प्रशासन की सख्ती: दिल्ली- नोएडा बॉर्डर बंद करने पर 662 किसानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज
एडीसीपी रणविजय सिंह ने बताया भारतीय किसान परिषद के संरक्षक सुखबीर खलीफा समेत 62 ज्ञात खिलाफ मुकदमा दर्ज किया इन सभी ने सड़क को जाम किया वह अभद्रता की। बता दें इससे पहले भी खलीफा के खिलाफ कई मुकदमे कोतवाली 20 में दर्ज है।
By Prateek KumarEdited By: Updated: Fri, 17 Dec 2021 03:35 PM (IST)
नोएडा [कुंदन तिवारी]। नोएडा दिल्ली मार्ग बंद करने व पुलिस के साथ अभद्रता करने के आरोप में कोतवाली 20 थाना पुलिस ने 62 ज्ञात 600 अज्ञात किसानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। किसानों ने मांगों को लेकर बृहस्पतिवार दोपहर बाद नोएडा- दिल्ली मार्ग को अवरुद्ध कर दिया था। जिससे करीब 5 किलोमीटर लंबा जाम व हजारों वाहन जाम की भेंट चढ़ गए थे। वहीं, शुक्रवार को प्राधिकरण के बाहर किसानों का प्रदर्शन जारी है। किसानों ने प्राधिकरण में लॉक लगा रखा है कोई भी अधिकारी अंदर नहीं जा पा रहा है इससे आने वाले आबंटी को काफी दिक्कत हो रही है।
सुखबीर खलीफा समेत 62 के खिलाफ मुकदमा दर्जएडीसीपी रणविजय सिंह ने बताया भारतीय किसान परिषद के संरक्षक सुखबीर खलीफा समेत 62 ज्ञात खिलाफ मुकदमा दर्ज किया इन सभी ने सड़क को जाम किया वह अभद्रता की। बता दें इससे पहले भी खलीफा के खिलाफ कई मुकदमें कोतवाली 20 में दर्ज है। माना जा रहा है कि जल्द ही सुखबीर खलीफा और अन्य किसानों की गिरफ्तारी हो सकती है। वही प्राधिकरण पर प्रदर्शन को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा वह प्राधिकरण का प्रदर्शन जारी रखेंगे।
ढाई घंटे के लिए बंद था चिल्ला बॉर्डरबृहस्पतिवार दोपहर बाद हजारों की संख्या में किसान मांगों को लेकर चिल्ला बॉर्डर पर बैठ गए थे। वह यहां नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी का घेराव करने गए थे। बॉर्डर बंद हो जाने के दिल्ली से नोएडा आने वाले ट्रैफिक पूर्णत: बाधित हो गया था। ऐसे में दिल्ली पुलिस नोएडा पुलिस ने यातायात को डायवर्ट कर जाम में फंसे लोगों को निकाला था। देर शाम तक यातायात सुचारू रूप से चालू हो गया था फिलहाल चिल्ला बॉर्डर पर भी भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
प्राधिकरण का प्रदर्शन जारीशुक्रवार को प्रदर्शन के 107 दिन पूरे हो चुके हैं । किसानों का प्रदर्शन लगातार प्राधिकरण पर जारी है ।किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं की जाएगी वह प्रदर्शन जारी रखेंगे। ऐसे में मुकदमा दर्ज होने के बाद कभी भी किसानों की गिरफ्तारी हो सकती है। एक बार फिर किसानों में आक्रोश देखा जा सकता है।
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