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Noida Airport होगा और बड़ा, एयरपोर्ट बना रही कंपनी ने दिया नया मास्टर प्लान; यात्रियों की आवाजाही होगी आसान

Noida Airport News अगर विस्तारित मास्टर प्लान को स्वीकृति मिलती है तो दोनों रनवे की बीच की दूरी 2400 मीटर हो जाएगी। इससे ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी को दी गई जमीन 1334 हे. में और क्षेत्रफल जुड़ जाएगा। नियाल ने एमआरओ के लिए 1365 हे. जमीन का अधिग्रहण किया है। इस जमीन पर एमआरओ के अलावा एक रनवे बनाया जाएगा। इसलिए जमीन की कोई अड़चन नहीं होगी।

By Arvind Mishra Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Tue, 13 Aug 2024 03:02 PM (IST)
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ज्यूरिख एयरपोर्ट एजी ने विस्तारित मास्टर प्लान दिया। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Noida Airport) और बड़ा होगा। एयरपोर्ट का निर्माण कर रही विकासकर्ता कंपनी ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी ने एयरपोर्ट का विस्तारित मास्टर प्लान नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लि. (नियाल) को दिया है।

टर्मिनल की आपस में कनेक्टिविटी व रेल एवं सड़क कनेक्टिविटी के लिए रनवे के बीच दूरी बढ़ाने को विस्तारित मास्टर प्लान दिया गया है। नियाल ने इसके अध्ययन की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूसी को दी है। इसके बाद यह प्रस्ताव प्रदेश सरकार को भेजा जाएगा। जेवर में 1334 हेक्टेयर में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण हो रहा है।

दोनों रनवे के बीच 1600 मीटर की होगी दूरी

दिसंबर में एक रनवे के साथ एयरपोर्ट का संचालन शुरू होगा। एयरपोर्ट के लिए सड़क से लेकर रेल कनेक्टिविटी पर काम हो रहा है। यात्रियों की सालाना संख्या एक करोड़ बीस लाख होने पर दूसरे रनवे का निर्माण शुरू होगा।

दोनों रनवे के बीच 1600 मीटर की दूरी होगी, लेकिन विकासकर्ता कंपनी ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी ने नियाल को विस्तारित मास्टर प्लान सौंपकर रनवे की बीच की दूरी बढ़ाने की मांग की है।

रनवे के बीच की दूरी बढ़ाने की जरूरत

एयरपोर्ट की विस्तरित परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के लिए देश व दुनिया के कई एयरपोर्ट का अध्ययन किया गया था। इसके मुताबिक ही दोनों रनवे की दूरी को 1600 तय किया गया था। लेकिन उस वक्त एयरपोर्ट की टर्मिनल बिल्डर में ग्राउंड ट्रांसपोर्टेशन सेंटर बनाकर रेल, नमो भारत रेल, सड़क आदि से कनेक्टिविटी का विचार नहीं था।

अब इन परियोजनाओं पर काम हो रहा है। भविष्य में एयरपोर्ट का विस्तार छह रनवे तक करने की योजना है। इसके लिए टर्मिनल बिल्डिंगों को भी आपस में कनेक्ट किया जाएगा। ताकि यात्रियों को आवाजाही में आसानी हो। इसलिए रनवे की बीच की दूरी को बढ़ाने के लिए विस्तारित मास्टर प्लान दिया गया है।

तीसरे चरण में 2082 हे. के जमीन अधिग्रहण का प्रस्ताव

नियाल ने एयरपोर्ट के लिए आरक्षित जमीन का पूरी तरह से अधिग्रहण करने के लिए तीसरे चरण में 2082 हे. का प्रस्ताव जिला प्रशासन को भेज रखा है। इस पर एसआइए की प्रक्रिया चल रही है। तीनों चरण में कुल 4781 हे. जमीन का अधिग्रहण हो जाएगा।

विस्तारित मास्टर प्लान स्वीकृति होने की स्थिति में इस क्षेत्रफल में छह के बजाए पांच रनवे का ही निर्माण हो सकेगा। छह रनवे के निर्माण के लिए मास्टर प्लान 2041 को स्वीकृति मिलते ही करीब एक हजार हेक्टेयर और जमीन के अधिग्रहण का प्रस्ताव जिला प्रशासन को दिया है।

इसके अधिग्रहण से अलीगढ़ जिले के टप्पल की सीमा तक एविएशन हब की सीमा पहुंच जाएगी। यमुना प्राधिकरण पहले ही इस क्षेत्र को एविएशन हब में शामिल करने का प्रस्ताव बोर्ड से स्वीकृत करा चुका है।

चार एयरलाइंस कंपनी की शुरू होगी सेवा

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से चार एयरलाइंस कंपनी की यात्री सेवाएं उपलब्ध होगी। इसमें एयरइंडिया, अकासा, इंडिगो व स्पाइस जेट शामिल हैं। इन कंपनियों के विमान भी नोएडा एयरपोर्ट के हैंगर में खड़े होंगे।

नोएडा एयरपोर्ट का विस्तारित मास्टर प्लान विकासकर्ता की ओर से दिया गया है। रनवे की बीच की दूरी को बढ़ाकर 2400 मीटर करने का प्रस्ताव है। तुर्किये के इस्तांबुल व चीन के बीजिंग में बनाए जा रहे एयरपोर्ट पर रनवे के बीच की दूरी 2400 है।

कनेक्टिविटी के लिए रनवे के बीच की दूरी बढ़ाने की जरूरत है। विस्तारित मास्टर प्लान का अध्ययन किया जा रहा है। इसके बाद प्रदेश सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा। -डॉ. अरुणवीर सिंह, सीईओ नियाल