Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Noida Sports City: स्पोर्ट्स सिटी के 40 हजार से अधिक निवेशकों को दीपावली तक मिल सकती बड़ी राहत

Noida Sports City स्पोर्ट्स सिटी के 40 हजार से अधिक निवेशकों को बड़ी राहत मिल सकती है। 14 वर्ष बाद डेवलपर्स ने स्पोर्ट्स सिटी का रिवाइज्ड प्लान सौंप दिया है। इस प्रस्ताव को शासन के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।

By Kundan TiwariEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Wed, 05 Oct 2022 12:17 PM (IST)
Hero Image
Noida Sports City: स्पोर्ट्स सिटी के 40 हजार से अधिक निवेशकों को दीपावली तक मिल सकती बड़ी राहत

नोएडा, जागरण संवाददाता। नोएडा के पांच सेक्टरों में बसने वाली स्पोर्ट्स सिटी में निवेश करने वाले 40 हजार से अधिक निदेशकों को दीपावली तक बड़ी राहत मिल सकती है। 14 वर्ष बाद डेवलपर्स ने सेक्टर-150 स्पोर्ट्स सिटी का रिवाइज्ड प्लान नोएडा प्राधिकरण को सौंप दिया है।

बोर्ड बैठक में रखा जाएगा प्रस्ताव

इसकी पुष्टि करते हुए नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी ने कहा कि रिवाइज्ड प्लान का परीक्षण चल रहा है। सब कुछ ठीक रहा तो बोर्ड बैठक में प्रस्ताव रखा जाएगा। शासन के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा, जिसके बाद ही स्पोर्ट्स सिटी में खरीदारों की रजिस्ट्री कराने का मौका मिल सकता है।

स्पोर्ट्स सिटी विकसित करने की प्राधिकरण ने निकाली थी महायोजना

वर्ष 2008 में कामनवेल्थ गेम्स की तर्ज पर नोएडा में खेलकूद गतिविधियों का आयोजन हो सके। इसलिए 14 साल पहले स्पोर्ट्स सिटी विकसित करने की महायोजना नोएडा प्राधिकरण ने निकाली थी। उस समय वैश्विक स्तर पर आर्थिक मंदी चल रही थी, लिहाजा इस महायोजना को पूरा करने के लिए सस्ती दरों पर जमीन उपलब्ध कराने का निर्णय भी लिया गया।

योगी सरकार की YEIDA Plot Scheme में आवेदन करने में हजारों लोगों आ रही परेशानी, उठी डेट बढ़ाने की मांग

सेक्टर-78, 79, 101, 150, 152 में चार बिल्डरों को 33,30,500 वर्ग मीटर में जमीन आवंटित की गई। इसमें 360 करोड़ रुपये की लागत से करीब 12 खेल सुविधाएं देनी थी। सेक्टर-150 स्पोर्ट्स सिटी बनाने के लिए दो बिल्डर लाजिक्स इंफ्रा डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और थ्री सी ग्रीन डेवनपर्स स्पोर्ट्स सिटी प्राइवेट लिमिटेड को क्रमश : नौ लाख 7 हजार 987 और 13 लाख 29 हजार 745 वर्गमीटर जमीन अलाट की गई।

Dussehra 2022: ग्रेटर नोएडा वेस्ट में आज भी डराता है रावण, इस गांव में नहीं मनाया जाता दशहरा

दोनों ने इस जमीन को 24-24 उप खंडों में बेच दिया। जिसमें कुछ का निर्माण हो सका अधिकांश खाली है। योजना के तहत स्पोर्ट्स सिटी में 70 फीसद भूखंड पर स्पोर्ट्स गतिविधि तैयार करनी थी, जिस पर आने वाले खर्च को निकालने लिए 28 फीसद जमीन पर ग्रुप हाउसिंग व दो फीसद पर व्यवसायिक गतिविधियों को तैयार करना था, लेकिन बिल्डरों ने अपने फायदे का 30 फीसद काम पूरा किया, स्पोर्ट्स गतिविधियां चालू नहीं हो सकी।

