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Noida Airport: जेवर में एविएशन उद्योग को लगेगा नया पंख, साल 2025 से शुरू होगी कमर्शियल सेवा

Noida Airport News Update जेवर में अगले साल की शुरुआत में कमर्शियल सेवा शुरू हो जाएगी। एयरपोर्ट के साथ ही जेवर को एमआरओ का बड़ा केंद्र बनाने का काम शुरू हो चुका है। इसके एक हजार हेक्टेयर में एयरक्राफ्ट की मेंटेनेंस का केंद्र बनाया जाएगा। विकासकर्ता कंपनी की ओर से एमआरओ के विकास के लिए निविदा प्रक्रिया चल रही है।

By Arvind Mishra Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Wed, 06 Nov 2024 02:23 PM (IST)
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1365 हे. भूमि में से करीब साढ़े तीन सौ हे. में उद्योगों के लिए निकाली जाएगी भूखंड योजना। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। जेवर में एक हजार हेक्टेयर में एयरक्राफ्ट की मेंटेनेंस, रिपेयर ओवर हालिंग (एमआरओ) केंद्र विकसित होगा। विकासकर्ता चयन के लिए प्राइस वाटर हाउस कूपर (पीडब्ल्यूसी) से निविदा तैयार कराई जा रही है। इस माह के अंत तक वैश्विक निविदा जारी होने की उम्मीद है। इसके साथ ही 350 हे. में एविएशन उद्योग के लिए भूखंड आवंटित किए जाएंगे।

जेवर में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण चल रहा है। अगले साल यहां से कमर्शियल सेवा शुरू हो जाएगी। एयरपोर्ट के साथ ही जेवर को एमआरओ का बड़ा केंद्र बनाने की कवायद भी शुरू हो चुकी है।

3689 करोड़ रुपये का हो चुका वितरण

छह गांव की 1365 हे. जमीन इसके लिए अधिगृहीत की गई है। किसानों को 93 प्रतिशत मुआवजा वितरण हो चुका है। 3689 करोड़ रुपये का वितरण हो चुका है। कुल चार हजार करोड़ रुपये मुआवजा वितरण होना है। इसके साथ ही अधिगृहीत जमीन पर कब्जे की कार्रवाई भी की गई है।

अधिगृहीत जमीन के एक हजार हेक्टेयर में एक रनवे, एयरक्राफ्ट के लिए हैंगर समेत अन्य सुविधाएं विकसित की जाएंगी। इससे पीपीपी मॉडल पर विकसित किया जाएगा।

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डा. अरुणवीर सिंह का कहना है कि एमआरओ के विकासकर्ता चयन के लिए पीडब्ल्यूसी से निविदा तैयार कराई जा रही है।

एमआरओ के अलावा स्थापित होगा एविएशन उद्योग 

इसी माह वैश्विक निविदा निकाली जाएगी। एमआरओ के लिए दुनिया भर की कई कंपनियों से वार्ता की गई है। निविदा प्रक्रिया के तहत ही विकासकर्ता का चयन होगा।

एमआरओ के अलावा एविएशन उद्योग भी स्थापित किया जाएगा। 1365 हे. भूमि में से करीब साढ़े तीन सौ हे. में उद्योगों के लिए भूखंड योजना निकाली जाएगी।

एयरक्राफ्ट की मरम्मत में उपयोग होने वाले कलपुर्जों का निर्माण भी यहीं किया जाएगा। एमआरओ केंद्र स्थापित होने से एयरक्राफ्ट की मरम्मत के लिए देश से बाहर जानी वाली पूंजी की बचत के साथ बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन होगा।

एयरपोर्ट परिसर में भी चार एकड़ में विकसित हो रहा एमआरओ

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Noida International Airport) के लिए अधिगृहीत की गई 1350.41 हे में से चालीस एकड़ में भी एमआरओ विकसित किया जाएगा। यह एयरपोर्ट की विकासकर्ता कंपनी और प्रदेश सरकार के बीच हुए अनुबंध का हिस्सा है। विकासकर्ता कंपनी की ओर से एमआरओ के विकास के लिए निविदा प्रक्रिया चल रही है।

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