Nithari Kand: पुलिस जिंदा समझकर बच्चों को खोजती रही, वहां मासूमों की हत्या होती रही; ऐसे मिला था सबसे पहला कंकाल
वर्ष 2006 में देश को झकझोरकर रख देने वाली इस वारदात में भी पुलिस की लापरवाही सामने आई थी। निठारी गांव के लोगों को पुलिस की जांच पर भरोसा नहीं था। इसके कई बड़े कारण थे। जिसमें पुलिस का पुराना रिकॉर्ड और बच्चों से जुड़े इस प्रकरण को लेकर पुलिसकर्मियों से लेकर अधिकारियों में गंभीरता का न होना।
By Gaurav SharmaEdited By: GeetarjunUpdated: Tue, 17 Oct 2023 01:19 AM (IST)
जागरण संवाददाता, नोएडा। वर्ष 2006 में देश को झकझोरकर रख देने वाली इस वारदात में भी पुलिस की लापरवाही सामने आई थी। निठारी गांव के लोगों को पुलिस की जांच पर भरोसा नहीं था। इसके कई बड़े कारण थे। जिसमें पुलिस का पुराना रिकॉर्ड और बच्चों से जुड़े इस प्रकरण को लेकर पुलिसकर्मियों से लेकर अधिकारियों में गंभीरता का न होना।
उस समय नोएडा शायद ही उतना विकसित नहीं था, जितना अब है। सेक्टर-31 और उसके आसपास से कई बच्चे लापता हो गए थे। पुलिस लापता बच्चों को खोजने में कोई सफलता प्राप्त नहीं कर पाई थी। लापता बच्चों में 10 साल की ज्योति और आठ वर्ष की रचना शामिल थीं।
शुरू से पंढेर और कोली पर था संदेह
उनके पिता झब्बू लाल और पप्पू लाल को व्यवसायी मोनिंदर सिंह पंढेर के घर के घरेलू सहायक सुरेंद्र कोली पर संदेह था। दोनों ने अपने संदेह के साथ पुलिस से संपर्क किया था, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। आखिरकार उन्होंने स्थानीय निवासी और संघ के पूर्व प्रमुख एससी मिश्रा से नाले की खोज में मदद करने का आग्रह किया।नाले में मिले शरीर के अंग
इलाके में अफवाह थी कि नाले में बच्चों के शरीर के अंग देखे गए हैं। एससी मिश्रा, झब्बू लाल और पप्पू लाल उस सुबह लगभग 9:30 बजे नाले पर पहुंचे। महीनों से नाले की सफाई नहीं हुई थी। झब्बू ने कहा कि करीब आधे घंटे बाद उसे एक सड़ा हुआ हाथ मिला।
कोतवाली सेक्टर-20 पुलिस को बुलाया गया, जब तक पुलिस मौके पर पहुंची, स्थानीय लोगों के मुताबिक तब तक वह तीन शवों को निकाल चुके थे, जबकि पुलिस का कहना था कि वे सुरेंदर को गिरफ्तार करने के बाद नाले पर पहुंचे थे और उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया था।
कुल कितने थे शव
उस समय की सूचना में नाले में पाए गए शवों की संख्या अलग-अलग थी। स्थानीय लोगों का दावा था कि कम से कम 15 शव मिले हैं। हालांकि पुलिस ने कहा कि उन्हें हड्डियां और खोपड़ियां मिली हैं। किसी एक आंकड़े पर पहुंचना संभव नहीं था।
पुलिस पर शवों को ढूंढने का श्रेय लेने का भी आरोप लगाया गया, जबकि निवासियों ने चौंकाने वाली खोज की थी। स्थानीय लोगों के मुताबिक पुलिस ने कहा था कि उन्होंने पायल नाम की एक महिला की तलाश के दौरान मामले का पर्दाफाश किया, जो पंधेर के घर आती थी। बाद में कोली ने पायल और छह बच्चों की हत्या की बात स्वीकार कर ली थी।
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