बिल्डर को इन खेलों के लिए करना था ग्राउंड का निर्माण

  • गोल्फ कोर्स (नौ होल्स) की निर्माण करीब 40 करोड़ रुपये
  • मल्टीपर्पज प्ले फील्ड का निर्माण 10 करोड़ रुपये
  • टेनिस सेंटर का निर्माण 35 करोड़ रुपये
  • स्वीमिंग सेंटर का निर्माण 50 करोड़
  • प्रो-शाप्स/फूड बेवरेज का निर्माण 30 करोड़
  • आइटी सेंटर/एडमिनिस्ट्रेशन/मीडिया सेंटर 65 करोड़
  • इंडोर मल्टीपर्पज स्टोर्स 30 करोड़
  • क्रिकेट अकादमी, इंटरनल रोड एंड पार्क 25 करोड़
  • हास्पिटल, सीनियर लिविंग/मेडिसन सेंटर 60 करोड़

चार भूखंड हुए थे आवंटित

बिल्डर कंपनी जमीन उपविभाजिक भूखंड मानचित्र स्वीकृत थ्री सी ग्रीन डेवलपर्स सेक्टर (78,79,101) 7,27,500 वर्ग मीटर 16 11 लाजिक्स इंफ्रा प्राइवेट डेवलपर्स एससी(01/150) 8,00000 वर्ग मीटर 24 18 थ्री सी ग्रीन डेवलपर्स स्पोर्ट्स सिटी एससी (02/150) 12,00000 वर्ग मीटर 24 13 एटीएस होम्स प्राइवेट लिमिटेड एससी (01/152) 5,03,000 वर्ग मीटर 10 04

प्राधिकरण का 3911.07 करोड़ रुपये बकाया

बिल्डर कंपनी बकाया थ्री सी ग्रीन डेवलपर्स व सबलीज कंपनी 401.01 करोड़ लाजिक्स इंफ्रा प्राइवेट डेवलपर्स 1685.74 करोड़ रुपये थ्री सी ग्रीन डेवलपर्स स्पोर्ट्स सिटी 1215.14 करोड़ रुपये एटीएस होम्स प्राइवेट लिमिटेड 609.18 करोड़ रुपये (नोट: बकाया 31 जुलाई 2020 तक प्राधिकरण की ओर से किए गए आकलन के अनुसार है।)

सीएजी ने लगाई थी 12 आपत्तियां

  • प्राधिकरण द्बारा भूमि की दर अत्यंत कम लगाई गई।
  • स्थल पर खेलकूद सुविधाओं का विकास नहीं हुआ।
  • सब लीज इस प्रकार की गई है कि किसी एक खेलकूद की गतिविधि को दो या दो से अधिक विकासकर्ताओं को दे दिया गया है। अत: एकीकृत रूप से खेलकूद की गतिविधियां विकसित नहीं की जा सकती है।
  • खेलकूद सुविधाओं के विकास से पूर्व एफएआर को ग्रुप हाउसिग में स्थानांतरित कर दिया गया।
  • स्पोर्ट्स सिटी में आवासीय तथा वाणिज्यिक गतिविधियां स्वीटनर की तरह अनुमन्य की गई थी लेकिन आवंटी / उप पट्टा धारकों द्बारा खेल सुविधाओं का विकास न करके केवल आवासीय / ग्रुप हाउसिग का निर्माण कर लिया गया है। जो योजना की नियम व शर्त का उल्लंघन है।
  • स्पोर्ट्स सिटी का विकास एकीकृत रूप से किया जाना था, लेकिन इस योजना में किए गए उप विभाजित भूखंडों का पृथक इकाई माना गया।
  • मास्टर प्लान मे रिक्रेशनल ग्रीन भू-उपयोग के अंतर्गत ग्रुप हाउसिंग का विकास किया जा रहा है।
  • अपात्र विकास कर्ताओं को भी स्पोर्ट्स सिटी के भूखंड आवंटित किए गए।
  • स्पोर्ट्स सिटी परियोजनाओं के ब्रोशर में उल्लेख था कि स्पोर्ट सिटी में विकसित की जाने वाली सुविधाओं हेतु अंतरराष्ट्रीय स्तर की एजेंसी से संपंर्क किया जाए लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
  • स्पोर्ट्स सिटी का आवंटन विभिन्न कन्सोर्डियम को किया गया। कन्सोर्डियम के लीड मेंबर में नियमों के प्रतिकूल बदलाव किया गया।
  • खेल सुविधाएं विकसित होने से पहले ही कुछ प्रकरणों में अधिभोग प्रमाण पत्र जारी किए गए।
लोकल न्यूज़ का भरोसेमंद साथी!जागरण लोकल ऐपडाउनलोड करें