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ग्रेटर नोएडा में चौकी के पास चल रही थी 'जहर' की फैक्ट्री, पुलिस को नहीं लगी भनक; पहले कब-कब पकड़ी गईं फैक्ट्रियां

ग्रेटर नोएडा के कासना में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने मेथमफेटामाइन ड्रग्स बनाने की फैक्ट्री का पर्दाफाश किया है। ग्रेटर नोएडा में इसके पहले तीन ड्रग्स फैक्ट्रियां पकड़ी जा चुकी हैं। लोगों का कहना है कि स्थानीय खुफिया इकाई यदि अपने सूचना तंत्र को मजबूत करके सतर्कता बढ़ाती तो शायद कमिश्नरेट पुलिस ही इस ड्रग्स फैक्ट्री को पकड़ लेती लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek Tiwari Updated: Wed, 30 Oct 2024 08:42 AM (IST)
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ऑपरेशन प्रहार के दौरान जांच करती पुलिस टीम। फोटो सौ. मीडिया सेल
अवनीश मिश्र, ग्रेटर नोएडा। कासना थाना की औद्योगिक क्षेत्र साइट-पांच पुलिस चौकी से करीब 700 मीटर की दूरी पर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के साथ मेथमफेटामाइन ड्रग्स बनाने की फैक्ट्री का पर्दाफाश करके गौतमबुद्ध नगर कमिश्नरेट पुलिस की पोल खोल दी है।

डेरी की आड़ में चल रही थी 'जहर' की फैक्ट्री

यहां डेरी की आड़ में ड्रग्स बनाने की फैक्ट्री चल रही थी। स्थानीय खुफिया इकाई को भी इसकी भनक नहीं थी। कासना औद्योगिक क्षेत्र के साइट-पांच में ड्रग्स फैक्ट्री के सामने पेंट व दूसरे तरफ प्लास्टिक के डिब्बे बनाने की फैक्ट्री है। एक प्लाट चारदीवारी बनाकर छोड़ा गया है। फैक्ट्री के अंदर काम करने वाले किसी से कोई बातचीत नहीं करते थे। इससे लोगों को यह पता नहीं था कि उसके अंदर क्या बन रहा है।

मेथमफेटामाइन ड्रग्स बरामद करती हुई एनसीबी की टीम। फोटो- जागरण

एक फैक्ट्री के गार्ड ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कुछ दिन पहले दोपहर में टहलते समय देखा कि उस फैक्ट्री का गेट खुला है। अंदर एक गार्ड और चार-पांच लोग दिखे। उन लोगों से बातचीत करने की कोशिश की लेकिन, सभी ने चुप्पी साध ली। गार्ड ने बस इतना कहा कि डेरी चलाते हैं। उसके बाद जरूरी काम बताकर उन्हें बाहर कर दिया।

नहीं पड़ा बिल्डिंग नंबर

औद्योगिक क्षेत्र की सभी बिल्डिंग पर उनका नंबर दर्ज है, लेकिन जिस बिल्डिंग के अंदर ड्रग्स की फैक्ट्री चल रही थी उस पर ऐसा नहीं है। मंगलवार शाम को उसके गेट पर ताला व सील लगी मिली। पूरे मामले में स्थानीय पुलिस अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। मामले की जांच में उनकी कोई भूमिका है या नहीं यह भी नहीं बता रहे हैं।

किरायेनामा या सत्यापन की बात से भी अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। इस बड़ी कार्रवाई को लेकर आसपास के लोग जरूर अचंभित हैं। वहीं, मंगलवार शाम करीब सात बजे जिस बिल्डिंग में ड्रग्स फैक्ट्री पकड़ी गई थी, उससे महज 200 मीटर की दूरी पर तीन-चार पुलिसकर्मी खड़े दिखे।

पूर्व में पकड़ी गईं फैक्ट्रियां

अप्रैल 2024: दादरी कोतवाली क्षेत्र के ओमिक्रोन एक सेक्टर में मथुरापुर गांव में।

30 मई 2023: बीटा-2 थाना क्षेत्र के सेक्टर ओमेगा स्थित जज सोसायटी में।

16 मई 2023: सूरजपुर कोतवाली क्षेत्र के सेक्टर थीटा दो में।

सात सौ स्थानों पर चलाया था ऑपरेशन प्रहार

24 अक्टूबर को गौतमबुद्ध नगर कमिश्नरेट पुलिस ने नशे पर प्रहार करने के लिए ऑपरेशन प्रहार 0.2 चलाया था। सौ से अधिक टीम जिसमें पांच सौ पुलिसकर्मी, पांच प्लाटून पीएसी, 27 एंटी रोमियो स्वाट टीम, कमांडो टीम और एंटी नारकोटिक्स टीम शामिल थी। इन टीमों ने सात सौ स्थानों पर तलाशी ली थी।

68 आरोपितों पर कार्रवाई करते हुए 43.2 किलो गांजा, भारी मात्रा में स्मैक की पुडिया, ई-सिगरेट, 100 पाइप और रोलिंग पेपर बरामद किया था। पुलिस मुख्यालय, लखनऊ से भी कार्रवाई की सराहना हुई थी। इस सबके बीच दूसरे दिन ही 25 अक्टूबर को कासना में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के साथ मेथमफेटामाइन ड्रग्स बनाने की फैक्ट्री पकड़ ली।

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