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Noida: लैप्स पॉलिसी कैंसिल कराकर पूरा पैसा दिलाकर ठगी, गैंग को चला रही थी युवती; छह आरोपी गिरफ्तार

Noida Crime News लैप्स हुई पॉलिसी को कैंसिल कराकर ब्याज सहित पूरा पैसा दिलाने का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए फेज वन कोतवाली पुलिस ने शुक्रवार को महिला सहित छह आरोपितों को दबोच लिया। गिरोह की सरगना महिला है।

By Jagran NewsEdited By: GeetarjunUpdated: Fri, 03 Mar 2023 07:48 PM (IST)
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लैप्स पॉलिसी कैंसिल कराकर पूरा पैसा दिलाकर ठगी, गैंग को चला रही थी युवती; छह आरोपी गिरफ्तार

नोएडा, जागरण संवाददाता। लैप्स हुई पॉलिसी को कैंसिल कराकर ब्याज सहित पूरा पैसा दिलाने का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए फेज वन कोतवाली पुलिस ने शुक्रवार को महिला सहित छह आरोपितों को दबोच लिया। गिरोह की सरगना महिला है। आरोपितों के कब्जे से एक स्मार्ट फोन, पांच की-पैड फोन व कालिंग डाटा बरामद हुआ है।

पॉलिसी पर सस्ती ब्याज दर पर लोन दिलाने के नाम पर भी आरोपित व्यापक स्तर पर ठगी कर रहे थे। आरोपितों की पहचान दिल्ली के विश्वास नगर की सलोनी जैन, गोरखपुर के लाहर के दिवाकर शर्मा, गाजियाबाद के खोड़ा कालोनी के विनोद शर्मा, बिहार के मधुबनी के दीपक झा,सिवान के नजफ मेंहदी और रामपुर के मिलक के विपिन कुमार के रूप में हुई है।

सलोनी जैन गिरोह की मुखिया है। एडिशनल डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि आरोपितों द्वारा लोगों को काल करके लैप्स हुई पॉलिसी को कैंसिल कराकर ब्याज सहित पूरा पैसा दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी कर फाइल चार्ज और अन्य खर्चे के नाम पर ठगी की जाती थी। 50 से अधिक लोगों के साथ आरोपितों ने सस्ती ब्याज दर पर लोन दिलाने के नाम पर भी ठगी की है।

पैसा ट्रांसफर होने के बाद जालसाज नंबर बंद कर लेते थे और पीड़ितों को गुमराह करते थे। मुख्य अभियुक्ता सलोनी जैन पूर्व में एक इंश्योरेंस कंपनी में नौकरी करती थी, जहां से यह पॉलिसी धारकों का डाटा ले आई और उसी लिस्ट में से पॉलिसी धारकों को काल करके धोखाधड़ी करती थी। आरोपित ऐसे लोगों को निशाना बनाते थे, जिनकी किसी वजह से बीमा पॉलिसी लैप्स हो गई है।

मोबाइल से खुलेंगे राज

एसीपी सुशील गंगा प्रसाद ने बताया कि शातिर बीते एक साल से नोएडा के अलग-अलग ठिकानों पर दफ्तर खोलकर ठगी कर रहे थे। समय-समय पर दफ्तर में काम करने वाले कर्मचारियों को नौकरी से बाहर निकाल दिया जाता था, ताकि उनको ठगी की जानकारी न हो पाए।

आरोपित कर्मचारियों को बताते थे कि उनकी कंपनी रजिस्टर्ड है और अनुबंध के तहत यह कार्य किया जा रहा है। गिरोह में शामिल अन्य आरोपितों की तलाश जारी है। पुलिस के मुताबिक आरोपितों के कब्जे से मिले मोबाइल में कई अहम जानकारी है। जिसकी जांच की जा रही है।

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