पोर्न वीडियो दिखाकर बच्ची से कई बार डिजिटल रेप, चुभाई नुकीली चीज; नोएडा के स्कूल में हुई घिनौनी करतूत
Noida Crime News नोएडा के एक प्रतिष्ठित स्कूल में प्री-प्राइमरी की 3.5 साल की बच्ची के साथ डिजिटल रेप की घटना सामने आई है। स्कूल केयरटेकर ने बच्ची को पोर्न वीडियो दिखाकर कई बार दरिंदगी की। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है। इस घटना ने स्कूल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
जागरण संवाददाता, नोएडा। सेक्टर-20 थाना क्षेत्र के सेक्टर-27 स्थित नामी स्कूल में प्री प्राइमरी की करीब साढ़े तीन वर्षीय बच्ची से स्कूल स्टाफ ने पोर्न वीडियो दिखाकर कई बार डिजिटल रेप किया था। मामले में दर्ज मुकदमे की धाराओं से इसकी पुष्टि हो रही है।
पुलिस को आरोपी के मोबाइल से महत्वपूर्ण वीडियो मिले हैं। उसके साइको होने की भी आशंका जताई जा रही है। इस वारदात ने स्कूल की सुरक्षा-व्यवस्था की पूरी तरह से पोल खोल दी है।
गुमसुम थी बच्ची
वारदात के बाद से बच्ची बीमार हो गई थी। काफी डरने की वजह से वह गुमसुम रहने लगी थी। दो-दिन से स्कूल नहीं जा रही थी। इस पर स्वजन को अनहोनी की आशंका हुई। उन्होंने बच्ची से प्यार से बात की। काफी देर बाद उसने बताया कि स्कूल में खाने की प्लेट देने वाले अंकल ने गंदी हरकत की है।शरीर में कोई नुकीली चीज चुभाई है। इस पर स्वजन उसे चिकित्सक के पास ले गए। चिकित्सक ने बच्ची के निजी अंगों के साथ छेड़छाड़ होने की जानकारी दी। इससे स्वजन दंग रह गए। उन्होंने पुलिस से शिकायत की।
धाराएं बता रहीं दरिंदगी की कहानी
आरोपी की पहचान मूल रूप से पश्चिम बंगाल के नित्यानंद सरकार के रूप में हुई। वह निठारी, नोएडा में अकेला रहता था। उसकी पत्नी व दो बच्चे पश्चिम बंगाल में रहते हैं। उसके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता यानी बीएनएस की धारा 65(2), पॉक्सो की धारा 5एफ, धारा 5एम व धारा छह के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है।अभियोजन अधिकारी पॉक्सो अधिवक्ता जेपी भाटी ने बताया कि मुकदमे की धाराएं गंभीर हैं। बच्ची की उम्र 12 साल से कम होने के कारण धारा 65(2) लगाई गई है। पॉक्सो की धारा 5एफ, धारा 5एम लगाने से साफ है कि बच्ची के साथ आरोपी पूर्व में कई बार दरिंदगी कर चुका है।
पॉक्सो की धारा 5एम के अनुसार, उसने पोर्न वीडियो दिखाकर बच्ची से दरिंदगी की है। मुकदमे में पॉक्सो की धारा छह लगी है। इससे यह पता चलता है कि नोएडा पुलिस का प्रयास रहेगा कि मुकदमे में प्रभावी पैरवी कर आरोपी को फांसी या अंतिम सांस तक जेल में बंद रहने की सजा दिलाई जाए।
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