Noida Traffic Jam: नोएडावासियों को मिलेगी जाम से मुक्ति, ट्रैफिक पुलिस ने बनाया खास प्लान
Noida Traffic Jam नोएडा में लगने वाले ट्रैफिक जाम से लोगों को जल्द ही मुक्ति मिलेगी। ट्रैफिक जाम को लेकर पुलिस ने खास प्लान बनाया है। वहीं पुलिस अधिकारियों ने लोगों के हर सवाल का जवाब भी दिया है। अभी तक नोएडा में आए दिन जाम की स्थित बनी रहती है। आइए आपको बताते हैं कि पुलिस ने ट्रैफिर जाम के लिए क्या प्लान बनाया है?
जागरण संवाददाता, नोएडा। Noida Traffic Jam शहर में जाम की समस्या आम हो गई है। जाम के प्रमुख कारणों में सड़कों की खराब इंजीनियरिंग, ऑटो-बस चालकों की मनमानी, यातायात नियमों का उल्लंघन शामिल है। इससे परेशान शहरवासियों का दैनिक जागरण ने प्रश्न पहर के माध्यम से पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) यातायात यमुना प्रसाद और सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) यातायात रामकृष्ण तिवारी से सीधे फोन पर बात कराई।
पुलिस अधिकारियों बनाया है खास प्लान
वहीं, दोनों अधिकारियों ने उन्हें अपनी रणनीति बताई। बताया कि छह प्रमुख स्थानों पर जाम लगता है, उन्हें चिह्नित करके समस्या के समाधान की दिशा में काम शुरू हो गया है। तीन-चार माह में समस्या का समाधान हो जाएगा। प्रस्तुत है पाठकों और ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों के बीच फोन पर हुई बातचीत के मुख्य अंश..
गिझौड़ चौक के पास व्यस्त समय में बस, आटो, टेंपो चालक द्वारा सड़क पर गलत लेन में खड़े होने से परेशानी होती है ? (सोनू यादव, सर्फाबाद)
-सीएनजी पंप पर वाहनों के दबाव से समस्या रहती है। पंप के संचालकों को नोटिस देकर निर्देशित किया है कि वह अपना स्टाफ लगाकर उसे व्यवस्थित करने का काम करें। जल्द सुधार देखने को मिलेगा।
-एक अक्टूबर से ग्रेप के नियम लागू होंगे। ओवरलोड प्रदूषण फैलाते हैं। मेट्रो स्टेशन के नीचे आटो, टेंपो, ई-रिक्शा के कारण जाम लगता है ? (अमित गुप्ता, सेक्टर-77)
-कौन से वाहन कब चलने हैं इसके समय निर्धारित है। डंपर के खिलाफ कार्रवाई होती है। अभी कई जगह नोएडा प्राधिकरण से ई-रिक्शा, आटो, टेंपो के लिए पार्किंग स्टैंड बनाने की मांग की है। ट्रैफिक पुलिस की ओर से पहले अभी वर्तमान में व्यवस्ता को बनाने के लिए मेट्रो स्टेशन के लिए उपरोक्त वाहनों के लिए एक लेन बनाई जाती है। लेन में पहले आओ, पहले सवारी बैठाने की व्यवस्था लागू होती है।
-सेक्टर-6 से सेक्टर-1 गोल चक्कर होकर सेक्टर-14ए जाने वाले मार्ग को बंद कर दिया गया है। चालकों को सेक्टर-15 पेट्रोल पंप से घूम कर जाना होता है। इससे व्यस्त समय में जाम लगता है ? (ऋषि शर्मा, सेक्टर-15)
-सर्वे कराकर जरूरी व्यवस्था बनाने का काम किया जाएगा। अगर लगेगा कि कट बंद होने से जाम लगता है तो उसे खुलवाने का प्रयास किया जाएगा।
