Noida Flats: नोएडा के फ्लैट बायर्स के लिए बड़ी खुशखबरी, 3000 से ज्यादा घरों की रजिस्ट्री का रास्ता साफ
नोएडा प्राधिकरण अपना बकाया वसूलने के लिए दो परियोजनाओं की पूर्व में सील किए गए 122 फ्लैट नीलाम करेगा। प्रदेश सरकार ने बायर्स की रजिस्ट्री के लिए अमिताभ कांत की सिफारिश लागू की थी। इसके तहत बिल्डर कुल बकाया का 25 प्रतिशत राशि जमा कर रिलीफ ले सकता था। एम्स मैक्स गार्डेनिया और गार्डेनिया एम्स डेवलपर्स बिल्डर ने सिफारिश पर अपनी सहमति दी।
जागरण संवाददाता, नोएडा। एम्स गार्डेनिया बिल्डर के 3379 फ्लैट बायर्स की रजिस्ट्री का रास्ता अब साफ हो गया है। इसके लिए जल्द ही प्रक्रिया शुरू होगी। हालांकि प्राधिकरण अपना बकाया वसूलने के लिए दो परियोजनाओं की पूर्व में सील किए गए 122 फ्लैट नीलाम करेगा। सेक्टर-75 इको सिटी में वाणिज्यिक भूखंड की लीज निरस्त कर वहां संपत्ति को अटैच कर नीलामी करेगा। दोनों परियोजनाओं पर 2409.77 करोड़ बकाया है।
कुल बकाया का 25 प्रतिशत जमा करने पर राहत
दरअसल प्रदेश सरकार ने बायर्स की रजिस्ट्री के लिए अमिताभ कांत की सिफारिश लागू की थी। इसके तहत बिल्डर कुल बकाया का 25 प्रतिशत राशि जमा कर रिलीफ ले सकता था। एम्स मैक्स गार्डेनिया और गार्डेनिया एम्स डेवलपर्स बिल्डर ने सिफारिश पर अपनी सहमति दी। लेकिन लाभ नहीं लिया और न ही 25 प्रतिशत धनराशि जमा की।ऐसे में प्राधिकरण ने दोनों परियोजनाओं के डेवलपर पर बड़ा एक्शन लिया। हालांकि ये दोनों परियोजनाओं की ओरिजन कंपनी एक ही है। प्राधिकरण ने बताया कि सेक्टर-75 इको सिटी के लिए 6 लाख वर्गमीटर एम्स मैक्स गार्डेनिया डेवलपर प्राइवेट लिमिटेड और सेक्टर-46 में ग्रुप हाउसिंग में 51 हजार 700 वर्गमीटर जमीन गार्डेनिया एम्स डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड को वर्ष 2010 आवंटन किया था।
दोनों प्रोजेक्ट कसोरिएम में लिए गए। इन दोनों पर 31 दिसंबर 2023 तक 1717.29 करोड़ और 692.48 करोड़ रुपये बकाया है। बिल्डर की कामर्शियल ब्लाक ए, बी, सी और डी की लीज डीड को निरस्त कर अटैच करने का निर्णय लिया गया। इसकी नीलामी की जाएगी। वहीं बिल्डर कंसोरियम को किसी प्रकार का भूखंड आंवटित नहीं किया जाएगा।
ये हैं दो परियोजनाएं
सेक्टर-75 में एम्स मैक्स गार्डेनिया प्रा. लि. को 6 लाख वर्गमीटर जमीन आवंटित की गई। इस जमीन का 50 प्रतिशत ग्रुप हाउसिंग, 5 प्रतिशत संस्थागत और 20 प्रतिशत वाणिज्यिक उपयोग के लिए था। यहां ग्रुप हाउसिंग में निर्माण किया जा चुका है। साथ ही लोग रह रहे हैं।डेवलपर ने वाणिज्यिक प्रयोग की भूमि करीब 60 हजार वर्गमीटर जमीन को 4 ब्लाक में बांटा और निर्माण कराया। कंपनी के प्रोपराइटर ने समय समय पर सबलीज करते हुए करीब 2 लाख 20 हजार 639 वर्गमीटर जमीन 11 कंपनियों को बेच दी। लेकिन डेवलपर ने पैसा प्राधिकरण में बकाया जमा नहीं कराया।
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