Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Noida Accident: सही जगह होता यूनीपोल का बेस तो न बुझता दो घरों का चिराग! नियम का नहीं हुआ पालन

नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर हुए हादसे के बाद यूनीपोल के बेस का मुद्दा गरमा गया है। यूनीपोल का गलत बेस 10 साल से बना है। इस पर न तो यातायात पुलिस का ध्यान जा रहा है और न ही नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों का। आइएसटीएमएस के वरिष्ठ प्रबंधक राजेश कुमार ने बताया कि एचटीएमएस के जरिए यूनीपोल तैयार कराए गए थे। पांच यूनीपोल का प्रयोग यातायात पुलिस कर रही है।

By Avaneesh kumar Mishra Edited By: Pooja Tripathi Updated: Tue, 13 Aug 2024 08:12 PM (IST)
Hero Image
नोएडा-ग्रेटर नोएडा हाईवे पर गलत तरीके से क्रैश बैरियर के पहले बना यूनीपोल को बेस। जागरण

अवनीश मिश्र, नोएडा। नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे पर मयूर स्कूल के पास लगे यूनीपोल (ग्रेंटी) के जरिये यातायात पुलिस सुरक्षित सफर के लिए राहगीरों को जागरूक करती है।

नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों का चालान काटती है, लेकिन इस यूनीपोल का बेस ही गलत बना है। नियमानुसार इसका बेस क्रैश बैरियर के बाद बनना था, लेकिन यहां पर उसके पहले बना है।

उसमें कार की जोरदार टकर हाेने से सोमवार को दो सगे भाईयों सहित तीन युवाओं की जान चली गई। यदि यूनीपोल का बेस नियमानुसार बना होता तो शायद दो घरों का चिराग न बुझता।

यूनीपोल से पुलिस करती है लोगों को जागरूक

हाईवे पर लगाए गए यूनीपोल से यातायात पुलिस लोगों में जागरूकता फैलाती है। लोगों को सुरक्षित सफर के लिए नियमों का पालन कराने का पाठ पढ़ाती है।

जैसे-लेन में ड्राइविंग करें, नशे में वाहन न चलाएं, वाहन को ओवरस्पीड में न चलाएं, ओवरटेक दायीं ओर से करें आदि।

यातायात पुलिस ने 10 वर्ष पहले नोएडा प्राधिकरण के नोएडा ट्रैफिक सेल (एनटीसी) के माध्यम से हाईवे ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (एचटीएमएस) योजना लॉन्च कराई थी, जिसमें माध्यम से ई-चालान की सुविधा शुरू की गई।

अब यह मॉडिफाई होकर इंट्रीग्रेटेड सिक्योर ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईएसटीएमएस) में तब्दील हो चुकी है। यातायात पुलिस की ओर से सुरक्षित सफर के लिए इन्हीं यूनीपोलों पर कैमरों को लगाकर ई-चालान व मॉनिटरिंग का काम सेक्टर-94 स्थित कमांड कंट्रोल रूम से किया जा रहा है।

ईशान

हाईवे के किनारे क्रैश बैरियर भी लगाए गए हैं। इसके पीछे दो उद्देश्य हैं। एक कोई जानवर या व्यक्ति अचानक हाईवे पर न आने पाए। दूसरा यदि कोई वाहन अनियंत्रित होकर हाईवे से नीचे जाए तो वह क्रैश बैरियर से टकराकर रुक जाए। वाहन चालाकों को गंभीर चोट न आए।

ड्रेन की वजह से तो आगे नहीं लगाया

मयूर स्कूल के पास हाईवे के किनारे क्रैश बैरियर के बाद ड्रेन है। माना जा रहा है कि इस वजह से ही यहां यूनीपोल का बेस क्रैश बैरियर के बाद न बनाकर पहले बना दिया गया है।

लोगों का कहना है कि यदि यूनीपोल का बेस नियमानुसार क्रश बैरियर के बाद बना होता तो कार पहले उससे टकराती। इससे कार सिर्फ क्षतिग्रस्त होती या तीन युवा सिर्फ घायल होते। यूनीपोल का बेस कंक्रीट से काफी मजबूती से बना है। उससे सीधे कार टकराने से तीनों की जान चली गई।

आर्यन

अधिकारी बने अनजान

यूनीपोल का गलत बेस 10 साल से बना है। इस पर न तो यातायात पुलिस का ध्यान जा रहा है और न ही नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों का। आइएसटीएमएस के वरिष्ठ प्रबंधक राजेश कुमार ने बताया कि एचटीएमएस के जरिए यूनीपोल तैयार कराए गए थे। पांच यूनीपोल का प्रयोग यातायात पुलिस कर रही है।

आपके शहर की तथ्यपूर्ण खबरें अब आपके मोबाइल पर