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Noida Airport से उड़ना तो होगा आसान, लेकिन हवाईअड्डे तक पहुंचेंगे कैसे? सामने आ रही बड़ी समस्या

जेवर एयरपोर्ट के शुरू होने में अब सिर्फ 8 महीने बाकी हैं। करीब 6000 करोड़ की लागत से बन रहे इस एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी को लेकर कई विकल्पों पर काम चल रहा है। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से कनेक्टिविटी तो लगभग तय है लेकिन अन्य परियोजनाओं का अभी तक कोई अता-पता नहीं है। मेट्रो नमो भारत रेल पॉड टैक्सी सड़क मार्ग आदि की परियोजनाएं फाइलों से बाहर नहीं निकल पाई हैं।

By Arvind Mishra Edited By: Sonu Suman Updated: Fri, 30 Aug 2024 01:37 PM (IST)
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जेवर एयरपोर्ट 8 महीने बाद होगा शुरू लेकिन कनेक्टिविटी का काम पूरा नहीं हुआ।

अरविंद मिश्रा, ग्रेटर नोएडा। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को शुरू होने में आठ माह का वक्त बचा है। करीब छह हजार करोड़ की लागत से बन रहे एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी को वर्षों से कई विकल्पों पर काम हो रहा है, किंतु दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से कनेक्टिविटी को छोड़ दें तो अभी तक अन्य कोई परियोजना धरातल का मुंह नहीं देख सकती है। यहां तक की ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे और यमुना एक्सप्रेस वे को जोड़ने के लिए बनने वाले इंटरचेंज का निर्माण तक अधर में फंसा हुआ है। 

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से सहमति के बावजूद प्रदेश कैबिनेट की स्वीकृति के इंतजार में इंटरचेंज निर्माण का काम रुका हुआ है। एयरपोर्ट शुरू होने से गौतमबुद्ध नगर हवाई यात्री सेवा देने वाले जिले में शामिल हो जाएगा, लेकिन यातायात को लेकर सड़कों पर जो दबाव बढ़ेगा, उससे जाम के हालात गंभीर हो सकते हैं। 

एक करोड़ बीस लाख यात्री सालाना करेंगे सफर

एयरपोर्ट से शुरुआत में एक करोड़ बीस लाख यात्री सालाना हवाई यात्रा करेंगे। एयरपोर्ट तक यात्रियों की सुगम आवाजाही सबसे बड़ी चुनौती है। इसके लिए वर्षों से विभिन्न विकल्पों पर चर्चा हो रही है। रेलवे से लेकर मेट्रो, नमो भारत रेल, पॉड टैक्सी, सड़क मार्ग आदि के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार कराई गई। इन पर करोड़ों रुपये पानी की तरह से बहा दिए गए, लेकिन अभी तक यह परियोजना फाइलों से बाहर का रास्ता नहीं देख पाई हैं। 

मेट्रो, पॉड टैक्सी परियोजना की प्लानिंग रद्द 

आइजीआई एयरपोर्ट को नोएडा एयरपोर्ट से कनेक्टिविटी के लिए जेवर से नई दिल्ली तक मेट्रो परियोजना और नोएडा एयरपोर्ट से फिल्म सिटी तक पॉड टैक्सी परियोजना के लिए यमुना प्राधिकरण ने डीपीआर तैयार कराई, करोड़ों रुपये खर्च हुए, लेकिन डीपीआर रद्दी टोकरी में पहुंच गईं। गाजियाबाद से नोएडा एयरपोर्ट तक 72 किमी लंबे नमो भारत की डीपीआर को प्रदेश सरकार स्वीकृत कर चुकी है, पर अभी निर्माण के लिए बजट का इंतजार है। एयरपोर्ट शुरू होने के बाद भी नमो भारत रेल की कनेक्टिविटी के लिए छह साल का इंतजार करना होगा।

यमुना एक्सप्रेस-वे के ऊपर से गुजरता दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे

रुंधी से चोला रेलवे रूट प्लानिंग के शुरुआती चरण में हरियाणा के रुंधी से चोला तक रेलवे ट्रैक बिछाकर नोएडा एयरपोर्ट के साथ दिल्ली मुंबई और दिल्ली हावड़ा रूट को आपस में जोड़ने की परियोजना प्लानिंग के अभी शुरुआती चरण में करीब साठ किमी लंबे इस रूट को अभी विभिन्न विभागों से लेकर केंद्र सरकार की मंजूरी और बजट का पड़ाव पार करना है।

सड़कों पर बढ़ेगा यातायात, जाम से निपटने की चुनौती 

एयरपोर्ट के शुरू होने से दिल्ली एनसीआर समेत पश्चिम उत्तर प्रदेश, हरियाणा के सीमावर्ती जिलों से सालाना एक करोड़ बीस लाख यात्री हवाई सेवा के लिए नोएडा एयरपोर्ट का रुख करेंगे। नोएडा, ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे राष्ट्रीय राजमार्ग आदि में यातायात का दबाव कई गुना बढ़ेगा, सड़कों पर जाम के हालात से निपटना सबसे बड़ी चुनौती होगा। 2019 में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे व यमुना एक्सप्रेस को इंटरचेंज बनाकर जोड़ने की योजना छह साल बाद भी अधर में फंसी है। लोगों को लंबा रास्ता तय करना पड़ता है।

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