17 साल की नाबालिग से शादी कर रहा था 35 साल का शख्स, फेरों से एक घंटे पहले लड़की को...
शैक्षिक अभिलेख और आधार कार्ड में नाबालिग की उम्र 18 से कम है। शादी के कार्यक्रम के बारे में किसी को जानकारी नहीं हो इस कारण लड़की के स्वजन ने पूरे कार्यक्रम का आयोजन घर से कुछ ही दूरी पर एक बड़े घर में किया था। सिर्फ 15 लोगों को शादी का निमंत्रण दिया गया था। शादी का खर्च वर पक्ष ही उठा रहा था।
जागरण संवाददाता, नोएडा। चाइल्ड हेल्पलाइन-1098 पर मिली शिकायत के बाद चाइल्ड लाइन ने एक नाबालिग को वधू बनने से रोका है। चाइल्ड हेल्पलाइन के परियोजना समन्वयक अदनान उस्मानी ने बताया कि एक व्यक्ति से सेक्टर-45 सदरपुर गांव में बुधवार को नाबालिग की शादी कराए जाने की सूचना मिली थी।
जिला प्रोबेशन अधिकारी आशीष कुमार ने चाइल्ड लाइन को तत्काल कार्रवाई के लिए निर्देशित किया। प्रकरण में न्याय पीठ को पत्र के माध्यम से बाल विवाह रुकवाने का अनुरोध किया गया। बुधवार शाम चार बजे नाबालिग की शादी होनी थी, लेकिन शादी से करीब एक घंटे पहले टीम ने मौके पर पहुंचकर शादी रुकवाकर स्वजन के सुपुर्द किया।
मां-पिता के दबाव में शादी के लिए तैयार हो गई नाबालिग
सदरपुर की किशोरी के पिता सेक्टर-44 में ही परचून की दुकान हैं। वह साप्ताहिक बाजार में भी दुकान लगाते हैं। उनकी दो बेटियां और एक बेटा हैं। जिस नाबालिग की शादी हो रही थी। वह सबसे बड़ी बेटी है। आर्थिक तंगी की वजह से स्वजन 17 साल की बेटी की शादी 35 साल के व्यक्ति से कराने को तैयार हो गए। लड़के पक्ष वालों को नहीं पता था कि लड़की नाबालिग है।युवक के नाम चार मकान है, जिसका किराया आता है। स्वजन को लगा कि अगर अच्छे परिवार में बेटी की शादी हो जाएगी तो उसे आर्थिक तंगी से नहीं जूझना पड़ेगा। स्वजन ने बहला फुसलाकर नाबालिग को शादी के लिए राजी कर लिया। मां-पिता के दबाव में नाबालिग शादी के लिए तैयार हो गई। नाबालिग ने आठवीं तक की पढ़ाई की है।
इस वित्तीय वर्ष में तीन को बालिका वधू बनने से रोका
चाइल्ड लाइन की ओर से इस वित्तीय वर्ष में तीन नाबालिग को बालिका वधू बनने सो रोका गया है। बीते माह सेक्टर-123 में शादी से एन वक्त पहले एक युवती के फरार हो जाने के बाद घरवाले स्वजन बेइज्जती से बचने के लिए 13 साल की नाबालिग को फेरो के मंडप में बैठाना चाहते थे।जानकारी होने पर चाइल्ड लाइन ने बाल विवाह रुकवाया था। इसी तरह दनकौर गांव में एक किशोरी की उम्र शादी के दौरान दो माह कम होने पर विवाह को रोका गया था। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत किसी भी बालिका की आयु 18 वर्ष एवं बालक की आयु 21 वर्ष पूरा होने से पहले करना कानून अपराध है।
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