MotoGP Bharat: 74 साल पहले शुरू हुआ मोटोजीपी का सफर, अब 1000 सीसी तक की बाइक से होती है रेस
भारत और कजाकिस्तान में इस वर्ष पहली बार मोटोजीपी का आयोजन हो रहा है लेकिन इसका इतिहास 74 वर्ष पुराना है। पहले टू स्ट्रोक इंजन की बाइक रेस में शामिल हुआ करती थीं। वर्ष 2002 में फोर स्ट्रोक इंजन बाइक रेस का हिस्सा बनीं। वाहन निर्माताओं को 500 सीसी तक के दो-स्ट्रोक इंजन या 990 सीसी या उससे कम तक के चार-स्ट्रोक इंजन के बीच चयन करने को कहा गया।
By Arpit TripathiEdited By: Shyamji TiwariUpdated: Thu, 14 Sep 2023 08:57 PM (IST)
ग्रेटर नोएडा, जागरण संवाददाता। भारत और कजाकिस्तान में इस वर्ष पहली बार मोटोजीपी का आयोजन हो रहा है, लेकिन इसका इतिहास 74 वर्ष पुराना है। वर्ष 1949 में फेडरेशन इंटरनेशनले डी मोटरसाइक्लिसमे (एफआइएम) ने पहली बार मोटो जीपी युनाइटेड किंग्डम के अधिकार क्षेत्र आइल ऑफ मैन में कराया था। पहली बार चार वर्ग 125, 250, 300 और 500 सीसी की मोटरसाइकिल और साइडकार ने हिस्सा लिया था।
पहले टू स्ट्रोक इंजन की बाइक रेस में शामिल हुआ करती थीं। वर्ष 2002 में फोर स्ट्रोक इंजन बाइक रेस का हिस्सा बनीं। वर्तमान में चैंपियनशिप चार वर्ग में बंटी है। पहली मोटोजीपी, मोटो2, मोटो3 व मोटो ई। मोटो ई में इलेक्ट्रिक बाइक का इस्तेमाल होता है। 2019 में इसे मोटो ई का वर्ल्ड कप में पर्दापण हुआ, 2023 में इसे एक श्रेणी के तौर पर चैंपियनशिप में शामिल किया गया।
1800 ई के आखिरी दशकों से हो रही बाइक रेस
मोटरसाइकिल के रेस का इतिहास काफी पुराना है। जानकारों के मुताबिक 1800 ई. के आखिरी के दशक से मोटरसाइकिल रेस आयोजित हो रही है। शुरुआत में मोटरसाइकिल की क्षमता और मजबूती को आंकने के लिए इनका आयोजन होता था। दूसरे विश्व युद्ध के बाद तकनीक विकसित होने के साथ ही मोटरसाइकिल का स्वरूप बदला और 1949 में एफआईएम ने मोटोजीपी रेस की शुरू हुई।पहले साइडकार भी रहीं हिस्सा
मोटोजीपी के शुरुआती चरणों में मोटरसाइकिल में साइडकार भी शामिल रहती थीं। साइडकार मोटराइकिल से लगा हिस्सा होता है जिसमें एक और राइडर शामिल होता था। 1990 के बाद साइडकारों को विश्व चैंपियनशिप स्पर्धाओं से हटा दिया गया।ये भी पढ़ें- MotoGP Bharat: ग्रेटर नोएडा का बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट रचेगा इतिहास, 22 राइडरों की रफ्तार रोमांच को तैयार
1962 से 1983 तक 50 सीसी वर्ग शामिल था, 1984 से 1989 तक इसे 80 सीसी वर्ग में बदल दिया गया। 1949 से 1982 तक 350 सीसी वर्ग और 1977 से 1979 तक 750 सीसी वर्ग भी शामिल था। 1950 से 1960 तक के अधिकांश समय तक चार-स्ट्रोक इंजन की बाइक दौड़ती थीं। 1960 के बाद इंजन के डिजाइन और प्रौद्योगिकी में बदलाव के कारण दो-स्ट्रोक इंजन भी शामिल हो गए।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।