अन्तर्राज्यीय वाहन चोर गिरोह का सरगना समेत पांच गिरफ्तार, पांच मिनट में उड़ा देते थे वाहन; लग्जरी समेत 17 कार बरामद
Noida Crime नोएडा पुलिस ने एक अन्तर्राज्यीय वाहन चोर गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गिरोह के सरगना समेत पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपितों के पास से लग्जरी समेत 17 कार बरामद की गई है। पूछताछ में पता चला कि ये आरोपित पांच मिनट में ही कार को चोरी कर लेते थे। पढ़िए इस गिरोह के बारे में पूरी जानकारी।
मुनीश शर्मा, नोएडा। सेक्टर 24 कोतवाली, स्वाट व सीआरटी पुलिस टीम ने अन्तर्राज्यीय वाहन चोरी करने वाले गिरोह के सरगना समेत पांच सदस्यों को सेक्टर 54 चौकी कट के पास से गिरफ्तार किया। इनमें चोरी के वाहन खरीदने वाला भी शामिल है।
लग्जरी समेत 17 कार बरामद
टीम ने गिरोह से दिल्ली व गौतमबुद्ध नगर से चोरी की इनोवा, एंडेवर लग्जरी समेत 17 कार बरामद की हैं। पांचों आरोपितों पर दिल्ली, यूपी व एमपी के कई थानों में 98 मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस ने चोरों के लंबे समय से चोरी की वारदात करने और महज 100 वाहन चोरी करने का दावा किया है।
ये हैं गिरफ्तार किए गए आरोपित
डीसीपी नोएडा रामबदन सिंह ने बताया कि टीम ने गिरोह के सरगना देहली गेट मेरठ के आरिफ उर्फ डोरामोन, खलीलाबाद संतकबीरनगर के अब्बास उर्फ इकराम, छाता मथुरा के कप्तान उर्फ भूरा उर्फ भूट्टन, खिस्तयैजान मेरठ व रामपुरा कोटा राजस्थान के अब्दुल रज्जाक को गिरफ्तार किया।पूछताछ में चोरों ने बताया कि सभी आरोपित शातिर चोर हैं और दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश समेत कई अन्य राज्यों में सक्रिय हैं। आरिफ पर 30, अब्बास पर 23, कप्तान पर 22, आसिफ पर 12, अब्दुल पर 11 मुकदमे दर्ज हैं।
ऑन डिमांड करते थे वाहन चोरी
यह गिरोह ऑन डिमांड चोरी कर वाहनों को देश के विभिन्न कोने में मनमाफिक रेट पर बेच देते हैं। चेसिंस, इंजन व कार नंबर बदलकर पकड़ में नहीं आते हैं। वाहन चोरी के लिए की प्रोग्रामिंग पेड की मदद से कार की ईसीएम को रिप्रोग्राम कर देते हैं। महज पांच मिनट में कार चोरी कर ले जाते हैं। फिर वाहनों से नंबर प्लेट हटाकर ग्रीन बेल्ट, पार्किंग में खड़ा कर देते।यह भी पढ़ें- लोन दिलाकर 2 बच्चों की मां को फंसाया, शादी रचाई और करता रहा महिला के पैसों पर अय्याशी; फिर अचानक हो गया फरारबताया गया कि कारों के फर्जी पेपर व नंबर प्लेट बदलकर पंजाब, हरियाणा, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, चेन्नई व नार्थ ईस्ट प्रदेशों में बेच देते। आरोपित भी कक्कड़ गिराेह की तरह पुलिस से बचने के लिए व्हाट्सएप से जुड़कर काम करते व कार खराब होने की तकनीक अपनाकर वाहनों को बॉर्डर पार कराते हैं।
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