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नोएडा प्राधिकरण ने M3M के दो कमर्शियल भूखंड को सील कर कब्जा किया, कीमत एक हजार करोड़

सेक्टर-72 और 94 में एमथ्रीएम (M3M) की दो सहायक कंपनी स्काइलाइन प्रोपकॉन प्राइवेट लिमिटेड और लैविश बिल्डमार्ट प्राइवेट लिमिटेड को आवंटित किए गए करीब एक हजार करोड़ रुपये कीमत के दो भूखंड के निरस्तीकरण के बाद सोमवार को नोएडा प्राधिकरण ने भूखंड को सील कर अपना कब्जा ले लिया है। प्रदेश शासन की ओर से निरस्तीकरण आदेश जारी करने के बाद यह कार्रवाई की गई है।

By Lokesh Chauhan Edited By: Geetarjun Updated: Mon, 03 Jun 2024 11:22 PM (IST)
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नोएडा प्राधिकरण ने M3M के दो कमर्शियल भूखंड को सील कर कब्जा किया।
जागरण संवाददाता, नोएडा। सेक्टर-72 और 94 में एमथ्रीएम (M3M) की दो सहायक कंपनी स्काइलाइन प्रोपकॉन प्राइवेट लिमिटेड और लैविश बिल्डमार्ट प्राइवेट लिमिटेड को आवंटित किए गए करीब एक हजार करोड़ रुपये कीमत के दो भूखंड के निरस्तीकरण के बाद सोमवार को नोएडा प्राधिकरण ने भूखंड को सील कर अपना कब्जा ले लिया है। प्रदेश शासन की ओर से निरस्तीकरण आदेश जारी करने के बाद यह कार्रवाई की गई है।

भूखंड आवंटन योजना के ब्रोशर की शर्तों के इतर दोनों भूखंड का आवंटन किया गया था। इस मामले में शिकायत के बाद प्राधिकरण स्तर पर इसकी जांच भी की गई थी। प्राधिकरण की ओर से रिपोर्ट देने के बाद शासन ने भूखंड का आवंटन रद करने के आदेश जारी किए थे।

प्रमुख सचिव अनिल सागर की ओर से जारी किए गए आदेशों में कहा गया था कि दोनों भूखंड के आवंटन के दौरान सहायक कंपनियों के जो मानक तय किए गए थे उनका पालन नहीं किया गया। इसकी बोली पर भी सवाल उठाए गए हैं। बोली लगाने के दौरान रिजर्व प्राइस से केवल 5 लाख की अधिक बोली पर जमीन का आवंटन कर दिया गया। इसमें किसी तरह की प्रतिस्पर्धा नहीं हो पाई।

इसके अलावा सब्सिडियरी कंपनी यदि खुद बोली कर्ता है तो उसे स्वयं निर्धारित न्यूनतम अर्हता जैसे कि नेटवर्थ, सालवेंसी एवं टर्न ओवर पूरी करने की शर्त है। इसके अलावा सब्सिडियरी कंपनी ने अकेले आवेदन किया था। ऐसे में उसे स्वयं ब्रोशर की शर्तों को पूरा करना था लेकिन नहीं किया गया। इन सभी बिंदुओं पर शिकायत हुई थी।

इसके बाद शासन स्तर पर भी इसकी जांच की गई। बताते चलें कि सेक्टर-72 में आवंटित तीन एकड़ के भूखंड की कीमत 176.5 करोड़ और सेक्टर-94 के 13 एकड़ के भूखंड की कीमत 827.3 करोड़ रुपये थी। इनका आवंटन फरवरी 2023 और नवंबर 2022 में किया गया। आवंटन के बाद प्राधिकरण को इन दोनों कंपनियों से अब तक करीब 450 करोड़ रुपये भी आवंटन धनराशि के रूप में मिल गए हैं। 

फंस गए निवेशक 

एमथ्रीएम की दो परियोजनाओं के लिए आवंटित भूखंड का आवंटन निरस्त होने और अब इन भूखंड पर प्राधिकरण द्वारा कब्जा वापस लिए जाने के बाद परियोजना में निवेश करने वाले लोग फंस गए हैं। एमथ्रीएम के अधिकारियों का कहना है कि इन परियोजनाओं में बुकिंग भी हो चुकी है। इसके अलावा प्राधिकरण को भी पैसे जमा कराए गए हैं। आवंटन निरस्त करने की वजह से निवेशक फंस गए हैं। हालांकि निवेशकों के लिए अब कंपनी क्या निर्णय लेगी, यह अभी तय नहीं किया गया है। 

इन्वेस्टर समिट में किया 7500 करोड़ का एमओयू

बीते वर्ष यूपी इन्वेस्टर समिट में एमथ्रीएम की ओर से इन प्रोजेक्टों को आधार बनाते हुए 7500 करोड़ के एमओयू पर साइन किया गया था। इन्वेस्टर समिट में बताया गया था कि इसके माध्यम से नोएडा में बड़ा निवेश किया जाएगा। हालांकि अब आवंटन निरस्त होने के बाद भूखंड पर प्राधिकरण ने सील लगाकर अपना कब्जा ले लिया है, तो निवेश कितना प्रभावित होगा, यह इस पर निर्भर करेगा कि अब इन भूखंड का क्या होगा। 

ऐसे सामने आया था मामला 

शिकायतकर्ता रूप सिंह ने फरवरी 2024 में शिकायत की थी कि प्राधिकरण के ई-ब्रोशर में लिखे नियम और शर्तों का उल्लंघन करते हुए इन दोनों कंपनियों को भूखंड आवंटित किए गए। वर्ष 2022 में इन कंपनियों को भूखंड आवंटित किए गए थे। इस शिकायत पर शासन स्तर से प्राधिकरण से जवाब मांगा गया था। 4 अप्रैल 2024 को प्राधिकरण एसीईओ ने इस मामले में अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपी। जिसको आधार बनाकर शासन की तरफ से करीब 20 दिन पहले दोनों भूखंड का आवंटन निरस्त किया गया था।

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