गए।

गौतमबुद्ध नगर से बसपा के टिकट पर गत लोकसभा चुनाव लड़े सतवीर नागर भी अब उतने सक्रिय नहीं हैं। दादरी में पूर्व विधायक सतवीर गुर्जर गौतबुद्ध नगर में बसपा का झंडा बुलंद किए रहते थे। उनके पार्टी से जाते ही बसपा रसातल में चली गई। 

चुनाव को लेकर पार्टी की गतिविधि तेजी से चल रही है। बृहस्पतिवार को पार्टी प्रत्याशी घोषित हो जाएगा।- एके कर्दम, जिलाध्यक्ष, हापुड़

पार्टी मजबूती से चुनाव लड़ेगी। दावेदारों की सूची हाईकमान को भेज दी गई है। शीघ्र प्रत्याशी घोषित होगा। -नरेश गौतम, जिलाध्यक्ष, गौतमबुद्ध नगर

पार्टी पूर्व में एक वर्ष पहले प्रत्याशी घोषित कर देती थी। इस पर सस्पेंश रखा है। तैयारी मजबूती से चल रही है। जल्द सस्पेंश समाप्त होगा। दयाराम सैन, जिलाध्यक्ष, गाजियाबाद

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