Move to Jagran APP

Noida Fire News: सोता रहा नोएडा प्राधिकरण, एसएसओ ने झुग्गी बनाकर उठा दी किराये पर

सेक्टर-8 झुग्गी-झोपड़ी (जेजे) कालोनी में स्टेबलाइजर में इलेक्ट्रिकल शॉर्ट सर्किट के कारण एक मकान में भीषण आग लग गई। हादसे में पति-पत्नी और उनकी तीन बेटियां झुलस गईं। सभी को गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां इलाज के दौरान तीनों बच्चियों की मौत हो गई। वहीं बच्चियों के पिता को गंभीर हालत में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में रेफर किया गया है।

By Kundan Tiwari Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Thu, 01 Aug 2024 10:07 AM (IST)
Hero Image
इसी मकान के प्रथम तल पर लगी थी आग। फोटो- जागरण
कुंदन तिवारी, नोएडा। क्षेत्र में अतिक्रमण पांव न पसारे, अवैध निर्माण किसी प्रकार से न होने नहीं दिया जाए। इन मामलों को रोकने के लिए प्राधिकरण का वर्क सर्किल एक में तैनात अधिकारी व कर्मचारी कितने मुस्तैद है। इसका पता तभी लगता है कि जब काेई बड़ा हादसा होता है।

ऐसा ही मामला बुधवार की सुबह सेक्टर-8 स्थित झुग्गी झोपड़ी के जरिये प्रकाश में आया, जिसमें ई रिक्शा चार्जिंग के दौरान शॉर्ट सर्किट से धमाका हुआ। एक ही परिवार के पांच लोग झुलस गए, जिसमें तीन बच्चियों की अपनी जान गंवानी पड़ी।

किराये पर रहता था परिवार

आश्चर्य चकित करने वाली बात य रही कि जिस झुग्गी में यह हादसा हुआ, इसमें पूरा परिवार किराये पर रहता था। बगल के बिजलीघर पर संविदा पर तैनात सब स्टेशन आफिसर (एसएसओ) संदीप ने इसे किराये पर उठा रखा था।

सवाल यह उठता है कि प्राधिकरण वर्क सर्किल एक की ओर से बार बार दावा किया जाता रहा है कि झुग्गी झोपड़ी का सर्वे करा यहां पर अधिकांश वालों को पुनर्वास योजना के तहत सेक्टर-122 स्थित काशी राम आवास योजना में फ्लैट का आवंटन कर दिया, जिसमें 1686 लोगों को आवंटन पत्र देकर झुग्गी पर कब्जा लेकर ध्वस्त कर दिया गया, लेकिन हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है।

प्राधिकरण पर उठ रहे सवाल

झुग्गी झोपड़ी के नाम पर पुनर्वास योजना का लाभ आवंटियों ने लिया, लेकिन झुग्गी झोपड़ी पर कब्जा प्राधिकरण नहीं ले सका, दूसरों को बेच कर आवंटी चले गए। ऐसे में अब प्राधिकरण कर्मचारी व खरीदार मिलकर खाली झुग्गी को किराये पर उठाकर रकम वसूलने में जुटे है। जबकि यह अवैध निर्माण प्राधिकरण वर्क सर्किल एक की ओर से ध्वस्त कर देना चाहिए।

इस घटना ने प्राधिकरण के वर्क सर्किल की कार्य प्रणाली को कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया है, क्योंकि झुग्गी मालिक संदीप ने बताया कि झुग्गी झोपड़ी का सर्वे कब हुआ। कब फार्म भर कर आवेदन कराया गया जानकारी नहीं, लेकिन अलाटमेंट होने की जब प्राधिकरण में संपर्क किया गया तो फार्म भरने में देरी का हवाला दिया।

उधर वर्क सर्किल एक वरिष्ठ प्रबंधक डोरी लाल वर्मा ने कहा कि जितने भी आवंटन पत्र आए, उनकी झुग्गी झोपड़ी को कब्जे में लेकर ध्वस्त कर दिया गया। सर्वे जिला प्रशासन के सहयोग से हुआ था, पात्रता सत्यापन के बाद आवंटियों को ड्रा के माध्यम से आवंटन पत्र दिया गया है।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।