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Lok Sabha Elections: भाजपा से टिकट चाहने वालों की लंबी कतार... अपनों से निराशा तो साइकिल की सवारी से जीत की आशा

इस बार भाजपा के टिकट से लोकसभा चुनाव लड़ने की चाह रखने वाले नेताओं की लंबी कतार है। उम्मीद की जा रही है कि लोकसभा चुनाव के लिए जल्द ही आचार संहिता लागू कर दी गई। अब जब बीजेपी की तरफ से उम्मीदवारों की घोषणा कर दी गई और चुनाव लड़ने की चाह रखने वाले नेताओं को निराशा हाथ लगी तो वे...

By Manesh Tiwari Edited By: Shyamji Tiwari Updated: Wed, 13 Mar 2024 03:00 PM (IST)
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भाजपा से टिकट चाहने वालों की लंबी कतार

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नेाएडा। लोकसभा चुनाव में भाजपा का टिकट घोषित होने के साथ ही अन्य दलों के नेताओं में भी बेचैनी बढ़ गई है। लंबे समय से मेहनत करने के बाद भी जिन नेताओं को भाजपा से निराशा हाथ लगी है, उनमें से कुछ पार्टी बदल साइकिल की सवारी करने के लिए लालायित हैं। वह लंबे समय से चल रही मेहनत को जाया नहीं जाने देना चाहते हैं।

15 मार्च को हो सकता है फैसला

टिकट के लिए सपा के वरिष्ठ नेताओं से संपर्क साधा है। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में टिकट बंटवारे को लेकर लखनऊ में 15 मार्च को होने वाली बैठक में प्रत्याशियों के नाम पर मुहर लग सकती है। आर्थिक रूप से मजबूत प्रत्याशी के साथ ही जातिगत आंकड़ों के आधार पर टिकट तय होगा। गुर्जर या ठाकुर प्रत्याशी पर सपा दांव लगा सकती है।

संभावना जताई जा रही है कि लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता की घोषणा तीन से चार दिनों में हो जाएगी। जिले में प्रत्याशी घोषित करने में इस बार भाजपा ने अन्य पार्टियों को पीछे छोड़ दिया। भाजपा से टिकट चाहने वालों की कतार लंबी थी। टिकट की चाह में उनके द्वारा पिछले लगभग एक वर्ष से मेहनत की जा रही थी। भाजपा से डॉ. महेश शर्मा का नाम घोषित होने के बाद उनकी मेहनत पर पानी फिर गया।

कांग्रेस के नेताओं ने भी बदला पाला

सपा व कांग्रेस का गठबंधन हो चुका है। सपा से पार्टी के वरिष्ठ नेता व कई बार जिलाध्यक्ष रह चुके फकीर चंद्र नागर, महेंद्र नागर, राहुल अवाना, राम शरण नागर व मनोज भाटी मजबूती से टिकट के दावेदारों में हैं। सीट सपा के खाते में गई है, लेकिन कांग्रेस के कुछ नेता भी पाला बदल सपा के चुनाव चिंह पर टिकट मांग रहे हैं। इसमें कांग्रेस से पिछले लगभग दो दशक से जुड़े दो नेताओं का नाम सबसे ऊपर है।

साइकिल की सवारी करने को तैयार

वहीं दूसरी तरफ अभी तक भाजपा से टिकट की चाह रखने वाले निराशा मिलने के बाद पाला बदलने के लिए तैयार बैठे हैं। इसमें पार्टी के एक नेता पर प्रमुख पद की जिम्मेदारी भी है। उन्हें लग रहा है कि टिकट पाने के लिए लंबे समय से मेहनत चल रही है, सपा से चुनाव लड़ने पर भी मेहनत का परिणाम मिल सकता है। सपा जिलाध्यक्ष सुधीर भाटी का कहना है कि सपा के साथ ही कुछ दूसरी पार्टी के नेता भी टिकट मांगने वालों की कतार में हैं।

प्रत्याशी चयन के लिए लखनऊ में 15 मार्च को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के नेतृत्व में बैठक होगी। बैठक में हर जिले के जिलाध्यक्ष के साथ ही पूर्व अध्यक्ष व 2022 में विधानसभा चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों को बुलाया गया है। सभी से राय लेने के बाद प्रत्याशी का चयन किया जाएगा।

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