नोएडा में रोजाना 500 से अधिक लोग हो रहे कुत्ते-बंदर के शिकार
कुत्ते, बंदर, चमगादड़ व चूहा काटने के शिकार हुए लोगों को रेबीज नामक बीमारी से बचाने के लिए तीन-तीन डोज दी जाती है।
नोएडा [धर्मेन्द्र मिश्रा]। जिले में कुत्ते और बंदरों का भारी आतंक है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पूरे जनपद में रोजाना 500 से अधिक लोग कुत्ते-बंदर के शिकार हो रहे हैं। एक अगस्त से 31 अगस्त तक 15 हजार से ज्यादा लोगों को रेबीज के इंजेक्शन लगाए जा चुके हैं।
अकेले जिला अस्पताल में रोजाना 270 से 300 लोग रोजाना रेबीज के इंजेक्शन लगवाने पहुंच रहे हैं। वहीं जिले के अन्य सीएचसी पीएचसी को मिलाकर करीब 220 लोगों को प्रतिदिन इंजेक्शन लगाए जा रहे हैं। एक दिन में 500 से 550 मरीजों को रेबीज का इंजेक्शन दिया जा रहा है। सबसे ज्यादा लोग कुत्ते के शिकार हो रहे हैं। इसके बाद बंदर, चूहा व चमगादड़ भी लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। पीडि़तों में बच्चे, बूढ़े व नौजवान सभी शामिल हैं।
एक मरीज को दी जाती है तीन डोज
कुत्ते, बंदर, चमगादड़ व चूहा काटने के शिकार हुए लोगों को रेबीज नामक बीमारी से बचाने के लिए तीन-तीन डोज दी जाती है। पहली डोज 24 घंटे के भीतर दूसरी डोज तीसरे दिन व तीसरी डोज सातवें दिन चौथी डोज 15वें दिन व पांचवी डोज 30वें दिन दी जाती है।
वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. एनके शर्मा ने बताया कि प्रिकॉशन के तौर पर भी रेबीज का इंजेक्शन लगवाया जा सकता है। इसमें तीन डोज ही लगवाना पड़ता है। एक वायल में पांच डोज होती है। अगर मरीज रेबीज का शिकार हो गया तो उसे पानी से डर लगता है। वह काफी आक्रामक हो जाता है। कुत्ते की तरह भाग व भौंक भी सकता है। अचानक बेहोश हो सकता है। रेबीज होने पर मरीज की मौत हो जाती है।
गौतमबुद्ध नगर के सीएमओ डॉ. अनुराग भार्गव का कहना है कि जिले में अब रेबीज के इंजेक्शन की किल्लत को दूर कर दिया गया है। सभी सीएचसी-पीएचसी व जिला अस्पताल में पर्याप्त डोज उपलब्ध है। रोजाना 450-550 लोगों को इंजेक्शन लगाया जा रहा है।
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