नोएडा: स्वतंत्रता सेनानी तेजपाल सिंह की याद में राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन, कविताओं से दी गई श्रद्धांजलि
Noida Kavi Sammelan भारत सरकार द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव की समापन बेला पर बलिदानियों को श्रद्धांजलि देने के लिए देशभर में मेरी माटी मेरा देश अभियान चलाया जा रहा है। इसी अभियान के तहत यदुकुल पुनर्जागरण मिशन द्वारा सेक्टर-73 स्थित यदु पब्लिक स्कूल में स्वतंत्रता सेनानी महाशय तेजपाल सिंह की स्मृति में कवि सम्मेलन व मुशायरे का आयोजन किया गया।
By Jagran NewsEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Tue, 22 Aug 2023 07:25 AM (IST)
नोएडा, जागरण संवाददाता। भारत सरकार द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव की समापन बेला पर बलिदानियों को श्रद्धांजलि देने के लिए देशभर में मेरी माटी मेरा देश अभियान चलाया जा रहा है। इसी अभियान के तहत यदुकुल पुनर्जागरण मिशन द्वारा सेक्टर-73 स्थित यदु पब्लिक स्कूल में स्वतंत्रता सेनानी महाशय तेजपाल सिंह की स्मृति में कवि सम्मेलन व मुशायरे का आयोजन किया गया। महाशय तेजपाल सिंह के बेटे व पूर्व सांसद व मंत्री डीपी यादव ने भी कवि सम्मेलन में अपनी कविताएं पढ़ी।
उन्होंने कहा कि कविताओं से उनके पिता का गहरा रिश्ता था। वह हर रोज विभिन्न विषयों पर कविताएं सुनाते थे। देशभक्ति व राष्ट्रवाद उनकी कविताओं का प्रिय विषय था। कार्यक्रम की अध्यक्षता ताहिर फराज और संचालन डा दिनेश रघुवंशी ने किया। महाशय तेजपाल सिंह नोएडा के सर्फाबाद गांव से थे। उनके जीवन का एक बड़ा हिस्सा आजादी के लिए संघर्ष करते हुए बीता। उन्होंने महात्मा गांधी के नेतृत्व में कई आंदोलनों में हिस्सा लिया। स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने के कारण जेल भी गए।
कौन हैं तेजपाल सिंह?
स्वतंत्रता सेनानी स्व. तेजपाल सिंह नोएडा के गांव सरफ़ाबाद के रहने वाले थे। महाशय तेजपाल सिंह जी के जीवन का एक बहुत बड़ा हिस्सा आज़ादी के लिए संघर्ष करते हुए बीता। उन्होंने गांधी जी के नेतृत्व में कई आंदोलनों में हिस्सा लिया। स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने के कारण जेल भी गए।आर्य समाजी होने के नाते महाशय जी का साहित्य एवं संस्कृति से गहरा जुड़ाव था। गांव के लोग बताते हैं कि स्वतंत्रता आंदोलन के समय महाशय जी गांव के लोगों को आल्हा, देशभक्ति गीत एवं प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों के क़िस्से और कविताएं सुनाया करते थे। महाशय जी का पूरा जीवन समाज की सेवा करते हुए बीता।
पूर्व सांसद DP Yadav ने भी सुनाई कविताएं
इस मौके पर तेजपाल सिंह के बेटे एवं पूर्व सांसद तथा मंत्री डीपी यादव ने भी कवि सम्मेलन में अपनी कविताएं पढ़ी। कविताएं पढ़ते हुए डीपी यादव ने अपने पिता जी को भी याद किया और बताया कि “पिता जी का कविताओं से गहरा रिश्ता था। पिताजी हर रोज हमें विभिन्न विषयों पर कविताएं सुनाया करते थे। देशभक्ति एवं राष्ट्रवाद पिता जी की कविताओं का प्रिय विषय था। मैं यह जानता हूं कि मैं कोई बहुत बड़ा कवि नहीं हूं, लेकिन आज मैं जो भी कविताएं लिखता हूं वह सब पिताजी से बचपन में सुनी कविताओं की ही देन है।“
साथ ही डीपी यादव ने प्रसिद्ध कवि स्व. गोपाल दास नीरज से अपनी मित्रता का भी ज़िक्र किया। अभी हाल ही में दिल्ली में आयोजित विश्व पुस्तक मेले में वाणी प्रकाशन, नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित डीपी यादव की कविताओं का संकलन ‘वक्त साक्षी है’ का विमोचन हुआ था।इस राष्ट्रीय कवि सम्मेलन एवं मुशायरे में देश के कई नामचीन कवियों जैसे ताहिर फराज, डा विष्णु सक्सेना, अकील नोमानी, डॉ दिनेश रघुवंशी, डॉ कीर्ति काले, अर्जुन सिसोदिया, मुमताज नसीम, डॉ. राजीव राज, डा सोनरूपा विशाल, आलोक यादव आदि शामिल हुए।
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