Noida News: ऑटो चालक की बेटी ने राष्ट्रीय महिला बाक्सिंग चैपिंयनशिप में जीता स्वर्ण पदक, बनीं नेशनल चैपिंयन
नोएडा के ऑटो चालक की बेटी मीनाक्षी ने राष्ट्रीय महिला बाक्सिंग चैपिंयनशिप में हरियाणा की गीतिका को 5-0 से हराकर स्वर्ण पदक जीता है। मीनाक्षी ने बताया कि जब पिता बाक्सिंग खेलने के लिए भेजते थे तो गांव के लोग उन्हें तंज मारते थे कि बेटियों को खाना बनाना सिखाओं वही आगे काम आएगालेकिन पापा ने लोगों की बातों को कभी नहीं सुना।
अंकुर त्रिपाठी, ग्रेटर नोएडा। गांव की रूढ़िवादी सोच को बदल कर ऑटो चालक पिता ने बेटी को सफलता के शिखर पर पहुंचा दिया है। हरियाणा के रोहतक जिले के गांव रुड़की में कई सालों पहले बेटियों को घर से बाहर भेजने वाले परिवार को समाज ताने सुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ता था, लेकिन मीनाक्षी के पिता ने रुढ़ियों को तोड़कर इस सोच को बदल डाला है। अब घर की दहलीज से बाहर नहीं निकलने वाली गांव की बेटियां अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गांव का नाम रोशन कर रही हैं।
सातवीं एलीट राष्ट्रीय महिला बाक्सिंग चैपिंयनशिप में मीनाक्षी ने हरियाणा की गीतिका को 5-0 से हराकर स्वर्ण पदक जीता है। मीनाक्षी ने बताया कि जब पिता बाक्सिंग खेलने के लिए भेजते थे तो गांव के लोग उन्हें तंज मारते थे कि बेटियों को खाना बनाना सिखाओं वही आगे काम आएगा, लेकिन पापा ने लोगों की बातों को कभी नहीं सुना। उन्होंने आटो चलाकर हमें उड़ने के लिए आसमान दिया। वर्तमान में भले ही परिवार की आर्थिक स्थिति सही हो गई हो,लेकिन उन्होंने आटो चलाना नहीं छोड़ा।
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ऑटो चालक की बेटी के नाम से जानते हैं सभी
आइटीबीपी में तैनात मीनाक्षी ने बताया कि ऑटो चालक की बेटी के नाम से उन्हें सब पहचानते हैं। वह अब जब घर पहुंचती है तो गांव के लोग अपने बच्चों को लेकर उनसे मिलाने के लिए लाते हैं। गांव के लोगों की सोच बदलने में पिता ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अब कई बेटियों को उनके सपने को सच करने का मौका मिल रहा है। यदि उनके पिता समाज से लड़कर उन्हें आगे नहीं बढ़ाते तो कई बेटियां केवल चूल्हा चौके तक ही सीमित रह जाती।
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