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Yoga Teacher Nidhi Tyagi: योग करने के प्रति लोगों को जागरूक कर रही हैं निधि त्यागी

निधि से सलाह और सुझाव लेकर बड़ी संख्या में लोग योग कर रहे हैं। इससे वह स्वास्थ्य लाभ के साथ मानसिक लाभ भी ले रहे हैं। निधि त्यागी (डाइट फैकल्टी गौतमबुद्धनगर) का कहना है कि योग कोई कसरत नहीं है।

By Prateek KumarEdited By: Updated: Sun, 03 Jul 2022 04:06 PM (IST)
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दूसरे के लिए योग करने की प्रेरणा बनने वाली निधि त्यागी का।

नोएडा, जागरण डिजिटल डेस्क। देश-दुनिया में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया, लोगों ने जमकर योग किया, लेकिन यह सिलसिला एक दिन नहीं बल्कि हर रोज चलना चाहिए। सिर्फ रस्म अदाएगी नहीं होनी चाहिए। यह है कि दूसरे के लिए योग करने की प्रेरणा बनने वाली निधि त्यागी का।

बचपन से ही योग के प्रति रुझान रखने वालीं निधि त्यागी ने योगासन किस उम्र से शुरू किया, यह तो उन्हें भी याद नहीं, लेकिन वह आज भी कम से कम एक घंटे योग के आसन करती हैं। इसके साथ ही वह लोगों को भी योग के बारे में और इसके फायदे बताती हैं। निधि की वजह से सैकड़ों लोगों ने योग को अपनाया और अपनी जीवनशैली बदली है।

आज आलम यह है कि निधि से सलाह और सुझाव लेकर बड़ी संख्या में लोग योग कर रहे हैं। इससे वह स्वास्थ्य लाभ के साथ मानसिक लाभ भी ले रहे हैं। निधि त्यागी (डाइट फैकल्टी, गौतमबुद्धनगर) का कहना है कि योग कोई कसरत नहीं है, बल्कि यह जीवन जीने का एक तरीका है, जिसे अपनाकर लोग बेहतर मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य लाभ हासिल कर सकते हैं।

वर्ष 2014 से डाइट फैकल्टी (गौतमबुद्धनगर) से जुड़ीं निधि त्यागी ने वर्ष 2017 से सक्रिय रूप से योग कराना शुरू किया और यह अनवरत जारी है। बचपन से ही योग कर रहीं निधि की मानें तो योग जीवनशैली है। यह हमें दिनचर्या में शामिल करना चाहिए। योग हमें बैठने का तरीका सिखाने का साथ बेहतर स्वास्थ्य लाभ भी देता है

योग से प्राणायाम तथा ध्यान संयुक्त रूप से सिखाता है। ऐसे में अगर नियमित रूप से योग का अभ्यास किया जाए तो लोगों को इससे असंख्य लाभ प्राप्त होते हैं। स्वास्थ्य में लाभ, मानसिक शक्ति, शारीरिक शक्ति, शरीर की टूट फूट से रक्षा और शरीर का शुद्ध होना जैसे कई लाभ हमें योग से मिलते हैं, यह बिल्कुल सत्य है।

जीजीआइसी (बुलंदशहर) से उच्च शिक्षा हासिल करने वाली निधि त्यागी की शादी गाजियाबाद के गांव भदौली से हुई है। शादी के बाद ससुराल में भी योग का साथ जारी है। पति अशोक कुमार त्यागी और समूचा ससुराल योग की इस मुहिम में सारथी बनकर सामने आया और सहयोग की यही भावना बनी हुई है।

पिता से मिली स्वस्थ रहने की सीख

निधि त्यागी कहती हैं- 'पिता ब्रज भूषण त्यागी दिल्ली एम्स से रिटायर्ड हैं। उन्होंने हमेशा स्वास्थ्य के प्रति सचेत किया। शायद यही वजह रही है कि बचपन से योग के प्रति रुझान बना रहा।'

निधि का मानना है कि योग को कसरत, जिमनास्टिक अथवा व्यायाम नहीं है जो शरीर को ठोस और ताकतवर बनाता है। योग तो तन और मन दोनों को कोमल बनाता है। योग एक ऐसी विधा है जो रोजाना करके मनुष्य स्वस्थ रहता है। योग मानसिक सुख तो देता ही है, साथ ही शरीर के अंदर का विभिन्न अंग प्रभावित होता है। इसके साथ ही शरीर को स्वस्थ्य रखने के लिए विभिन्न क्रियाओं में संतुलन होता है।

निधि का मानना है कि योग हमारी भारतीय संस्कृति की प्राचीनतम गौरवमयी पहचान है। योग के प्रतिदिन अभ्यास से हम स्वस्थ शरीर, स्वस्थ मस्तिष्क व स्वस्थ मन को प्राप्त कर सकते हैं। यह कहना अतिशयोक्ति न होगी कि आज के आधुनिक युग में तनाव, पीड़ा, बीमारी, अवसाद आदि से मुक्त एवं प्रसन्न व सुव्यवस्थित जीवन को मात्र एक मार्ग से प्राप्त किया जा सकता है वह मार्ग है योग का।

निरोग रहने के लिए रोज करो योग

निधि का मानना है कि योग मात्र एक शारीरिक व्यायाम है। वास्तव में यह एक शारीरिक व्यायाम ना होकर संपूर्ण जीवन शैली है। संपूर्ण जीवन पद्धति है। जीने की कला है।

प्रातः उठने से लेकर रात शयन तक की जाने वाली सभी क्रियाएं योग युक्त हो तो हमारे जीवन के सभी दुख नष्ट हो जाएंगे। श्रीमद्भगवद्गीता में भगवान श्री कृष्ण कहते हैं

युक्त-आहार-विहारस्य युक्त-चेष्टस्य कर्मसु ।

युक्त-स्वप्न-अवबोधस्य योगः भवति दुःखहा ॥

प्रशिक्षण के जरिये ही करें योग

कुछ लोग प्रायः सोशल मीडिया व अन्य माध्यम से योग सीखकर योगासन व प्राणायाम प्रारंभ कर देते हैं लेकिन किसी प्रशिक्षित योगाचार्य से सीखकर ही योग व प्राणायाम का अभ्यास करना चाहिए।

कुछ स्वस्थ व पतले व्यक्ति ऐसा सोचते हैं कि उन्हें योग की आवश्यकता नहीं है अपितु योग आजीवन आरोग्यता प्रदान करता है।

योग किसी धर्म वर्ग से संबंधित ना होकर सभी के लिए सर्वसुलभ है। हर आयु ,वर्ग, समुदाय का व्यक्ति अपनी क्षमता के अनुसार योग सकता है ।

इसलिए किया जाना चाहिए योग

शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर अनूकुल प्रभाव पड़ता है।

मन रहता है हमेशा प्रसन्न रहता है और शरीर में स्फूर्ति बना रहती है।

योग और ध्यान के जरिये मन परिष्कृत हो जाता है।

योग करने से नकारात्मक विचारों का खात्मा होता है।

योग करने से मानसिक रोग के प्रति लड़ाई आसान हो जाती है।

आधुनिक जीवनशैली और कार्यशीलता में बेहतर समन्वय बनता है।

नींद अच्छी आती है और दिनचर्या भी बेहतर होती है।

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