गिरफ्तार 4 तथाकथित पत्रकारों ने यूपी के कई अफसरों के लिए नाम, लखनऊ तक मचा हड़कंप
तथाकथित पत्रकारों से पूछताछ में खुलासा हुआ है कि अवैध उगाही की रकम में से 60 फीसद अधिकारियों को दिया गया जबकि 40 फीसद रकम आरोपितों ने आपस में बांट लिए।
By JP YadavEdited By: Updated: Mon, 26 Aug 2019 07:46 AM (IST)
नोएडा, जेएनएन। न्यू पोर्टल व सोशल मीडिया पर भ्रामक व फर्जी खबरें प्रसारित करने के मामले में गिरफ्तार चार तथाकथित पत्रकारों को लेकर नोएडा से लखनऊ तक हड़कंप मचा हुआ है। कोर्ट से पांच दिन की रिमांड पर लिए गए आरोपितों से रविवार को वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने पुलिस लाइन में पूछताछ की।
कथित पत्रकारों से प्रभावित अधिकारियों पर लटकी कार्रवाई की तलवारबताया जा रहा है कि इन तथाकथित चारों पत्रकारों ने पूछताछ में नोएडा से बाहर तैनात कुछ अधिकारियों के नाम का पर्दाफाश किया है। इन अधिकारियों को प्रभाव में लेकर उन्होंने नियम विरुद्ध कई कार्य करा कर लाखों रुपये की अवैध उगाही की है। अवैध उगाही की रकम में से 60 फीसद अधिकारियों को दिया गया, जबकि 40 फीसद रकम आरोपितों ने आपस में बांट लिए। आरोपितों से हुए पर्दाफाश के बाद अब उन अधिकारियों पर कार्रवाई की तलवार लटकती जा रही है, जिन्होंने अपनी कुर्सी का दुरुपयोग कर पीड़ितों के साथ अन्याय किया है।
फरार एक तथाकथित पत्रकार 25000 का इनाम
दरअसल, शुक्रवार को पुलिस ने तथाकथित पत्रकार सुशील पंडित निवासी सेक्टर-37, उदित गोयल निवासी सूरजपुर, चंदन राय निवासी गाजियाबाद व नितीश पांडेय निवासी लखनऊ को गिरफ्तार किया है। बीटा-एक निवासी आरोपित रमन ठाकुर अभी फरार है। उस पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित है। आरोपितों पर न्यूज पोर्टल, फेसबुक, ट्वीटर व व्हाट्सएप आदि सोशल मीडिया पर भ्रामक व फर्जी खबरें प्रसारित करने का आरोप है। जिलाधिकारी ने इन पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की है। पुलिस ने गिरफ्तार आरोपितों को कोर्ट में पेश कर पांच दिन की रिमांड पर ले लिया है।
आरोपितों ने प्रभाव में आकर नियम विरुद्ध कार्य करने वाले कुछ अधिकारियों के नाम बताए
एसएसपी ने शनिवार को प्रेस वार्ता में दावा किया था कि आरोपित पुलिस अधिकारियों को प्रभाव लेकर नियम विरुद्ध कार्य करा कर अवैध धन उगाही करते थे। जो अधिकारी इनके प्रभाव में नहीं आते थे, उनके खिलाफ न्यूज पोर्टल व सोशल मीडिया पर भ्रामक, तथ्यहीन व फर्जी खबरें पर प्रसारित कर उन्हें दबाव में लेने का प्रयास करते थे। पिछले कुछ महीने में आरोपितों ने कई फर्जी खबरें प्रसारित की, ताकि वे अपने खिलाफ कोर्ट में विचाराधीन मुकदमे को प्रभावित कर सकें।
हुए कुछ और अहम खुलासे
वहीं, अब पुलिस रिमांड पर लेकर आरोपितों से उन अधिकारियों के बारे में पता लगाने का प्रयास कर रही है, जिन अधिकारियों ने उनके प्रभाव में आकर गलत काम कर पैसे की उगाही करने में मदद की है। इसमें शामिल अन्य फर्जी पत्रकारों के बारे में भी पता लगाया जा रहा है। इसके अलावा पीड़ितों का भी पता लगाया जा रहा है, जिनके साथ अन्याय किया गया है। इनकी पहचान कर पूछताछ की जाएगी। कथित पत्रकारों व अधिकारियों द्वारा अवैध उगाही से बनाई गई प्रापर्टी की पहचान भी किया जा रहा है। रविवार को आरोपितों ने पूछताछ में कई अहम पर्दाफाश किया है। आरोपितों ने कुछ इंस्पेक्टर, क्षेत्राधिकारी व आइपीएस अधिकारियों के नाम बताए हैं। वहीं, फरार आरोपित रमन ठाकुर की तलाश में पुलिस लगातार दबिश दे रही है। हालांकि अभी तक उसका पता नहीं चल सका है। आशंका है कि वह कोर्ट में सरेंडर करने की फिराक में है।
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