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Noida Authority: बिल्डरों के बिना बिके फ्लैटों पर कब्जा करेगा नोएडा प्राधिकरण, सामने आई वजह

Noida Authority news बिल्डरों से बकाया मांगकर आजिज आए नोएडा प्राधिकरण अब प्रथम चरण में आठ बिल्डरों की परियोजना में बिना बिके फ्लैट पर कब्जा करेगा। सर्वे के मुताबिक बिल्डरों ने बिना अनुमति लिए ही तमाम टावरों को खड़ा कर दिया। बिना रजिस्ट्री कराए फ्लैट खरीदारों को कब्जा दे दिया है। जिस कारण से सरकार को चूना लगा। इसलिए प्राधिकरण ये सभी फ्लैट अवैध हैं।

By Kundan Tiwari Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Thu, 05 Sep 2024 08:48 AM (IST)
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बकाया वसूलने के लिए नोएडा प्राधिकरण आठ बिल्डरों की अनसोल्ड इनवेंट्री पर करेगा कब्जा। फाइल फोटो
कुंदन तिवारी, नोएडा। बिल्डरों से बार-बार बकाया की मांग से आजिज आए नोएडा प्राधिकरण अधिकारियेां ने अब सबक सिखाने की ओर कदम बढ़ा दिया है। ऐसे में प्रथम चरण में आठ बिल्डरों की परियोजना में अनसोल्ड प्रॉपर्टी (बिना बिके फ्लैट) पर प्राधिकरण कब्जा करने जा रहा है।

इसका सर्वे एक कंपनी से करवाया कर जानकारी हासिल की है। साथ ही इन बिल्डरों की ओर से किस प्रकार से प्राधिकरण और फ्लैट खरीदारों को ठगा है। फंड लेने के बाद कहां कहां इसको ट्रांसफर कर इस्तेमाल किया है।

इस राज से भी पर्दा उठाने का निर्णय लेकर प्रथम चरण में आठ बिल्डरों का केस आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) को सौंपा जा रहा है। इसके लिए प्राधिरकण ईओडब्ल्यू को जो दस्तावेज देगा, उसमें बिल्डरों की देयता, आवंटन पत्र, प्रभावित फ्लैट खरीदार क सूची शामिल होगी।

बता दें कि बिल्डरों ने बहुत कम टावर का निर्माण करने व फ्लैट खरीदारों की सूची प्राधिकरण में उपलब्ध कराई है। सर्वे के दौरान प्रकाश में आया है कि बिना अनुमति लिए ही तमाम टावरों को खड़ा कर दिया गया, बिना रजिस्ट्री कराए फ्लैट खरीदारों को कब्जा दे दिया है।

इससे बिल्डरों प्राधिकरण, फ्लैट खरीदार, निबंधन विभाग को भी ठग कर सरकार को राजस्व का चूना लगाया है। जबकि बिल्डर की ओर से फ्लैट खरीदारों से पूरी रकम वसूल ली है। प्राधिकरण का बकाया फिर भी नहीं चुकाया है।

इसलिए नोएडा प्राधिकरण सिर्फ उतने ही फ्लैट को वैध मान रही है, जिसकी सूची बिल्डर ने प्राधिकरण (YEIDA) के नियोजन विभाग व ग्रुप हाउसिंग में उपलब्ध कराई है। इसका पूरा विवरण तैयार कर सभी को अनसोल्ड इनवेंट्री मान लिया गया है। इसलिए यह मामला आर्थिक अपराध से जुड़ गया है।

प्राधिकरण सीईओ डा लोकेश एम ने बताया कि इन बिल्डरों को कई बार नोटिस जारी कर बैठक में बुलाया गया लेकिन अब तक न तो इन लोगों ने सहमति दी है और न ही यह बैठक में उपस्थित हुए। ऐसे सभी बिल्डरों का भूखंड निरस्त किया जाए।

साथ ही अनसोल्ड इनवेंट्री (बिना बिका फ्लैट) को सील कर अपने कब्जे में किया जाएगा। अनसोल्ड इनवेंट्री को बेचकर प्राधिकरण बकाया वसूल करेगा। आर्थिक अपराध शाखा को जांच देकर यह भी पता करेगा कि आखिर इन्होंने फ्लैट खरीदारों से जो रकम वसूल की उसके किस रास्ते से कहां पर ट्रांसफर किया है।

बिल्डर सुध लेता तो 4500 से ज्यादा फ्लैट खरीदारों होती रजिस्ट्री

यदि इन आठ बिल्डरों की ओर से अमिताभ कांत की रिपोर्ट की सिफारिशों को लागू किया गया होता और कुल बकाया का 25 प्रतिशत प्राधिकरण में जमा कर देता तो 4500 से ज्यादा फ्लैट खरीदारों क रजिस्ट्री हो जाती, लेकिन बिल्डरों ने प्राधिकरण के नोटिस पर सुध तक नहीं लिया। 1180 करोड़ रुपये बकाया है।

इन बिल्डरों पर होगी कार्रवाई 

बिल्डर परियोजना-बकाया

टी जीबी इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड-55.27

एमपीजी रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड-38.92 करोड़

एजीसी रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड-20.80 करोड़

मनीषा कीबी प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड-0.38 करोड़

आइवीआर प्राइम-659.92 करोड़

आरजी रेजीडेंसी-170 करोड़

गार्डेनिया इंडिया लिमिटेड-111.84 करोड़

फ्यूटेक शेल्टर प्राइवेट लिमिटेड-114.71करोड़

शहर में बिल्डर परियोजनाओं की स्थिति 

वर्ग-संख्या

कुल परियोजना -57

फ्लैट की संख्या-21034

रजिस्ट्री हुई- 1148

राशि जमा कराई - 28 बिल्डर

बकाय जीरो हुआ- 6 बिल्डर

लक्ष्य प्राप्ति : 44.04 प्रतिशत

जमा-302.32 करोड़

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