दो साल से बकाए के लिए गुहार लगाते हारा नोएडा प्राधिकरण, अब बिल्डरों को देगा राहत
Noida Authority News कमेटी ने स्थाई और अविलंब समाधान की सिफारिश करते हुए बिल्डरों को ब्याज में छूट देने के लिए शून्य अवधि करने निर्माण के लिए तीन वर्ष की समयावृद्धि और करने एवं बकाया राशि में से 25 प्रतिशत जमा कराकर शेष राशि अगले तीन वर्ष में जमा करने के लिए और समय देने की बात कही गई है।
धर्मेंद्र चंदेल, नोएडा। बिल्डरों से बकाया धनराशि वसूलने में नाकाम नोएडा प्राधिकरण अब उन्हें अमिताभ कांत की सिफारिशों के आधार पर छूट देने जा रहा है। इसके लिए लंबे समय से प्राधिकरण में मंथन चल रहा था। सूत्रों के अनुसार इसकी मूल्यांकन रिपोर्ट तैयार कर ली गई है।
ब्याज में मिल सकेगी दो वर्ष की और छूट
अगले माह शासन को प्रस्ताव भेजे जाने की तैयारी है। प्रदेश कैबिनेट में प्रस्ताव को हरी झंडी मिलने के बाद बिल्डरों को ब्याज में दो वर्ष की और छूट मिल सकेगी। कई अन्य छूट भी मिलेंगी।
हालांकि, इससे नोएडा प्राधिकरण को करीब तीन हजार करोड़ के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ सकता है, लेकिन दूसरी तरफ 54603 हजार खरीदारों को फ्लैट मिलने का रास्ता खुलने की संभावना है। प्राधिकरण पिछले कई वर्षों से बकाया वसूलने के लिए बिल्डरों पर नोटिस भेजकर दबाव बना रहा था, लेकिन बिल्डर बकाया राशि का भुगतान नहीं कर रहे हैं।
नोएडा में 31 बिल्डर परियोजनाएं ऐसी हैं, जिनमें फ्लैटों का निर्माण तो हो गया है, लेकिन बिल्डरों द्वारा बकाया भुगतान न करने की वजह से प्राधिकरण ने कंप्लीशन रोक दिया है। इनमें 29603 हजार फ्लैट हैं।
बिल्डरों पर प्राधिकरण का 14 सौ करोड़ रुपया है बकाया
इनमें से सात हजार फ्लैटों पर कब्जा नहीं दिया गया है। बाकी पर कब्जा तो दे दिया गया है, लेकिन उनकी रजिस्ट्री न होने से खरीदारों को मालिकाना हक नहीं मिल सका है। प्राधिकरण का 14 सौ करोड़ रुपया इन बिल्डरों पर बकाया है। बताया जाता है कि दो वर्ष की अवधि की ब्याज माफी दिए जाने से प्राधिकरण का करीबसात सौ करोड़ रुपये नहीं मिलेगा।
26 प्रोजेक्ट का निर्माण है अधूरा
वहीं 26 प्रोजेक्ट ऐसे हैं, जिनमें निर्माण अधूरा है। इनमें 25 हजार खरीदारों ने फ्लैटों की बुकिंग करा रखी है। किसी भी खरीदार को अभी तक कब्जा नहीं मिला है। जबकि प्राधिकरण का बिल्डरों पर छह हजार करोड़ रुपये बकाया है। इनका भी करीब 23 सौ करोड़ रुपये माफ किए जाने पर मंथन चल रहा है। बता दें कि केंद्र सरकार ने बिल्डर और खरीदारों की समस्याओं के समाधान के लिए कुछ समय पहले अमिताभ कांत की अध्यक्षता में कमेटी बनाई थी।
कमेटी ने स्थाई और अविलंब समाधान की सिफारिश करते हुए बिल्डरों को ब्याज में छूट देने के लिए शून्य अवधि करने, निर्माण के लिए तीन वर्ष की समयावृद्धि और करने एवं बकाया राशि में से 25 प्रतिशत जमा कराकर शेष राशि अगले तीन वर्ष में जमा करने के लिए और समय देने की बात कही गई है। जो बिल्डर निर्माण पूरा करने की स्थिति में नहीं है, उनके लिए को-डवलपर लाने के लिए एक पॉलिसी बनाने की भी सिफारिश अमिताभ कांत कमेटी ने की है।
प्रदेश सरकारों को इसे लागू करना है। उत्तर प्रदेश सरकार नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में इसका मूल्यांकन करा रही है। मूल्यांकन में देखा जाएगा कि बिल्डरों को वित्तीय छूट देने से प्राधिकरणाें पर कितना भार पड़ेगा।
नोएडा प्राधिकरण ने मूल्यांकन कर लिया है। सूत्रों के अनुसार नोएडा प्राधिकरण एनजीटी प्रकरण के चलते बिल्डरों को दो वर्ष के ब्याज की छूट पहले ही दे चुका है। अब कोरोना काल की दो वर्ष की अवधि का ब्याज न लेने पर भी मंथन हुआ है। हालांकि, इस पर अंतिम निर्णय प्रदेश कैबिनेट लेगी। नोएडा में मंजूरी मिली तो बाकी प्राधिकरणों में भी इसे लागू करने पर विचार किया जा सकता है।