- सेक्टर-52 मेट्रो स्टेशन के नीचे पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। इससे लोग गलत तरीके से वाहन पार्क करते हैं। सेक्टर-51 यूटर्न के पास बैरिकेड नहीं लगी होने से परेशानी होती है। सीएनजी पंप के पास जाम रहता है ? (संजीव कुमार, सेक्टर-51), (विनीत शर्मा, सेक्टर-62)
-नो पार्किंग में खड़े वाहनों के समय-समय पर कार्रवाई की जाती है। यूटर्न के पास जरूरी समाधान के लिए सर्वे कराया जाएगा। सीएनजी पंप के पास भी जरूरी सुधार किए जाएंगे।
-बहरामपुर से इलेक्ट्रानिक सिटी तक जाम रहता है। शनि मंदिर और माडल टाउन के पास व्यस्त समय में जाम लगता है ? (डा. शशि रंजन, गाजियाबाद)
-माडल टाउन और छिजारसी के पास व्यस्त समय में यातायात का दबाव रहता है। माडल टाउन और छिजारसी के पास नोएडा प्राधिकरण के साथ मिलकर जरूरी सुधार किए जाने हैं। इनमें एफओबी बनाने के साथ रोड इंजीनियरिंग में सुधार शामिल है। जल्द ही सुधार देखने को मिलेगा।
- मैं गाजियाबाद से एनएच-9 का रास्ते उपयोग करके सेक्टर-8 जाता हूं। छिजारसी, माडल टाउन, लेबर चौक के पास आटो, टेंपों, ई-रिक्शा के कारण जाम लगता है ? (एनके नेगी, गाजियाबाद)
-उपरोक्त जगह पर जाम से निपटने के लिए ट्रैफिक ड्यूटी लगाई जाती है। जिन जगह पर ड्यूटी नहीं होती है, वहां जाम की सूचना पर ट्रैफिक मार्शल भेजकर जाम को खत्म कराया जाता है। यहां पर बोटलनेक बनती है। इसके अलावा पांच अन्य स्थानों पर भी यह समस्या है। उसे चिह्नित कर लिया गया है। जल्द ही समस्या का समाधान किया जाएगा।
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- ऑटो चालक क्षमता से अधिक सवारी बैठाते हैं इससे हादसे की संभावना बनती है। चालक गलत तरीके के साथ तेजी से वाहन चलाते हैं ? (संजीव महतो, सेक्टर-34)
-क्षमता से अधिक सवारी बैठाने पर ऐसे वाहन चालकों का चालान किया जाता है। ट्रैफिक पुलिस की ओर से ऐसे वाहन चालक जो दो बार से अधिक नियमों का उल्लंघन करते मिलते हैं उनके ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) निलंबित कराने के लिए एआरटीओ को पत्र लिखा जाता है।
-छलेरा से सेक्टर-37 की ओर जाने वाले मार्ग पर सड़क किनारे करीब 500 मीटर के दायरे में अवैध रूप से मैकेनिक वर्क होता है। अवैध बस संचालित होती है ? (पवन यादव, सेक्टर-100)
-नो पार्किंग का उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई की जाती है। सड़क पर अवैध तरीके से बस खड़ी कर सवारी भरने पर परिवहन निगम के साथ कार्रवाई की जाती है। संबंधित एरिया में सख्त कार्रवाई की जाएगी।
-आटो, टेंपो के लिए कलर कोड के साथ वाहन के अंदर नंबर लिखे जाने की व्यवस्था की गई थी। अब उसका अभाव है। आटो, टेंपो, ई-रिक्शा चालकों के लिए ड्रेस कोड लागू होना चाहिए ? (आलोक सिंह, ग्रेटर नोएडा)
-अभी आटो, टेंपो को संबंधित रूट के लिए परमिट जारी करने क काम आरटीओ की ओर से किया जाता है। वहीं ई-रिक्शा का पंजीयन भी उन्हीं के कार्यालय में होता है। आटो, टेंपो के लिए पहले से ड्रेस कोड लागू है। ई-रिक्शा के संबंध में परिवहन निगम के अधिकारियों के साथ बैठक की जाएगी। -- मोहम्मद बिलाल