Nithari Kand: 17 साल में बिखर गया सुरेंद्र कोली का परिवार, ढाल बनी रहने वाली पत्नी ने भी छोड़ा
निठारी कांड में अल्मोड़ा के मंगरूखाल गांव निवासी सुरेंद्र कोली को 15 साल बाद इलाहाबाद उच्च न्यायालय से निर्दोष करार दिया गया है। मगर निचली कोर्ट से मिली सजा काट रहे कोली का इतने साल में घर-परिवार बिखर चुका है।
By Jagran NewsEdited By: Pooja TripathiUpdated: Tue, 17 Oct 2023 06:12 PM (IST)
जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा/गाजियाबाद। निठारी कांड में अल्मोड़ा के मंगरूखाल गांव निवासी सुरेंद्र कोली को 15 साल बाद इलाहाबाद उच्च न्यायालय से निर्दोष करार दिया गया है। मगर निचली कोर्ट से मिली सजा काट रहे कोली का इतने साल में घर-परिवार बिखर चुका है।
मां छोड़ गई दुनिया, पत्नी ने छोड़ा घर
बूढ़ी मां बेटे को बेकसूर बताते-बताते दुनिया छोड़ गई। वहीं, पति की ढाल बनकर डटी रहने वाली सुरेंद्र की पत्नी आखिर में घर छोड़ गई। गांव में बचा है तो सुरेंद्र का जर्जर हो चुका पैतृक मकान।
यह भी पढ़ें: Nithari Kand के दोषी हुए बरी, बच्चों संग हैवानियत के खौफनाक किस्से सुन आज भी सिहर जाते हैं लोग
आठ साल बाद जेल में मिली थी पत्नी
निठारी कांड में सजा सुनाए जाने के बाद भी कोली की मां कुंती देवी व पत्नी शांति देवी ने भरोसा नहीं टूटने दिया। जिला पंचायत सदस्य रहे नारायण सिंह रावत के प्रयासों से 2014 में सुरेंद्र को उसके दो बच्चों से मिलाने दिल्ली के जेल भी गए थे।
स्थानीय निवासी बोले हमेशा चुप रहता था कोली
निठारी के लोगों ने कहा कि मामले में जांच कर चुकी पुलिस और सीबीआइ की ओर से सबूतों को इकट्ठा करने के लिए कई बार पूछताछ की जा चुकी है। कोठी में रहने वाले मोनिंदर पंधेर का व्यवहार सामान्य था।वहीं सुरेंद्र कोली की हरकत असामान्य थी। वह किसी से बात नहीं करता था। वह हमेशा शांत रहता था। पुलिस कई बार आरोपितों को लेकर कोठी पहुंची थी तो लोगों से भी पूछताछ की थी।
यह भी पढ़ें: Nithari Kand: फैसला सुनते ही खूनी कोठी पहुंचे हर्ष के पिता, फेंके ईंट-पत्थर और फफक कर रोए; बोले- अब योगी दिलाएं इंसाफ
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।