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Noida Crime: दुबई, यूरोप और मालदीव में नौकरी का झांसा, तीन जालसाजों ने 250 लोगों को फांसा; ठगे साढ़े 12 करोड़

नोएडा पुलिस ने गल्फ देशों में नौकरी का झांसा देकर 12.50 करोड़ रुपये की ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। सेक्टर-63 पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है जिनमें एक महिला भी शामिल है। आरोपियों के पास से 6.90 लाख रुपये पांच मोबाइल फोन एक टैब और पैन ड्राइव बरामद की गई है। सरगना दुबई में बैठा जानी दास नाम का शातिर बताया जा रहा है।

By Jagran NewsEdited By: Geetarjun Updated: Wed, 23 Oct 2024 08:49 PM (IST)
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गल्फ देशों में नौकरी के बहाने 250 लोगों से साढ़े 12 करोड़ ठगने वाले तीन गिरफ्तार।
जागरण संवाददाता, नोएडा। सेक्टर-63 पुलिस ने गल्फ देशों में 250 लोगों को नौकरी देने के बहाने 12.50 करोड़ रुपये ठगने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। बुधवार सुबह टीम ने महिला समेत तीन आरोपियों को ए ब्लॉक ग्रीन बेल्ट से दबोच लिया। तीनों से 6.90 लाख रुपये, पांच मोबाइल फोन, एक टैब और पैन ड्राइव बरामद की हैं।

गिरोह का सरगना दुबई में बैठा जानी दास नाम का शातिर बताया है। पुलिस इनके खातों की जांच करा रही है।

आरोपियों के पास से बरामद नोट और सामान

ग्लोबल ट्रैवर्ल्स के नाम से ऑफिस खोला

डीसीपी सेंट्रल जोन शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि योगेंद्र उर्फ अनीस पुत्र लल्लू रैकवार निवासी पीतमपुरा थाना रानीबाग दिल्ली, मनोज उर्फ रिजवान पुत्र किशोरी लाल निवासी मेट्रो विहार होलंबी कला थाना नरेला इंडस्ट्रियल एरिया दिल्ली और कोमल उर्फ ज्योति निवासी बक्करबाला पश्चिम दिल्ली को दबोचा है। पूछताछ में तीनों ने कबूला कि तीन महीने पहले सेक्टर-63 के एच ब्लॉक में ग्लोबल ट्रैवर्ल्स के नाम से ऑफिस खोला था।

इन देशों में नौकरी लगाने का देते झांसा

उसमें आरोपी कोमल फेसबुक पर पेज बनाकर लोगों को अजरबैजान, दुबई, सऊदी अरब, आयरलैंड, लक्जर्मबर्ग, मालदीव, ओमान और कुवैत में नौकरी का झांसा देते थे। फेसबुक पेज के माध्यम से जो भी लोग गिरोह से संपर्क करते थे। उनका फोन नंबर व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ लेते थे।

बाद में उन्हें कंपनी का अपॉइंटमेंट लेटर, पासपोर्ट, वीजा, साक्षात्कार अन्य बहानों से प्रतिव्यक्ति चार से पांच लाख रुपये खाते में जमा करा लेते थे। पुलिस को अभी तक उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा के 75 लोगों ने शिकायत दी है।

तलाक की सुनवाई के दौरान कोर्ट में मिले थे कोमल और मनोज

उनके मुताबिक, कोमल उर्फ ज्योति अपने पति से तलाक का केस चल रहा है जबकि मनोज उर्फ रिजवान का भी अपनी पत्नी से तलाक का मामला कोर्ट में चल रहा है। दोनों की सवा साल पहले दिल्ली की कोर्ट में एक दूसरे से मुलाकात हुई थी। उसी बीच दोनों योगेंद्र के संपर्क में आए थे। सहायक पुलिस आयुक्त राजीव कुमार गुप्ता ने बताया कि तीनों शातिर भोले लोगों को जाल में फंसाकर फर्जी वीजा थमाकर एयरपोर्ट भेज देते थे।

वहां जब अथॉरिटी के अधिकारी उन्हें लाइन से हटा देते थे। तब उन्हें धोखाधड़ी का पता चलता था। पुलिस का कहना है कि गिरोह के तीनों सदस्य ऑफिस बंद करके रातोंरात दूसरे राज्य में भागने की फिराक में थे। उनके खिलाफ थाने में 70 से ज्यादा लोगों ने शिकायत देकर मुकदमा कराया है। पूछताछ के बाद तीनों को अग्रिम कार्रवाई के लिए कोर्ट में पेश किया।

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हर काम पर वसूली रकम, लोगों को थमाया डमी टिकट

तीनों शातिर अपने फर्जी कॉल सेंटर में ही डमी टिकट बनाकर लोगों को देते थे। इससे पहले हर काम के लिए रकम वसूलते थे। इतना ही नहीं, शातिर कॉल सेंटर बंद करने से पहले लोगों के पासपोर्ट खत्म कर देते थे। पूछताछ में पता चला कि आरोपी योगेंद्र 10वीं, मनोज 12वीं जबकि कोमल उर्फ ज्योति टीचर का कोर्स कर चुकी है।

वह कॉल सेंटर में लोगों को फोन से भी सम्पर्क करती थी। धोखाधड़ी का पूरा पैसा प्रेमपाल रैकवार के खाते में जमा कराते थे। तीनों आरोपित अपनी पहचान छिपाने के लिए लोगों से नाम बदल-बदलकर कर बात करते थे। फिलहाल पुलिस इनके बाकी साथियों का पता कर रही है।

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