11 दिन पहले मासूम की मौत, अब परिवार के पांच सदस्यों की गई जान; तीन घरों की खुशियों पर लगा ग्रहण
नोएडा ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे पर एक दर्दनाक सड़क हादसे में अमन समेत उसके परिवार के पांच लोगों की मौत हो गई। परिवार अभी नौ महीने की बेटी की मौत के गम से उबरा भी नहीं था कि एक और हादसे ने उन्हें तोड़कर रख दिया। हादसे में अमन के पिता मां और दो बुआ की भी मौत हो गई। परिवार में कोहराम मचा हुआ है।
अजब सिंह भाटी, ग्रेटर नोएडा। एक नवंबर को अमन की नौ माह की बेटी की गंभीर बीमारी के चलते मौत हो गई थी। परिवार के लोग इस दुख की घड़ी से अभी उभर भी नहीं पाए थे कि नोएडा ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे पर सड़क हादसे में अमन समेत परिवार के पांच लोगों की मौत ने परिवार पर एक बार फिर कहर बरपा दिया। परिवार के लोग सदमे में हैं।
जैसे ही हादसे की सूचना घर पहुंची परिवार में कोहराम मच गया। पीड़ित स्वजन की चित्कार सुन ढांढस बंधा रहे लोगों की भी हिम्मत जवाब दे गई। वे भी अपने आंसू नहीं रोक पाए। अमन की पत्नी सोनिया का रो-रोकर बुरा हाल था।
आसपास रहती थी सगी बहनें
अमन के जीजा अशोक ने बताया कि एक नवंबर को अमन की नौ माह की बेटी की भी बीमारी के चलते मौत हो गई थी। उन्होंने बताया कि उनकी सास राजकुमारी, कमलेश व विमलेश सगी बहनें थीं। कमलेश का 2013 में काशीराम कॉलोनी में लकी ड्रॉ के जरिये आवास निकला था, जिसके बाद उनकी दोनों सगी बहनों ने भी कॉलोनी में आवास खरीद लिया था।
अमन व उसके पिता भूसा ढोने का काम करते थे। वहीं राजकुमारी, कमलेश व विमलेश ग्रेटर नोएडा की पुलमेरिया व मिग्सन सोसायटी में घरेलू सहायिका का काम करती थीं।
तीन अस्पतालों में दिखाने के बाद बच्चे को ले गए थे दिल्ली
पीड़ित स्वजन ने बताया कि शनिवार को अचानक विमलेश के ढाई वर्षीय पोते दिपांशु उर्फ बिप्पू की हालत बिगड़ गई थी। विमलेश का बेटा हरिमोहन अमन के साथ अपने बेटे को लेकर दादरी के पहले दुर्गा व उसके बाद नवीन अस्पताल पहुंचा, लेकिन हालत गंभीर होने की वजह से डॉक्टर्स ने उन्हें शारदा अस्पताल ले जाने की सलाह दी।
इनफेक्शन के साथ खून की कमी होने की वजह से शारदा अस्पताल के डॉक्टर्स ने भी हाथ खड़े कर दिल्ली ले जाने को कहा। बच्चे की हालत बिगड़ती देख अमन के पिता देवीराम, उसकी मां राजकुमारी व कमलेश और विमलेश भी कार में सवार हो गईं।रात में बच्चे को दिल्ली के चाचा नेहरू अस्पताल भर्ती कराया गया। सुबह होने पर बच्चे के पास उसके पिता हरिमोहन को छोड़ सभी एक्सप्रेस-वे के रास्ते घर लौट रहे थे कि, तभी अचानक कैंटर खराब होने की वजह से दर्दनाक हादसा हो गया।
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