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Noida: युवती ने युवकों को रिकवरी एजेंट बनाकर लूटी थी क्रेटा, जॉब की तलाश में आए थे पकड़े गए आरोपित

नोएडा में युवती संग मिलकर सॉफ्टवेयर इंजीनियर से पांच दिन पहले क्रेटा कार लूटने के मामले में पुलिस ने दो और आरोपितों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए युवक रोजगार की तलाश में आए थे। युवती ने उन्हें रिकवरी एजेंट बनाकर लूट की वारदात को अंजाम दिया था। रोजगार के नाम पर गैंग बनाकर लूट की वारदात को अंजाम देती थी।

By Jagran NewsEdited By: Shyamji TiwariUpdated: Wed, 05 Jul 2023 01:21 AM (IST)
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युवती ने युवकों को रिकवरी एजेंट बनाकर लूटी थी क्रेटा

नोएडा, जागरण संवाददाता। नोएडा के कोतवाली सेक्टर-113 क्षेत्र में युवती संग मिलकर सॉफ्टवेयर इंजीनियर से पांच दिन पहले क्रेटा कार लूटने के मामले में पुलिस ने दो और आरोपितों को गिरफ्तार किया है। युवती की पहचान होने के बाद भी पुलिस उसे अभी तक पकड़ नहीं पाई है। पकड़े गए युवक रोजगार की तलाश में आए थे।

रिकवरी एजेंट बनाकर की लूट

युवती ने उन्हें रिकवरी एजेंट बनाकर लूट की वारदात को अंजाम दिया था। डीसीपी हरीश चंदर ने बताया कि बीते शुक्रवार रात सेक्टर-76 से साफ्टवेयर इंजीनियर अनमोल मित्तल को बंधक बनाकर क्रेटा कार लूट ली थी। एक आरोपित नवीन को मुठभेड़ के दौरान रविवार को गिरफ्तार किया था। मंगलवार को इस गिरोह के दो अन्य सदस्यों को गिरफ्तार किया है।

आरोपितों के पास लूटी रकम बरामद

इनकी पहचान मिर्जापुर के ओमेंद्र बहादुर और रीवा मध्य प्रदेश के शिवेंद्र के रूप में हुई है। दोनों के पास से लूटी गई नगदी, वादी का आधार कार्ड, पहचान पत्र व अवैध हथियार बरामद किए हैं। पूछताछ में दोनों ने बताया कि गिरोह की मास्टरमाइंट तारा उर्फ पीहू द्विवेदी उर्फ मानस्वी शुक्ला शाहजहांपुर का रहने वाला है। मानस्वी ने जॉब है नामक एप के जरिये नवीन, ओमेंद्र और शिवेंद्र को भर्ती किया था।

तीनों को मानस्वी ने बताया था कि उसकी फाइनेंस की कंपनी है और रिकवरी के लिए युवाओं की जरूरत रहती है। इसके लिए लड़कों को 18 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन देना तय हुआ था। रोजगार के नाम पर गैंग बनाकर लूट की वारदात को अंजाम देती थी। शुक्रवार रात भी मानस्वी ने सभी साथियों को बुलाया और अनमोल की क्रेटा कार, नकदी और जेवरात लूट लिए।

पहचान बदलकर बनवाए आधार कार्ड

एसीपी सौम्या ने बताया कि मानस्वी शुक्ला इतनी शातिर है कि उसने अपनी पहचान बदलकर कई आधार कार्ड बनवाए हैं। सभी में नाम और पता बदला हुआ है। गिरोह में शामिल हुए युवक भी पीहू के नाम से जानते हैं। जांच में पता चला है कि उसका असली नाम मानस्वी शुक्ला है, लेकिन उसकी गिरफ्तारी के बाद ही असली नाम का पता चल सकेगा।

मानस्वी शुक्ला दिल्ली विश्वविद्यालय के एक कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई कर रही है। जांच में यह भी पता चला है कि मानस्वी का एक पुरुष मित्र भी है। जिसके साथ वह सेक्टर-122 में रहती थी। उसके पुरुष मित्र की लॉकडाउन के दौरान नौकरी छूट गई थी। इसके बाद उसने मानस्वी को आपराधिक वारदात में शामिल कराया।

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