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बिजली की कमी नोएडावासियों का छुड़ा सकती है पसीना, पांच क्षेत्रों में लगातार बढ़ रही डिमांड

नोएडा में बिजली की बढ़ती खपत के कारण अगले साल बिजली की कमी हो सकती है। विद्युत निगम ने तीन साल पहले अलग-अलग क्षेत्रों में पांच उपकेंद्र बनाने का प्रस्ताव दिया था लेकिन टेंडर प्रक्रिया में देरी के कारण उपकेंद्रों का निर्माण अभी तक पूरा नहीं हो सका है। सेक्टर 78 75 121 63 समेत पांच क्षेत्रों में अगले साल तक बिजली की खपत और अधिक बढ़ने का अनुमान है।

By Pravendra Singh Sikarwar Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Tue, 10 Sep 2024 10:27 AM (IST)
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अगले साल और बढ़ेगी बिजली की खपत।

प्रवेंद्र सिंह सिकरवार, नोएडा। भीषण गर्मी में बिजली संकट से शहर जूझ चुका है। अगले वर्ष यहां 100 एमवीए की अतिरिक्त खपत और बढ़ेगी। विद्युत निगम ने तीन वर्ष पहले अलग-अलग क्षेत्र में 20-20 एमवीए के पांच उपकेंद्र बनाने के लिए नोएडा प्राधिकरण को प्रस्ताव दिया।

प्राधिकरण ने प्रस्ताव को मंजूर किया। उपकेंद्र बनाने के लिए टेंडर में हो रही देरी से अगले वर्ष तक यहां से बिजली आपूर्ति की उम्मीद भी बेहद कम है। बता दें सेक्टर 78, 75, 121, 63 समेत पांच क्षेत्रों में अगले वर्ष तक बिजली की खपत और अधिक बढ़ने का अनुमान है।

विद्युत निगम ने तैयार की रिपोर्ट

विद्युत निगम यहां पर पहले ही रिपोर्ट तैयार कर चुका है। तीन वर्ष पहले इन क्षेत्रों में पांच उपकेंद्र बनाने के लिए नोएडा प्राधिकरण को कहा गया। प्राधिकरण ने इस प्रस्ताव को मंजूर तो किया, लेकिन उपकेंद्र बनाने के लिए टेंडर प्रकिया अभी तक पूरी नहीं हो सकी है।

गर्मी के दिनों में शहर के लोग ट्रिपिंग और घंटों की कटौती जैसी समस्या से जूझ चुके हैं। विद्युत निगम के आबादी के अनुसार खपत बढ़ने के आसारों को लेकर पहले ही उपकेंद्र बनाने के लिए प्राधिकरण को कहा लेकिन तीन वर्षों में यहां पर टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं होने उपकेंद्रों का कार्य अधूरा है।

ओवरलोड होने से फीडरों को दो घंटे किया था बंद

गर्मी के मौसम में शहर में बिजली की खपत अचानक से बढ़ी। आपूर्ति करने में विद्युत निगम के हाथ पैर फूल गए। शहर के अधिकतर फीडर ओवरलोड रहे।

फीडर को बडे ब्रेकडाउन से बचाने के लिए दो घंटे तक बंद रखा गया। इसके लिए रोस्टर बनाकर प्रभावित क्षेत्र में दूसरे फीडर से बिजली की आपूर्ति की गई। उसमें भी काफी देर तक कटौती हुई। इस वर्ष भीषण गर्मी के दिनों मेंं विद्युत निगम की व्यवस्थाओं की पोल भी हर बार की तरह खुली।

20 एमवीए के पांच उपकेंद्रों की जरूरत है। प्राधिकरण को तीन वर्ष पहले इसका प्रस्ताव भेजा गया है। टेंडर प्रक्रिया चलने की बात उनकी ओर से कही जा रही है।

 -शिवम त्रिपाठी, अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड-1