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Noida: बीमा पॉलिसी के रिन्यूअल के नाम पर जालसाजी करने वाले गिरोह का भंडाफोड, करोड़ों रुपये की कर चुके हैं ठगी

नोएडा में पुलिस ने बीमा पॉलिसी के रिन्यूअल के नाम पर खुले फर्जी काल सेंटर का पर्दाफाश किया है आरोपित पिछले करीब एक साल से ठगी को अंजाम दे रहे थे। अब तक हजारों लोगों से एक करोड़ से अधिक की ठगी कर चुके हैं।।

By MOHD BilalEdited By: Shyamji TiwariUpdated: Thu, 02 Feb 2023 08:46 PM (IST)
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बीमा पॉलिसी के रिन्यूअल के नाम पर जालसाजी करने वाले गिरोह का भंडाफोड
नोएडा, जागरण संवाददाता। एसटीएफ और सेक्टर-63 कोतवाली पुलिस ने बृहस्पतिवार को बीमा पॉलिसी रिन्यूअल के नाम पर खुले फर्जी काल सेंटर का पर्दाफाश किया है, जहां से ठग फोन कर बीमा पॉलिसी के नाम पर ठगी करते थे। पुलिस ने गाजियाबाद के इमरान, जितेंद्र अग्रवाल उर्फ जिगर, बुलंदशहर के रोहित सैनी को गिरफ्तार कर कब्जे लैपटाप, पांच डेस्कटाप, 15 मोबाइल फोन, सिम कार्ड, प्रिंटर, आठ एटीएम कार्ड, चार डायरी, रजिस्टर, डाटा शीट, मुहर व चैक बुक बरामद की है।

एक साल से ठगी को दे रहा था अंजाम

आरोपित पिछले करीब एक साल से ठगी को अंजाम दे रहे थे। अब तक हजारों लोगों से एक करोड़ से अधिक की ठगी कर चुके हैं। एसटीएफ को ठगी के एक मामले में एक वांछित की तलाश थी। जिसकी लोकेशन सेक्टर-63 में मिली थी, जिसके बाद पुलिस और एसटीएफ की संयुक्त टीमों ने छापेमारी कर तीन ठगों को गिरफ्तार किया है।

एडिशनल डीसीपी सेंट्रल नोएडा विशाल पांडेय ने बताया कि ठगों ने सेक्टर-63 स्थित ए-146 में किराये पर दफ्तर खोल रखा था, जहां से आरोपित फर्जी आइडी की मोबाइल सिम से लोगों को फोन कर बीमा पालिसी को कम रुपये में रिन्यूअल कराने का लालच देकर दोबारा शुरू कराने का झांसा देते थे।

बुजुर्गों को बनाते थे निशाना

झांसे में आए लोगों से प्रोसेसिंग फीस आदि के नाम पर अपने बैंक खाते में रुपये ट्रांसफर करा ठगी करते थे। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज तैयार करने और आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया है।

एसीपी सेंट्रल नोएडा अमित कुमार का कहना है कि गिरोह का सरगना इमरान है। आरोपित ने गिरोह में बाद में जितेंद्र और रोहित को शामिल पैसों का लालच देकर शामिल कर लिया है। आरोपित ज्यादातर बुजुर्गों और पेंशनर को झांसे में देते थे। पुलिस के गिरफ्त में आए आरोपित शहर में भी कई लोगों से ठगी किए थे, जिसकी शिकायत मिलने के बाद से पुलिस की टीम आरोपितों के तलाश में जुटी थी।

अन्य जालसाजों के बारे में जानकारी जुटा रही पुलिस

सूचना पर सरगना के साथ दबोच लिया। पुलिस गिरोह में शामिल अन्य जालसाजों के बारे में जानकारी जुटा रही है। आरोपितों के पास से बरामद हुए सभी सिम कार्ड फर्जी आईडी से जारी किए गए थे। जिसको आरोपित कुछ दिन इस्तेमाल करने के बाद से फेंक देते थे। ज्यादा तर सिम दिहाड़ी कामगारों के की आईडी से जारी कराए थे।

आरोपित जिन खातों में ठगी के रुपये को ट्रांसफर करते थे। वह भी किराए पर लिए थे। आरोपितों ने देशभर के अलग-अलग राज्यों के लोगों से ठगी की है। आरोपित बीमा एजेंट से लोगों का डाटा आनलाइन ही प्राप्त करते थे। इसके बदले में उन्हें बतौर कमीशन के तौर पर देते थे। गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है।

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