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Mobile Tower लगाने की नीति में नोएडा ऑथोरिटी ने किया बदलाव, कई जगहों पर अब नहीं लगेंगे टावर

Mobile Towers Policy ग्रेटर नोएडा में मोबाइल टॉवर लगाने के लिए नोएडा प्राधिकरण ने नीति में बदलाव किया है। अब अस्पताल स्कूल शॉपिंग सेंटर की छतों पर टावर नहीं लगाए जाएंगे। इसके साथ ही ग्रीन बेल्ट पार्क और सामुदायिक केंद्र अस्पतालों पर टावर स्थापित करने के लिए के लिए कंपनी ने नोएडा ऑथोरिटी से परमिशन लेना जरूरी कर दिया है।

By Arpit Tripathi Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Thu, 19 Sep 2024 11:59 AM (IST)
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Noida News: स्कूल व नर्सिंग होम पर नहीं लग सकेंगे टावर। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने शहर में मोबाइल टावर लगाने के लिए नीति में बदलाव किया है। अब स्कूल, नर्सिंग होम, शापिंग सेंटर की छत पर मोबाइल टावर स्थापित नहीं हो सकेंगे।

वहीं औद्योगिक इकाई, वाणिज्यिक, संस्थागत, ग्रीन बेल्ट, पार्क, सामुदायिक केंद्र, अस्पतालों पर टावर स्थापित करने के लिए मुख्य कार्यपालक अधिकारी से स्वीकृति लेनी होगी। अब टावर लीज के बजाये अनुबंध पर लगेंगे।

प्राधिकरण के मुताबिक अब तक टावर लगाने के लिए 90 वर्ष की लीज पर जगह दी जाती थी, नई नीति के तहत प्राधिकरण कंपनी को किराये पर जगह देगी, जिसका अनुबंधन 10-10 वर्ष यानि अधिकतम 20 वर्ष का होगा।

कंपनी को टावर लगाने के लिए देने होंगे कई प्रमाण पत्र

वाणिज्यक, संस्थागत, औद्योगिक इकाई, पार्क व ग्रीन बेल्ट जैसे सार्वजनिक स्थानों में जगह चिह्नित करने के बाद कंपनी को टावर स्थापित करने के लिए पर्यावरण समेत अन्य अनापत्ति प्रमाण पत्र देने होंगे।

ऊंची इमारतों के लिए बिल्डिंग के स्ट्रक्चरल आडिट की रिपोर्ट देनी होगी, जिसके बाद ही स्वीकृति दी जाएगी। ग्रीन बेल्ट व पार्क में टावर लगाने के लिए अधिकतम 25 वर्ग मीटर जगह आवंटित की जाएगी। आपरेटर को ही इसका निर्माण करना होगा। नई नीति के तहत टावर लगाने के लिए एक लाख रुपये का आवेदन शुल्क देना होगा।

पूर्व से मौजूद टावर की अनुमति के लिए डेढ़ लाख रुपये लगेंगे। यदि टावर एक से अधिक मोबाइल कंपनियों को सेवाएं देता है तो प्रति आपरेटर 50 हजार रुपये देने होंगे। ग्रीन बेल्ट, पार्क और सामुदायिक केंद्रों में लगाने को प्रति माह 25 हजार रुपये का शुल्क लगेगा।

30 मीटर से ऊंचे टावर को एयरपोर्ट प्राधिकरण की स्वीकृति जरूरी

भवन की छत पर 30 मीटर से ऊंचे मोबाइल टावर को लगाने को एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया (एएआइ) की अनुमति अनिवार्य होगी। प्रत्येक आवेदन में आइआइटी, एनआइटी या सीबीआरआई जैसे मान्यता प्राप्त संस्थानों से स्ट्रक्चरल आडिट रिपोर्ट, टावर से नुकसान के लिए आपरेटर के दायित्व की पुष्टि करने वाला एक क्षतिपूर्ति बांड देना होगा। डीजी सेट के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से स्वीकृति लेनी होगी

मोबाइल टावर लगाने के लिए नीति में बदलाव किया गया है। सभी शर्तों को पूरा करने पर ही टावर लगाने की अनुमति दी जाएगी।

एनजी रवि, सीईओ, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण

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